एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड पर आयोजित कार्यशाला
जागरुकता अभियान का संचालन किया जाएगा
बिजली की 40 प्रतिशत की बचत सही डिजाइन से की जा सकती है। यह जानकारी अक्षय ऊर्जा निगम और ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी ने एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड पर आयोजित कार्यशाला में दी।
जयपुर। बिजली की 40 प्रतिशत की बचत सही डिजाइन से की जा सकती है। यह जानकारी अक्षय ऊर्जा निगम और ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी ने एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड पर आयोजित कार्यशाला में दी। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि ऊर्जा दक्षता व ऊर्जा बचत के लिए राजस्थान अक्षय उर्जा निगम राज्य स्तरीय नोडल संस्था है। एनर्जी कंजरवेशन बिल्डिंग कोड की पालना कराने के लिए अक्षय ऊर्जा निगम और बीईई द्वारा जागरुकता अभियान का संचालन किया जाएगा। इसी क्रम में कार्यशाला का आयोजन कर जानकारी दी गई।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए ऊर्जा प्रबंधक व लेखा परीक्षक आरएन वैष्णव ने बताया कि ईसीबीसी दिशा-निर्देश के अनुसार 100 किलोवाट या इससे अधिक विद्युत उपभोग करने वाली व्यावसायिक, सरकारी या गैरसरकारी भवनों के निर्माण करते समय ईसीबीसी द्वारा जारी गाईडलाईन की पालना से ऊर्जा बचत के साथ ही इस तरह के भवन पर्यावरण के अनुकूल और ग्लोबल वार्मिग को कम करने के साथ ही बिजली के कारण होने वाले आर्थिक व्यय को भी कम करने में सहायक होते हैं।
व्यावसायिक, सरकारी या गैर सरकारी व रिहाइशी भवनों में केन्द्र सरकार द्वारा जारी ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता की पालना सुनिश्चित की जानी चाहिए। राज्य के अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा एनर्जी कंजरवेशन बिल्डिंग कोड की पालना सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की कार्यशालाओं का समय पर आयोजन कर लोगों को अवेयर किया जाएगा। एनर्जी कंजर्वेशन कोड एनर्जी कंजर्वेशन कोड यानी ईसीबीसी केन्द्रीय उर्जा मंत्रालय तथा ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी बीईई द्वारा से लागू किया गया है।
उर्जा दक्षता ब्यूरों रिपोर्ट के अनुसार भवन क्षेत्र में उत्पादित बिजली की 35 प्रतिशत बिजली की खपत होती है। देश में जिस तेजी से विकास हो रहा है और बिजली की खपत बढ़ रही है इसका सीधा असर ग्लोबल वार्मिंग पर पड़ रहा है। कोड के प्रावधानों के अनुसार भवन क्षेत्र को डिजाइन करने से 40 प्रतिशत तक बिजली की बचत की जा सकती है।
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