लंपी वायरस की चपेट में आने से कई गोवंशों की मौत, पशुपालकों को नहीं मिल रहा है मुआवजा
गोवंश में फैलता जा रहा लंपी वायरस, पशुपालकों को नहीं मिल रही आर्थिक मदद
कोटा जिले में लंपी वायरस ने कुछ दिनों पहले दस्तक दे दी थी। प्रारम्भ में एक साथ जिले में 28 केस सामने आए थे। इसके बाद संक्रमण फैलता ही जा रहा है।
कोटा। प्रदेश में इन दिनों लंपी वायरस की चपेट में आने से कई गोवंशों की मौत हो गई है और हजारों की संख्या में गोवंश लंपी का शिकार है। इसके बावजूद सरकार की ओर से पीड़ित पशुपालकों को कोई राहत नहीं दी जा रही है। पशुपालकों को गोवंशों की मौत का मुआवजा तक नहीं मिल पा रहा है। अविका कवच समेत अन्य पशु बीमा योजना भी बंद पड़ी है। ऐसे हालात में पशुपालकों के संकट हो गया है।
बढ़ रहा संक्रमण का आंकड़ा
पूरे प्रदेश में लंपी वायरस गोवंश में कहर बरपा रहा है। संक्रमण का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। कोटा जिले में लंपी वायरस ने कुछ दिनों पहले दस्तक दे दी थी। प्रारम्भ में एक साथ जिले में 28 केस सामने आए थे। इसके बाद संक्रमण फैलता ही जा रहा है। बुधवार तक जिले में 72 गोवंश लंपी वायरस से संक्रमित हो गए थे। पूर्व में बोराबास, नयागांव व जुल्मी क्षेत्र में मामले सामने आए थे। उसके बाद शहर में श्याम नगर और बुधवार को काला तालाब में कुछ गोवंशों में लंपी वायरस के लक्षण मिले हैं। सूचना पर पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और पीड़ित गोवंशों का उपचार शुरू किया।
ऐसे बंद हुई योजना
प्रदेश में वर्ष 2017-18 तक अविका कवच समेत अन्य पशु बीमा योजनाएं संचालित होती थी, लेकिन 2019 में कांग्रेस सरकार ने बीमा कंपनियों से एमओयू नहीं किया था। बीमा कंपनियों व सरकार स्तर पर वार्ता भी हुई, लेकिन सहमति नहीं बनने से सरकार ने योजनाएं ही बंद कर दी थी। इसके बाद राज्य सरकार से इस साल बजट में फिर से पशु बीमा योजना शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन योजना अभी तक कागजों से बाहर नहीं निकल पाई। इस कारण लंपी वायरस के प्रकोप के बावजूद किसानों को किसी भी तरह की आर्थिक मदद नहीं मिल रही है।
इधर विभागीय अधिकारियों का दावा
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय प्रवर्तित नेशनल लाइव स्टॉक मिशन में रिस्क मैनेजमेंट के तहत संचालित पशुधन बीमा योजना राजस्थान में लागू कर दी गई है। सभी पशुओं के बीमे की प्रीमियम राशि पशु कीमत की 4.42 प्रतिशत निर्धारित की गई है। बीमा प्रीमियम राशि पर एससी/एसटी/बीपीएल श्रेणी के पशुपालकों को 70 प्रतिशत एवं सामान्य श्रेणी के पशुपालकों को पचास प्रतिशत अनुदान देय होगा। पशु कीमत का मूल्यांकन पशु के स्वास्थ्य व दुग्ध उत्पादक क्षमता के आधार पर प्रचलित बाजार मूल्य के अनुसार पशु चिकित्सक, पशुपालक एवं बीमा कंपनी प्रतिनिधि की ओर से आपसी सहमति से किया जाएगा।
फैक्ट फाइल
2018- से प्रदेश में बंद पशुधन बीमा योजना
72- गोवंश कोटा में लंपी वायरस संक्रमण के शिकार
2.10- लाख गायें कोटा जिले में
2.40- लाख भैंसे कोटा जिले में
मिलना चाहिए मुआवजा
गोवंश की मौत के बाद सरकार को पीड़ित पशुपालकों को पशुधन बीमा योजना में लाभ देना चाहिए। लंपी वायरस के चलते पशुपालकों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है। कई पशुपालकों की आजीविका का सहारा पशुपालन ही है। ऐसे में लंपी वायरस ने उन्हें काफी आर्थिक नुकसान पहुंंचाया है। पीड़ित पशुपालकों की मदद के लिए बीमा योजना का लाभ दिलाया जाए।
- लटूर गुर्जर, पशुपालक
सरकार की ओर से बंद पशुधन बीमा योजना को फिर से चालू किया गया है, लेकिन अभी तक जिले मेें किसी भी पशु का बीमा नहीं हुआ है। शीघ्र ही इसकी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। लंपी वायरस संक्रमण से गोवंश की मौत पर मुआवजा देने का निर्णय सरकार के स्तर पर ही तय होगा।
- चंपालाल मीणा, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग कोटा

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