दूसरे राज्यों की तुलना में राजस्थान में कचरा प्रबंधन काफी पीछे
राजस्थान में 81 मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) प्लांट कार्यरत
स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में राजस्थान दूसरे राज्यों की तुलना में काफी पीछे है
जयपुर। स्वच्छ भारत मिशन के तहत ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के क्षेत्र में राजस्थान दूसरे राज्यों की तुलना में काफी पीछे है। इसी कारण राजस्थान के शहरों को स्वच्छता में अन्य राज्यों की तुलना के मुताबिक रैंकिंग नहीं मिल पाती है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, राज्य में विभिन्न श्रेणियों के कुल 133 ठोस अपशिष्ट प्रबंधन संयंत्र कार्यरत हैं, जिनकी संयुक्त डिजाइन क्षमता 6,396.5 टन प्रति दिन (TPD) है।
राजस्थान में 81 मटीरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) प्लांट कार्यरत हैं, जिनकी कुल डिजाइन क्षमता 2,429.5 TPD है। यह राज्य के अपशिष्ट प्रबंधन ढांचे का सबसे बड़ा घटक है। इसके अतिरिक्त 32 'वेस्ट टू कम्पोस्ट' संयंत्रों की क्षमता 1,633 TPD है, जो जैविक कचरे से खाद बनाने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं। वहीं दूसरी और मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रोज निकलने वाले हजारों टन कचरे का बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है, जिसके कारण इन राज्यों के शहरों की स्वच्छता में अच्छी रैंकिंग सामने आती है।

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