औद्योगिक क्षेत्र में सालों से नल का बिल आ रहा औसत

नए कनेक्शन होने के बाद एक बार भी मीटर से नहीं ली रिडिंग

औद्योगिक क्षेत्र में सालों से नल का बिल आ रहा औसत

रिडिंग सिर्फ उन्हीं इलाकों की ली जाती है जहां 24 घंटे सप्लाई चालू रहती है।

कोटा। केस 1 - प्रेम नगर निवासी महेश मेघवाल ने बताया कि उनके यहां जब से नई पाइप लाइन डलने के बाद नए कनेक्शन हुए थे उसके बाद आजतक कोई भी मीटर से रिडिंग लेने नहीं आया। जब से कनेक्शन हुआ है औसत बिल आ रहा है। हर दो महीने में नल का बिल औसत 50 हजार लीटर के हिसाब से आता है जबकी हमारी पूरे घर की एक दिन की खपत ज्यादा से ज्यादा 600 लीटर की है। अगर रोजना 600 लीटर से भी माने तो दो महीने में 36 हजार लीटर पानी का उपभोग हो सकता है लेकिन बिल 50 से 60 हजार लीटर के बीच ही आता है। 

केस 2 - कंसुआ निवासी लविश महावर का भी लगभग इतना ही औसत बिल आता है जबकी उनके घर में चार ही सदस्य हैं जिनका रोज का औसत उपभोग 400 से 500 लीटर है लेकिन औसत बिल के नाम पर उनके हर महीने 30 हजार लीटर उपभोग का बिल आता है। लविश का कहना है कि उनके यहां भी कभी भी रिडिंग लेने वाला नहीं आया। विभाग हर महीने बस औसत बिल भेज देता है। कई बार तो बिल जमा करवाने के बाद भी अगले में जुड़कर का आ जाता है।

केस 3 - इसी तरह डीसीएम क्षेत्र के इंद्रा गांधी नगर में भी जलदाय विभाग द्वारा औसत के नाम पर उपभोग से ज्यादा का बिल दिया जा रहा है। इलाके तिलक पारेता ने बताया कि उनके परिवार में 6 सदस्य हैं जिनकी रोज की लगभग 700 से 800 लीटर पानी की आवश्यकता होती है। लेकिन बिल इसके उलट 35 से 40 हजार लीटर का आता है जो शुद्ध उपभोग से ज्यादा है। कई बार इसके लिए बोला भी लेकिन एक बार बिल कम कर देते हैं फिर औसत देना चालू कर देते हैं।

शहर में जलदाय विभाग द्वारा कई महीनों से बिना मीटर से रिडिंग लिए ही औसत बिल जारी किए जा रहे हैं। जिसकी ना विभाग को चिंता है ना अधिकारियों को, आमजन औसत से कम मात्रा में पानी का उपभोग करने के बावजूद पूरा बिल भरने को मजबूर हैं। जिसकी सुनवाई के लिए कोई जिम्मेदार व्यक्ति नहीं है। वहीं ठेका कंपनी भी टीम नहीं होने का बहाना बनाकर रिडिंग लेने से बच रही है। ऐसे में विभाग और ठेका कंपनी के बीच में असमंजस की स्थिति का नुकसान ग्राहकों को उठाना पड़ रहा है। जब से नई लाइन डली औसत बिल आ रहा।

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रेगुलर सप्लाई नहीं होने से औसत बिल
विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कुछ क्षेत्रों में पानी की रेगुलर सप्लाई नहीं है और पानी की सप्लाई या तो सुबह या शाम को ही की जाती है इस वजह से वहां औसल बिल जनरेट किया जाता है। रिडिंग सिर्फ उन्हीं इलाकों की ली जाती है जहां 24 घंटे सप्लाई चालू रहती है। 

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इनका कहना है
पानी की सप्लाई व्यवस्था सुचारु रुप से चालू है और जहां तक औसत बिल जनरेशन का मामला है तो उसमें उपभोक्ता लिखित रूप से रिडिंग के माध्यम से बिल जनरेट करने की एप्लीकेशन दे सकता है। उसका बिल रिडिंग के अनुसार ही जनरेट किया जाएगा। 
- भरत भुषण मिगलानी, अधिशाषी अभियंता, जलदाय विभाग कोटा

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