नए लॉकर एग्रीमेंट के आगे बैंक उपभोक्ता चकरघिन्नी
एग्रीमेंट 500 रुपए के स्टांप पर करने का नियम ग्राहकों की जेब कर रहा ढीली
राजस्थान में स्टाप एग्रीमेंट के लिए सरकार की ओर से 500 रुपए का स्टांप अनिवार्य किया हुआ है।
कोटा। एक जनवरी से जारी आरबीआई की बैक लॉकर लेकर जारी की गई नई गाइड लाइंस लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है। बैंक से लोगों को लॉकर के नये एग्रीमेंट को लेकर मैसजे आ रहे है। बैंक पहुंचने पर वहां कर्मचारी पांच सौ रुपए का स्टांप खरीदकर बैंक को देने के लिए कह रहे है। बैक स्टाप नये नियम व शर्ते लिखकर उपभोक्ता से साइन कराकर ले रहा है। पांच रुपए स्टांप इसके अलावा जीएसटी और कमीशन मिलाकर ये 650 रुपए में उपभोक्ता को पड़ रहा है। लॉकर संयुक्त रूप से आॅपरेटर किया जा रहा है तो सभी लॉकर उपभोक्ताओं को एग्रीमेंट पर साइन करने होंगे। इस सब में खास बात ये है कि राजस्थान में स्टाप एग्रीमेंट के लिए सरकार की ओर से 500 रुपए का स्टांप अनिवार्य किया हुआ है। जिससे लोगों की जेब ज्यादा ढीली हो रही है। जबकि दिल्ली सहित अन्य राज्यों में लॉकर एग्रीमेंट 100 रुपए के स्टाप पर हो रहा है।
नॉमिनी को मिलेगी सुविधा
अगर किसी कारण वश लॉकर की सुविधा लेने वाले व्यक्ति की मौत हो जाती है तो इस स्थिति में नए एग्रीमेंट के अनुसार नॉमिनी को लॉकर की सुविधा दे दी जाएगी। अगर वह इस लॉकर को आगे रखना चाहता है तो उसे बैंक से संपर्क करना होगा और अगर निकालना चाहता है तो वह इसका दावेदार होगा।
ऐसे कर सकते हैं लॉकर समझौते को अपडेट
अगर किसी ने अपने समझौते को रीन्यू नहीं किया है, तो इसके लिए ग्राहकों को बैंक से संपर्क करना और लॉकर समझौते को अपडेट करना होगा। साथ ही सलाह दी जाती है कि ग्राहक साल में कम से कम एक बार अपने लॉकर का उपयोग करें। इसके लिए बैंकों को लॉकर समझौते में निर्धारित प्रोटोकॉल का उपयोग करके उन्हें खोलने की अनुमति है।
कैसे करें लॉकर एग्रीमेंट
लॉकर एग्रीमेंट के तहत ग्राहक को लॉकर अलॉट करते समय, बैंक ग्राहक के साथ मुहर लगे कागज पर एक समझौता करता है। दोनों पक्षों द्वारा हस्ताक्षरित लॉकर समझौते की एक कॉपी ग्राहक को दी जाती है, जिसमें उसके अधिकारों और जिम्मेदारियों को के बारे में बताया जाता है। वहीं, लॉकरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बैंको की है। आरबीआई की नोटिफिकेशन के अनुसार, यह बैंकों की जिम्मेदारी है कि वे परिसर की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाएं, जिसमें सुरक्षित जमा वाल्ट रखे गए हैं।
बैंक लॉकर से जुड़े नियमों में हुए ये बदलाव
पूर्व बैक अधिकारी पदम पाटोदी ने ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 2021 के एक आदेश का पालन करते हुए केंद्रीय बैंक ने लॉकर से जुड़े नियमों में कई बदलाव किए हैं। बैंक लॉकर के नए नियमों के मुताबिक बैंक और ग्राहकों को नए एग्रीमेंट में स्पष्ट तौर पर ये उल्लेख करना होगा कि वहां किस तरह का सामान रखा जा सकता है और किस तरह का नहीं। वैसे आरबीआई के नियम कहते हैं कि लॉकर में अब ग्राहक सिर्फ ज्वैलरी, जरूरी दस्तावेज और कानूनी तौर पर वैध सामान ही रख सकेंगे। बैंक लॉकर ग्राहकों को सिर्फ उनके निजी इस्तेमाल के लिए मिलेगा। ये नॉन-ट्रांसफरेबल होंगे। यानी परिवार के व्यक्तियों को आपस में एक-दूसरे का लॉकर एक्सेस करने की सुविधा नहीं होगी। बैंक लॉकर में आर्म्स, कैश या फॉरेन करेंसी, ड्रग्स या दवाएं, कॉन्ट्रा बैंड या कोई घातक जहरीला सामान नहीं रखा जा सकेगा। नए नियम बैंक को कई तरह की जिम्मेदारियों से मुक्त कर देगा। अगर बैंक लॉकर का पासवर्ड या चाबी खो जाती है या उसका दुरुपयोग होता है तो बैंक की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। हालांकि ग्राहक के सामान की सुरक्षा की जिम्मेदारी बैंक की होगी। अगर बैंक ऐसा नहीं कर पाता है तो उसे समय-समय पर बदलने वाले इससे जुड़े नियमों के हिसाब से हर्जाना देना होगा।
बैंक को देना होगा मुआवजा
नए नियम के तहत अगर कोई नुकसान होता है तो यह जिम्मेदारी सीधे तौर पर बैंक की होगी और उसे मुआवजा देना होगा। अगर नुकसान बैंक कर्मचारी के धोखाधड़ी के कारण हुआ है तो लॉकर के किराए के 100 गुना तक पैसा बैंक को देना होगा। हालांकि प्राकृतिक आपदा या अन्य चीजों से लॉकर प्रभावित होता है तो बैंक मुआवजा का जिम्मेदार नहीं होगा।
1 जनवरी से लागू हुआ नया लॉकर एग्रीमेंट
अगर आप बैंक का लॉकर किराए पर लिया है या फिर बैंक लॉकर का इस्तेमाल करने की योजना है तो बैंक लॉकर के इस नए नियम के बारे में आपको जानकारी होनी चाहिए। आरबीआई ने 8 अगस्त 2022 को ही इसे लेकर गाइडलाइन जारी किया था। इसके अनुसार, अगर ग्राहक के किसी भी सामान को नुकसान पहुंचता है तो यह बैंकों की जिम्मेदारी होगी। साथ ही ग्राहकों से 31 दिसंबर2023 तक बैंक लॉकर एग्रीमेंट साइन कराना होगा। साथ ही ग्राहकों को लॉकर के नियमों में बदलाव की जानकारी एसएमएस और अन्य माध्यम से देनी होगी।
बैंक लॉकर में रखी है जीवनभर की कमाई तो उसे सीज होने से बचाने के लिए करनी होगी भाग दौड़
एसबीआई बैंक में हमारा लॉकर है। बैंक से 1 जून को मैसेज आया की आपका लॉकर बंद हो जाएगा। यदि आपने नया एग्रीमेंट साइन नहीं किया तो हम लोग तुरंत बैंक गए तो वहां कर्मचारी ने बताया कि 500 रुपए का स्टांप लेकर आए और जिन जिनका लॉकर में नाम उनके साइन लगेंगे बैंक एग्रीमेंट टाइप करके देगा उस पर साइन लगेंगे। ई मित्र से स्टांप खरीदने गए तो वहां आॅन लाइन ई स्टांप लेने में एक घंटा लग गया। सर्वर धीमा चलने से समय लग गया। उसके बाद 650 रुपए देकर स्टांप खरीदकर दिया । दो दिन बाद बैंक से फोन आया साइन करने आए मै और मेरे पति बैंक पहुंचे तो बैंक कर्मचारियों ने एक और फार्म पकड़ा दिया उसको भी भरकर दिया। बैक लॉकर पड़ी जमा पूंजी बचाने के लिए पूरे परिवार की मशक्कत हो गई।
- सीमा पांडे, शिक्षिका
इनका कहना है
आरबीआई ने बैंक लॉकर के लिए नए एग्रीमेंट साइन करने की लास्ट डेट पहले 1 जनवरी रखी थी। अब इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2023 कर दिया गया है। ये प्रोसेस चरणबद्ध तरीके से पूरी होनी है। आरबीआई ने बैंक लॉकर के 50 प्रतिशत नए एग्रीमेंट 30 जून तक, 75 प्रतिशत 30 सितंबर तक और 100 प्रतिशत 31 दिसंबर 2023 तक साइन करवाने का लक्ष्य तय किया है। नए बैंक लॉकर ग्राहकों के लिए ये रूल्स 1 जनवरी 2022 से ही लागू हो चुके हैं। जबकि बैंकों के पुराने ग्राहकों के लिए ही नए एग्रीमेंट साइन करने की लास्ट डेट 31 दिसंबर 2023 कर दी गई है।बैंकों के साथ लॉकर रखने के लिए होने वाला नया एग्रीमेंट अब स्टांप पेपर पर साइन किया जाएगा। इसका खर्च ग्राहकों को उठाना है। नए एग्रीमेंट को लेकर आरबीआई ने कई बदलाव किए हैं। ये लॉकर रखने वाले ग्राहकों के हितों की सुरक्षा करता है।
- सत्येंद्र जयसवाल, मुख्य प्रबंधक एसबीआई बैंक कोटा
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