साइकिल शेयरिंग योजना बंद, कबाड़ हुई साइकिलें
दशहरा मैदान स्थित श्रीराम रंगमंच के पीछे धूल खा रहीं साइकिलें
कम्पनी द्वारा निगम को राशि नहीं देने पर एक बार कम्पनी की साइकिलों को भी जब्त किया गया था। यह योजना नगर निगम के पिछले बोर्ड के समय शुरु की गई थी।
कोटा । स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में शुरु की गई साइकिल शेयरिंग योजना के बंद होते ही योजना के तहत उपयोग ली जा रही साइकिलें कबाड़ हो गई हैं। वर्तमान में उनमें से कई साइकिलें दशहरा मैदान में ढेर में धूल खा रही हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में साइकिल शेयरिंग योजना शुरु की गई थी। इस योजना के तहत नगर निगम की ओर से शहर में विशेष रूप से नए कोटा क्षेत्र में साइकिल स्टैंडों के लिए शेड तैयार करवाए गए थे। जहां निजी कम्पनी के माध्यम से किराए पर साइकिलें दी जाती थी। कोचिंग स्टूडेंट व आमजन इन स्टैंडों से साइकिल निर्धारित समय के लिए किराए पर लेकर उनका उपयोग कर रहे थे। जानकारी के अनुसार शहर में निगम की ओर से करीब 14 केन्द्र बनाए गए थे। जिनमें तलवंडी व जवाहर नगर समेत कई जगह शामिल थी। इस योजना के तहत निजी कम्पनी द्वारा निगम को राजस्व दिया जाता था। लेकिन पूर्व में कम्पनी द्वारा निगम को राशि नहीं देने पर एक बार कम्पनी की साइकिलों को भी जब्त किया गया था। यह योजना नगर निगम के पिछले बोर्ड के समय शुरु की गई थी।
योजना का समय हुआ पूरा
नगर निगम कोटा दक्षिण के राजस्व अधिकारी विजय अग्निहोत्री ने बताया कि साइकिल शेयरिंग योजना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शुरु की गई थी। यह योजना दस साल के लिए थी। योजना का समय पूरा होते ही यह बंद हो गई। योजना के तहत किराए पर देने वाली साइकिलें निजी कम्पनी की थी। लेकिन जगह नगर निगम ने दी रखी थी। जब योजना का समय पूरा हो गया तो निगम ने उन जगहों को खाली कराया। उन जगहों का अन्य कार्य में उपयोग किया जाना है। ऐसे में कम्पनी द्वारा जब साइकिलें नहीं उठाई गई तो उन्हें निगम ने एक निर्धारित स्थान पर सुरक्षित रखवा दिया। दशहरा मैदान स्थित श्रीराम रंगमंच के पीछे ये वही साइकिलें रखी हुई है। पिछले कई महीने से रखी होने से उन साइकिलों पर धूल जम गई होगी। इधर नगर निगम कोटा दक्षिण के नेता प्रतिपक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि यह योजना निगम के माध्यम से संचालित की गई थी। निजी कम्पनी द्वारा निगम को निर्धारित राशि नहीं देने पर निगम ने साइकिलें जब्त की थी। संभावना है कि ये वही जब्त साइकिलें होंगी। ये साइकिलें नगर निगम की नहीं कम्पनी की है।

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