दुर्घटनाएं रोकने के कदम उठाने के निर्देश : दैनिक नवज्योति में प्रकाशित समाचारों पर कोर्ट ने संज्ञान लेकर की थी जनहित याचिका दायर
आवारा कुत्तों और अन्य पशुओं को लेकर हाईकोर्ट गंभीर, एजेंसियों को कड़े निर्देश
जस्टिस कुलदीप माथुर एवं जस्टिस रवि चिरानिया की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सचिन आचार्य, प्रियंका बोराणा एवं हेली पाठक ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए तर्क दिए।
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्यभर में आवारा कुत्तों और अन्य पशुओं के बढ़ते खतरे पर स्वत: संज्ञान लेते दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते कई सख्त निर्देश जारी करते राज्य सरकार को 8 सितंबर तक जवाब देने एवं निर्देशों की पालना के लिए आदेश दिया है। आवारा कुत्तों एवं अन्य पशुओं की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर दैनिक नवज्योति में प्रकाशित समाचारों पर कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका दायर की थी। जस्टिस कुलदीप माथुर एवं जस्टिस रवि चिरानिया की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान न्याय मित्र वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. सचिन आचार्य, प्रियंका बोराणा एवं हेली पाठक ने रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए तर्क दिए।
न्यायमित्रों ने तर्क दिया कि शहर की सड़कों, राजमार्गों पर नागरिकों की स्वतंत्र और सुचारू आवाजाही में किसी भी प्रकार की बाधा, असुविधा, व्यवधान या असुविधा न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए वैधानिक दायित्व होने के बावजूद संबंधित अधिकारियों की घोर लापरवाही और कर्तव्यों के पालन न करने के कारण, आवारा पशुओं द्वारा हमले और काटने की घटनाओं में कई गुना वृद्धि हुई है और इससे न केवल राज्य में मानव जीवन को खतरा पैदा हो रहा है। बल्कि राज्य की छवि भी खराब हो रही है। जहां न केवल पूरे देश से, बल्कि दुनिया भर के विभिन्न देशों से भी पर्यटक आते हैं।
राजमार्गों से पशु हटाने के लिए नियमित गश्त हो
नगर निगमों से यह भी अपेक्षा करते हैं कि वे एक टेलीफोन,मोबाइल नंबर,ई-मेल आईडी जारी करेंगे जहां उस क्षेत्र के नागरिक, निवासी आवारा पशुओं के संबंध में अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। आमजन अपनी भावनाओं या धार्मिक विश्वासों या जानवरों के प्रति प्रेम के चलते उन्हें खाना खिलाना या उनकी देखभाल करना चाहते हैं, तो वे ऐसी गतिविधियां नगर पालिकाओं या निजी व्यक्ति, संगठन द्वारा संचालित कुत्ता आश्रयों और मवेशी तालाबों,गौशालाओं में करेंगे।
नगर निगम, जोधपुर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान जोधपुर और जिला न्यायालय परिसर, जोधपुर के संबंध में तत्काल कदम उठाएगा, जहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग अपने उपचार कार्य के लिए आते हैं। एम्स जोधपुर ने 10 अगस्त 2025 को न्यायमित्र अधिवक्ता प्रियंका बोराना को पत्र भेजकर अपने परिसर में आवारा कुत्तों की समस्या और मरीजों एवं स्टाफ पर हमलों की घटनाओं की जानकारी दी थी, जिसे कोर्ट ने संज्ञान में लिया।

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