शिक्षा विभाग की लापरवाही, सपने चकनाचूर
शिक्षा विभाग के पोर्टल पर प्रदर्शित गलत रिक्त सीटों के आधार पर रिपोर्टिंग कर फंसे अभिभावक
विभाग की इस लापरवाही से हजारों अभिभावकों का बच्चों के एडमिशन के सपने पर पानी फिर गया।
कोटा। शिक्षा विभाग की लापरवाही से हजारों अभिभावकों का सपना चकनाचूर हो रहा है। महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में एडमिशन के लिए विभाग का शाला दर्पण पोर्टल कक्षावार रिक्त सीटों की संख्या वास्तविक सीटों से तीन गुना अधिक बता रहा है। जिससे अभिभावक भ्रमित हो रहे हैं और पोर्टल पर प्रदर्शित रिक्त सीटों के आधार पर संबंधित स्कूलों में दाखिले के लिए रिपोर्टिंग कर रहे हैं। क्योंकि, पोर्टल पर प्रदर्शित सीटों की संख्या के अनुसार लॉटरी में चयनित बच्चों का नंबर आसानी से आ रहा होता है। जब अभिभावक स्कूलों में दस्तावेज जमा करवाने पहुंचते हैं, तब उन्हें वास्तिविक सीटों का पता लगता है, जो नाममात्र की होती है। विभाग की इस लापरवाही से हजारों अभिभावकों का बच्चों के एडमिशन के सपने पर पानी फिर गया।
पोर्टल पर 25 रिक्त सीटें, वास्तविक सात ही
महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों में इन दिनों प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। गत 17 जून को लॉटरी निकलने के बाद से अभिभावक वरियता क्रम के अनुसार पांच स्कूलों का चयन कर रिपोर्टिंग कर रहे हैं। लेकिन, शाला दर्पण पर प्रदर्शित हो रही रिक्त सीटों की संख्या वास्तविक संख्या से 3 गुना अधिक है। महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल आरएसी कॉलोनी में पोर्टल पर कक्षा-6 के लिए 25 सीटें रिक्त दिखा रहा है। जबकि, वास्तिविक में यहां मात्र 7 ही सीटें हैं। इसी तरह श्रीनाथपुरम स्कूल की सीटें-27 दिख रही है, लेकिन यहां 9 ही सीट रिक्त है। वहीं, कक्षा-1 में 24 सीटें नजर आ रही लेकिन हकीकत में 9 ही रिक्त हैं। यह स्थिति जिले के अधिकांश स्कूलों में बनी हुई है।
गलती विभाग की, खामियाजा भुगत रहे अभिभावक
अभिभावकों का कहना है कि शाला दर्पण पोर्टल पर प्रदर्शित हो रही कक्षावार रिक्त सीटों की संख्या के आधार पर ही तो हम संबंधित स्कूलों का चयन करेंगे। लेकिन पोर्टल तो वास्तविक सीटों से तीन गुना ज्यादा सीटें रिक्त दिखा रहा है। ऐसे में जिन बच्चों का लॉटरी में 20 नंबर है, उनके अभिभावक पोर्टल के आधार पर एडमिशन को लेकर आश्वस्त होकर रिपोर्टिंग कर दी। लेकिन, दस्तावेज जमा करवाने स्कूल जाते हैं तो पता लगता है कि वहां तो 9 ही सीटें रिक्त थी। लेकिन, तब तक अभिभावक आवेदन लॉक करवा चुका होता है। ऐसी स्थिति में वह दूसरे स्कूल में भी रिपोर्टिंग से वंचित हो जाता है। शिक्षा विभाग की लापरवाही से हजारों विद्यार्थी एडमिशन से वंचित हो रहे हैं।
शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे परिजन
शिक्षा विभाग की गलती का खामियाजा अभिभावकों को भुगतना पड़ रहा है। गुमानपुरा निवासी सत्येंद्र पारीक ने बताया कि मामले को लेकर तीन दिन से जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन वहां न तो अधिकारी मिल रहे और न ही कोई समाधान बता रहा। छावनी के पुष्पेंद्र नायक का कहना है कि पिछले दिनों से डीओ सैकंडरी व एलीमेंट्री के चक्कर लगा रहा हूं। वहां मौजूद कर्मचारी बीकानेर मुख्यालय का हवाला देकर पल्ला झाड़ बैरंग लौटा रहे हैं। कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही।
अनलॉक का मिले ऑप्शन, दोबारा निकले लॉटरी
शिवपुरा निवासी महेश प्रजापति, दादाबाड़ी के सुरेंद्र गोयल, अखिलेश मेहरा का कहना है कि गलती विभाग की है, उनका पोर्टल गलत आंकड़ा दिखा रहा है। अभिभावक परेशान हो रहे हैं। पोर्टल के आंकड़ों के आधार पर संबंधित स्कूल में एक बार रिपोर्टिंग किए जाने पर आवेदन लॉक हो जाता है। जिससे दूसरे स्कूल में रिपोर्टिंग का अवसर भी खत्म हो जाता है। ऐसे में शिक्षा विभाग पोर्टल की गलती सुधारें और अनलॉक का ऑप्शन भी देकर अभिभावकोें को दूसरे स्कूलों में रिपोर्टिंग का मौका दिया जाए।
क्या कहते हैं अभिभावक
20 जून को हमने महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल आरएसी कॉलोनी में कक्षा-6 के लिए की थी। यहां शाला दर्पण पोर्टल पर 25 सीटे रिक्त दिखाई दी। जबकि, बेटे का लॉटरी में 27 नंबर था। ऐसे में एडमिशन की उम्मीद थी। रिपोर्टिंग के बाद आवेदन जमा करवाने स्कूल पहुंचे तो वहां बताया कि सीटें तो 7 ही खाली थी, जो भर गई। ऐसे में बच्चे का प्रवेश नहीं हो पाया। शिक्षा विभाग को अपनी गलती सुधार कर दोबारा लॉटरी निकालनी चाहिए।
-वर्षा शर्मा, दादाबाड़ी
जब हम रिपॉर्टिंग के लिए श्रीनाथपुरम-बी स्कूल गए तो हम आश्वस्त थे कि बच्चे का एडमिशन हो जाएगा। क्योंकि पोर्टल पर कक्षा के लिए 27 सीटें रिक्त थी, जबकि, लॉटरी में बच्चे का नंबर 21 था। लेकिन, स्कूल जाने पर पता चला कि यहां तो 9 ही सीटें खाली हैं। अब हम क्या करें, बच्चे का एडमिशन नहीं हो पा रहा। जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय में भी सम्पर्क किया लेकिन कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। सरकार को हस्तक्षेप कर दोबारा लॉटरी निकालनी चाहिए ताकि, विद्यार्थी शिक्षा से वंचित न रह सके।
-लीला प्रजापति, शिवपुरा
मामला संज्ञान में आया है। शाला दर्पण पोर्टल पर प्रदर्शित रिक्त पदोें की संख्या में सुधार के लिए संबंधित स्कूल से पत्र मिला है। जिससे उच्चाधिकारियों को अवगत करा रहे हैं।
-संतराम वर्मा, सहायक निदेशक महात्मा गांधी प्रकोष्ठ
शाला दर्पण पर रिक्त सीटों की संख्या वास्तविक सीटों से अधिक प्रदर्शित हो रही है। इसमें सुधार के लिए हमने जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक को पत्र भेजा है।
- लोकेश जैन, शिक्षक आरएसी कॉलोनी स्कूल

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