वनकार्मिक फायर प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट और यूनिफॉर्म से होंगे लैस, जंगल की आग रोकने के लिए बनेगा ‘फायर फाइटिंग सेल’

वन विभाग ने भेजा एक करोड़ रुपए का प्रस्ताव

वनकार्मिक फायर प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट और यूनिफॉर्म से होंगे लैस, जंगल की आग रोकने के लिए बनेगा ‘फायर फाइटिंग सेल’

संभावित आग लगने वाले घने जंगलों में वॉच टावर का निर्माण प्रस्तावित किया गया है।

अजमेर। गर्मियों में घने जंगलों में आग लगने की घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई के लिए वन विभाग में फायर फाइटिंग सेल बनेगा। आग बुझाने के लिए वनकार्मिक सुरक्षा की दृष्टि से फायर प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट और यूनिफॉर्म से लैस होंगे। विभाग ने इस संबंध में मुख्यालय को करीब एक करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है। भीषण गर्मी में जंगलों में आए दिन आग की घटनाएं सामने आती हैं। खासतौर पर घने जंगलों में सूखी पत्तियों में घर्षण से आग लगने से वन सम्पदा को नुकसान पहुंचता है। अब तक वनकार्मिक पारम्परिक तरीकों से जैसे गीली बोरियों, सूखी झाड़ियों से ही आग पर काबू पाने का प्रयास करते हैं। जिसमें समय और परिश्रम बहुत अधिक लगता है। लेकिन अब विभाग इन घटनाओं पर तेजी से कार्रवाई करने के लिए हाईटेक होने की तैयारी में है। 

मिलेंगे फायर फाइटिंग इक्यूपमेंट
फायर फाइटिंग सेल अजमेर वन मंडल की अजमेर सहित सरवाड़, नसीराबाद, पुष्कर, किशनगढ़ व ब्यावर रेंज में संभावित आग लगने वाले घने जंगलों की निगरानी रखेगा। जंगल में आग लगने की स्थिति में वनकार्मिकों को फायर फाइटिंग इक्यूपमेंट जैसे अग्निशमन यंत्र, आग से सुरक्षा के लिए यूनिफॉर्म, बूट्स, आग बुझाने के लिए अन्य कैमिकल मिलेंगे। जिससे कि कम से कम समय में आग पर काबू पाकर वन सम्पदा और वन्य जीवों का बचाया जा सके।

वॉच टावर का होगा निर्माण
संभावित आग लगने वाले घने जंगलों में वॉच टावर का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। जिससे कि आग की स्थिति का पता लगाया जा सके। यहां बरसाती नालों के पानी को रोकने के लिए काम होंगे। जिससे कि आग लगने की स्थिति में पानी यहां से ही उपलब्ध हो सके। यहां मृदा नमी संरक्षण का काम भी प्रस्तावित किया गया है। जिससे पेड़ों से टूटी पत्तियों के जमीन पर गिरने के बाद नमी बनी रहे और आग लगने की संभावना को खत्म किया जा सके।

इनका कहना है
उप वन संरक्षक वीरेन्द्र कुमार जोरा ने बताया कि विभागीय परिसर में फायर फाइटिंग सेल के लिए एक करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार कर स्वीकृति के लिए मुख्यालय भेजा गया है। इसके बनने के बाद घने जंगलों में लगने वाली आग को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी। 

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