मुकुंदरा और डेम की सुरक्षा में भारी चूक, दिनदहाड़े उड़े ड्रोन
टाइगर की सुरक्षा को खतरा, ड्रोन की आवाज से वन्यजीव परेशान
सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होने के बावजूद यहां ड्रॉन का इस्तेमाल होना अफसरों की लापरवाही दर्शाती है।
कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व पर खतरों के बादल मंडरा रहे हैं। टाइगर के साथ अति संवेदनशील जवाहर सागर डेम की सुरक्षा भी दांव पर लग गई। जंगल और बिजलीघर के अंदरूनी हिस्से सार्वजनिक हुए तो बाघ और कोटा डेम की सुरक्षा सवालों के कठघरे में आ गई। टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में दिन दहाड़े ड्रोन उड़ाए गए, सेंसटिव क्षेत्रों की तस्वीरे वायरल होने के बावजूद जंगल के रखवालों को होश तक नहीं रहा। दरअसल, 28 जून को दिल्ली से कोटा पहुंचे यू-टयूबर ने मुकुंदरा हिल्स टाइगर के गरड़िया महादेव और जवाहर सागर डेम के ड्रोन से लिए गए शोर्ट्स के वीडियो वायरल किए। वन्यजीव प्रेमियों ने बताया कि यू-ट्यूबर ने गरडिया व जवाहर सागर डेम के उपर अवैध रूप से ड्रॉन उड़ाए। बाद में 18 मिनट की वीडियो तैयार कर यू-टयूब पर अपलोड कर दिए। जिसमें 8-8 सैकंड के दो ड्रॉन शॉटस नजर आ रहे हैं। हैरानी की बात यह है, सुरक्षाकर्मियों की तैनाती होने के बावजूद यहां ड्रॉन का इस्तेमाल होना अफसरों की लापरवाही दर्शाती है।
टाइगर रिजर्व और डेम की गोपनीयता भंग
वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट बताते हैं, गरड़िया महादेव और जवाहर सागर सेंचुरी मुकुंदरा टाइगर रिजर्व का कोर एरिया है। वहीं, जवाहर सागर डेम अति संवेदनशील एरिया है, जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसने दोनों जगहों के ड्रोन से लिए गए विहंग्म दृश्य नजर आ रहे हैं। इन संरक्षित क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। इससे डेम व वन्यजीवों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
44 सैकंड गरड़िया और 47 सैकंड डेम पर रहा ड्रोन
यू-ट्यूब पर वायरल हो रहे 18 मिनट के इस वीडियो में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में कोर एरिया के दो जगहों पर ड्रोन फुटेज नजर आ रहे हैं। इसमें पहला फुटेज गरड़िया महादेव का है। जिसमें 5 मिनट 53 सैकंड से लेकर 6 मिनट 36 सैकंड तक गराड़िया का ड्रोन शोट्स हैं। यानी पहला ड्रोन फुटेज 44 सैकंड का है। जिसमें सम्पूर्ण गरड़िया का विहंग्म दृश्य कैप्चर किया गया है। वहीं, दूसरा ड्रोन शॉट्स 12 मिनट 12 सैकंड से 12 मिनट 59 सैकंड तक है, जिसमें जवाहर सागर डेम का बड़े हिस्से की वीडियोग्राफी की गई है। जबकि, डेम हाई सिक्योरिटी इलाका है। ऐसे में यहां फोटोग्राफी-वीडियोग्राफी निषेद है।
दिल्ली से मुकुंदरा की सैर करने आए थे यू-टयूबर
यू-टयूब पर वायरल हो रहे वीडियो में नजर आ रहा है कि दो युवक व एक महिला कार से गत माह 27 जून को दिल्ली से कोटा पहुंचे थे। यहां बूंदी रोड स्थित एससीएन मैरिज गार्डन के पास होटल न्यारा में रूके। अगली दिन सुबह तीनों कार से मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व के कोर एरिया गरड़िया महादेव वन क्षेत्र पहुंचे। जहां उन्होंने टिकट लेकर सेंचुरी का भ्रमण किया। इस दौरान युवकों ने बिना अनुमति के गराड़िया महादेव से जवाहर सागर डेम तक दो जगहों पर ड्रोन उड़ाकर वीडिग्राफी की। इसके 9 दिन बाद यूटयूब पर वीडियो अपलोड कर दी। वीडियो वायरल होने के बाद मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, राणाप्रताप सागर, जवाहर सागर डेम सर्किल और जनरेशन डिपार्टमेंट में हड़कम्प मच गया। अधिकारियों ने जांच के दिशा निर्देश जारी कर दिए।
क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी
एफआईआर दर्ज कर करेंगे कार्रवाई
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व कार्यालय द्वारा संरक्षित क्षेत्र में ड्रोन उड़ाने की किसी को भी परमिशन नहीं दी गई है। सक्षम स्वीकृति के बिना संरक्षित क्षेत्र में ड्रोन नहीं उड़ाया जा सकता। रिजर्व का सम्पूर्ण क्षेत्र संरक्षित है। ऐेसे में यहां ड्रोन उड़ाना गैर कानूनी है। मामला संज्ञान में आया है, इसके बारे में पता कर एफआईआर करवाएंगे और वाइल्ड लाइफ एक्ट में उचित कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई किस तरह की होगी वह अनुसंधान के बाद ही तय कर पाएंगे। हमारे पास 60 प्रतिशत स्टाफ की कमी है। ऐसे में जो साधन-संसाधन उपलब्ध हैं, उसमें बेहतर करने की कोशिश कर रहे हैं।
- बीजो जॉय, डीएफओ, मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व कोटा
जांच के निर्देश दिए हैं
आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है। जवाहर सागर डेम हाई सिक्योरिटी क्षेत्र है। यहां बिना सक्षम स्वीकृति के ड्रोन का इस्तेमाल गैर कानूनी है। किसी ने ड्रोन उड़ाया है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाएंगे। हालांकि, एक्सईएन को जांच करने निर्देश दे दिए गए हैं।
- एजाजुद्दीन अंसारी, अधीक्षण अभियंता, राणा प्रताप सागर व जवाहर सागर डेम सर्किल कोटा
अनुसंधान कर कार्रवाई करेंगे
मामला जानकारी में आया है, इसकी जांच करेंगे। यदि, मामला सही पाया गया तो पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाएंगे। वहीं, बूंदी जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक से इस संबंध में क्या कार्रवाई कर सकते हैं, इसका मार्गदर्शन लेकर कार्रवाई करेंगे। यह क्षेत्र वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित है। इस क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल गलत है।
- नरेन्द्र सिंह खांगारोत ंअधीक्षण अभियंता जनरेशन (उत्पादन वृत)
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
नियमानुसार रिजर्व के कौर क्षेत्र में ड्रोन का इस्तेमाल करने के की अनुमति सिर्फ विभाग के पास है, वो भी सिर्फ मॉनिटरिंग के लिए। किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा रिजर्व के क्षेत्र में विभाग की जानकारी के बिना ड्रोन का इस्तेमाल करना रिजर्व व टाइगर की सुरक्षा में गम्भीर चूक है। जबकि, गराडिया पर सदैव रिर्जव के कर्मचारी मौजूद रहते है, रिर्जव की सुरक्षा का दायित्व जिन जिम्मेदारों पर है, यह उनकी लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है। वीडियो में स्पष्ट नजर आ रहा है कि टाइगर रिजर्व और जवाहर सागर डेम पर ड्रोन उड़ाया गया है। इससे वन्यजीवों के साथ डेम की सुरक्षा भी खतरे में पड़ी है।
- तपेश्वर सिंह, अध्यक्ष मुकुंदरा वन्यजीव एवं पर्यावरण समिति
वन्य प्राणियों के शिकार का अंदेशा
ड्रोन की आवाज वन्यजीवों को परेशान करती है। साथ ही बाघ के साथ अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा को खतरा पैदा होता है। वहीं, वन्यजीवों की छुपने की जगह, गुफाएं और उनकी लोकेशन आउट हो सकती है। अवैध रूप से ड्रोन के इस्तेमाल से वन्यजीवों के शिकार का रास्ता भी खुलता है। जवाहर सागर डेम की सुरक्षा भी खतरे में पड़ सकती है।
- सोहिल ताबिश, बायोलॉजिस्ट कोटा
डेम की सुरक्षा से खिलवाड़
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में बिना सक्षम स्वीकृति के ड्रोन उड़ाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। ड्रोन से लिए गए फोटोग्राफ व वीडियोग्राफी जंगल के प्राणियों के साथ डेम की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ है। जबकि, जवाहर सागर डेम संवेदनशील एरिया है। इसकी सिक्योरिटी का जिम्मा जनरेशन डिपार्टमेंट के पास है। फिर भी ड्रोन उड़ना सिक्योरिटी सिस्टम पर सवालिया निशान खड़े करता है।
- बाबूलाल जाजू पर्यावरणविद पीपुल्स फॉर एनीमल प्रदेश प्रभारी
वाइल्ड लाइफ की धारा-27 व 38 (जे) का उल्लंघन
मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बिना अनुमति ड्रोन उड़ना वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 27 और धारा 38(जे) का उल्लंघन है। अवांछित गतिविधियों से वन्यप्राणी के परेशान करने का भी मामला बनता है। रिजर्व प्रबंधन जांच के बाद आरोपी के विरुद्ध उचित धारा जोड़ सकता है। डैम पर स्थित बिजली बनाने की संवेदनशील यूनिट को भी खतरा उत्पन्न हुआ।
- अजय दुबे, वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट, भोपाल

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