जिला परिषद साधारण सभा की बैठक आयोजित : सदस्यों ने जताई नाराजगी, सड़क हादसों के साथ बिजली, पानी के छाए मुद्दे
नहीं खींची जा रही बिजली की लाइने
ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं होने से नाराज जिला परिषद सदस्यों ने कहा कि जिले में सड़कों की हालत खस्ता होने से आए दिन दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। अधिकारियों की मनमर्जी का आलम यह है कि वह बैठकों से भी दूरी बनाए रखते है। बैठक में बिजली पानी की समस्याओं के साथ ही क्षतिग्रस्त सड़कों से हो रही जानमाल की हानि का मुद्दा छाया रहा।
जयपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य नहीं होने से नाराज जिला परिषद सदस्यों ने कहा कि जिले में सड़कों की हालत खस्ता होने से आए दिन दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। अधिकारियों की मनमर्जी का आलम यह है कि वह बैठकों से भी दूरी बनाए रखते है। बैठक में बिजली पानी की समस्याओं के साथ ही क्षतिग्रस्त सड़कों से हो रही जानमाल की हानि का मुद्दा छाया रहा। जिला परिषद में जिला प्रमुख रमा देवी चौपड़ा की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित साधारण सभा की बैठक में जनप्रतिनिधियों ने दूरी बनाए रखी और कोरम के अभाव में निर्धारित समय से करीब एक घंटे देरी से बैठक शुरू हो पाई। बैठक की शुरुआत वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर वंदेमातरम का सामूहिक गायन किया गया।
नहीं खींची जा रही बिजली की लाइने
बैठक में जिला परिषद सदस्य रामकेश मीणा ने कहा कि अभी फसल में पानी पिलाई का काम शुरू हो गया है और कृषि के बिजली कनेक्शन जारी होने के बाद भी बिजली की लाईनें नहीं खींची जा रही हैं और जहां लाइन खींच दी है, वहां किसानों को ट्रांसफार्मर उपलब्ध नहीं करवाए जा रहे है। इसके साथ ही जिला परिषद सदस्यों ने अपने अपने क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों को लेकर हंगामा किया और कहा कि सड़कों के निर्माण में घटिया सामग्री उपयोग किया जा रहा है जिससे सड़कें समय से पहले टूट रही है और उनकी मरम्मत तक नहीं हो रही। बैठक में उप जिला प्रमुख मोहन डागर ने कहा कि सीकर रोड हाइवे पर हरमाड़ा से चौमूं तक सर्विस रोड का निर्माण नहीं हो रहा है, जिससे दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं। पिछली बैठकों में भी यह प्रकरण उठाया गया लेकिन हालात जस के तस बने हुए है। यह हालत जिले की अधिकांश सड़कों के है जहां वाहन चलाना तो दूर पैदल निकलना तक मुश्किल होता है।
ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या
उप जिला प्रमुख डागर एवं जिला परिषद सदस्य हरसहाय यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल की समस्या है। जलजीवन मिशन में हुए घोटाले से आमजन को इसका फायदा नहीं मिल रहा। अधिकारी कार्यालयों में बैठकर फर्जी रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। जलजीवन मिशन में पंचायतों में अभी तक कनेक्शन तक नहीं किए हैं और कहीं कही तो अभी पेयजल लाइन के साथ ही टंकिंयों का निर्माण तक नहीं हो पाया है। बैठक में जिला स्तरीय अधिकारियों की अनुपस्थिति भी विवाद का कारण रहा और जिला परिषद सदस्यों ने कहा कि अधिकारी बैठकों में उपस्थित नहीं होते जिससे विकास के कार्य पूरे नहीं हो पाते है। बैठक मे चौमूं विधायक शिखा बराला मील एवं सीकर सांसद अमराराम भी उपस्थित रहे।

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