कई बार शिकायत फिर भी हालात जस के तस
सीवरेज लाइन के चैम्बर खुले पड़े, कचरे के जगह जगह अम्बार
कॉलोनी के निवासी बदबू और गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं।
कोटा। शहर को साफ व स्वच्छ रखने के लिए प्रशासन द्वारा कई अभियान चलाए जाते हैं। वहीं लोगों को स्वच्छाता के प्रति जागरूक करने और शहर की सफाई पर निगम द्वारा लाखों करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। शहर के प्रमुख इलाकों में तो इसका असर नजर आता है लेकिन शहर के छोर पर बसे इलाकों में सफाई का कोई पुख्ता बंदोबस्त नहीं है। इन इलाकों में कहीं भी कचरे के ढेर और सड़कों पर नालियों का पानी आता हुआ आसानी से मिल जाएगा। इस तरह के हालात बने हुए हैं शहर के औद्योगिक इलाके की प्रेमनगर आवासीय योजना में जहां कॉलानी के रहवासियों द्वारा निगम और प्रशासन को कई बार शिकायत करने के बावजूद भी हालत जस के तस बने हुए हैं। कॉलोनी में ना कचरा समय पर उठ रहा और ना सफाई हो रही है। कॉलोनी के निवासी बदबू और गंदगी के बीच रहने को मजबूर हैं।
कई दिनों से नहीं हुई सफाई
कॉलोनी में रहने वालों ने बताया कि यहां कई दिनों से ठीक से सफाई तक नहीं हुई है। कचरे की गाड़ी भी मेन रोड से निकल जाती है गलियों में आती तक नहीं है। कॉलोनी की नालियों भी पूरी तरीके से जाम हुई पड़ी हैं, जिनका पानी सड़कों पर फैल रहा है। वहीं कचरे की गाड़ी नहीं आने से लोग कॉलोनी से बाहर स्थित कचरा पॉइंट पर जाने को मजबूर हैं, क्योंकि जो कचरा पॉइंट कॉलोनी के अंदर हैं उनसे महीने में एक बार कचरा उठाया जाता है और जो रहता है उसे भी आवारा मवेशी फैला देते हैं। कॉलोनी वालों की माने तो स्थानीय पार्षद को कई समस्या के लिए बताया लेकिन पार्षद ने भी कर्मचारी ना होने पर हाथ खड़े कर दिए।
सड़क बनी पर नालियों का पानी सड़क पर
यूआईटी द्वारा यहां कुछ समय पहले सड़क तो बना दी गई लेकिन निगम प्रशासन की ओर से होने कामों की व्यवस्थाएं चर्मरायी हुई हैं। जहां कॉलोनी में ना तो सफाई हो रही है ना ही खुले पड़े सीवरेज चैम्बरों को बंद करने का कोई इंतजाम किया जा रहा है। खुले पड़े चैम्बरों के कारण नालियों का पानी सड़कों पर आ रहा है। जो आने जाने वालों के लिए परेशानी का कारण तो बना हुआ है ही साथ ही यहां रहने वालों को भी उससे होने वाली बदबू से परेशानी उठानी पड़ रही है। वहीं किसी जगह पर तो ये चैम्बर इस तरीके से खुले पड़े हैं जहां एक बार में दिखाई तक नहीं देते हैं। जिस कारण रात के समय में इन मार्गों से गुजरने वालों के इन गड्ढों में गिरने का खतरा बना रहता है।
इनका कहना
कॉलोनी की सफाई व्यवस्था के बारे में जानकारी है और कम स्टॉफ में भी काम करवाने की पूरी कोशिश करते हैं।नगर निगम से कई बार इस बारे में मांग भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है।
- सुशील त्रिपाठी, पार्षद वार्ड नं 15, कोटा उत्तर
मेरे फ्लैट के नीचे मौजूद नाली की सफाई हुए महीनों हो गए हैं जिसके कारण गंदगी के साथ में हमेशा बदबू बनी रहती है। कई बार खुदसे पैसे देकर नालियां साफ करवाना पड़ता है।
- सोनू कुमार, ब्लॉक ए
इस कॉलोनी के 3 हजार फ्लैट में लगभग 7 हजार लोग रहते हैं जिनके लिए सफाई की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। सफाई कर्मचारी भी हफ्ते में एक दो बार ही सफाई करने आते हैं।
- अमन नागर, सी ब्लॉक
इस कॉलोनी में सफाई की बड़ी समस्या है पार्षद वार्ड बड़ा और सफाई कर्मचारी कम होने का बहाना बना देते हैं ना कोई टिपर की व्यवस्था है ना कचरे उठाने वालों की।
- प्रमोद पारेता, ब्लॉक डी
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