असर खबर का - पॉलीथिन कैरी बैग का निर्माण करना पड़ेगा भारी
पॉलीथिन बनाने वाले उद्योगों की सूचना देने पर मिलेगा ईनाम
प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पुरस्कार की बढ़ाई राशि।
कोटा। प्लास्टिक कचरा दुनिया में प्रदूषण फैलाने में सबसे बड़ा खतरा बन रहा है। देश में भी प्लास्टिक पॉलिथीन को कम करने के लिए इस पर अलग-अलग तरीके से बैन किया गया है। आमजन को जागरुक करने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन इसके बाद भी प्लास्टिक पॉलिथीन से लोगों का मोह नहीं छूट रहा है। बाहर से हरेक सामान पॉलिथीन में पैक होकर आ रहा है। अब राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने सिंगल यूज प्लास्टिक एवं प्लास्टिक कैरी बैग का उपयोग बंद करवाने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने का निर्णय किया है। इसके प्रतिबंध पर प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पुरस्कार योजना लागू की है। पूर्व में इस योजना के अंतर्गत प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैग अथवा सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माण करने वाले इकाइयों व उद्योगों की सूचना देने पर पांच हजार रुपए का पुरस्कार निर्धारित था। अब मंडल द्वारा इस योजना में संशोधन करते हुए पुरस्कार राशि को बढ़ाकर पंद्रह हजार रुपए कर दिया गया है।
नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
सिंगल यूज प्लास्टिक सर्वाधिक खतरनाक है। इसकी बिक्री पर बैन लगा हुआ है लेकिन इसके बाद भी यह बाजार में खुलेआम बिक रही है। दैनिक नवज्योति में गत 9 मार्च को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें बताया था कि शहर की थोक फल सब्जीमंडी में पॉलीथिन का धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। यहां पर सभी विक्रेता पॉलीथिन के साथ ही कारोबार करने में जुटे हुए हैं। मंडी परिसर में दिनभर सब्जियों की बिक्री पॉलीथिन में ही हो रही है। थैलियों में सामग्री लाने और ले जाने सुविधाजनक होने के कारण विक्रेता से लेकर ग्राहक तक इसका उपयोग करता है। दिनभर के कारोबार के बाद ज्यादातर पॉलीथिन कचरे के रूप में तब्दील हो जाती है। देश में 120 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग पर प्रतिबंध है। जबकि 75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग पर पहले से ही बैन लगा हुआ है। प्रतिबंध के बावजूद थोक फलमंडी का कारोबार पॉलीथिन के बल पर हो रहा है। इसके बावजूद जिम्मेदार विभाग इस सम्बंध में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इनका धड़ल्ले से संचालन हो रहा है।
पुरस्कार राशि में किया संशोधन
मंडल के अधिकारियों के अनुसार भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार देशभर में चिन्हित सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के निर्माण, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री एवं उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू है। इनमें प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स, गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक, प्लास्टिक झंडे, कैंडी और आइसक्रीम की प्लास्टिक स्टिक, मिठाई के डिब्बों के चारों ओर लपेटने वाली प्लास्टिक फिल्म, आमंत्रण पत्रों और सिगरेट पैकेट पर चढ़ाई जाने वाली प्लास्टिक शीट, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक पर प्रतिबंधित हैं। प्रतिबंध के बाद भी इनका बाजार में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है। अब इस प्रतिबंध के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जनसहभागिता को बढ़ावा देने के लिए पुरस्कार योजना लागू की है। अब मंडल द्वारा इस योजना में संशोधन करते हुए पुरस्कार राशि को बढ़ाकर पंद्रह हजार रुपए कर दिया गया है। प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैग अथवा सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माण करने वाली किसी इकाई की विश्वसनीय सूचना देने पर सूचना दाता को पंद्रह हजार रुपए का पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।
अब प्रतिबंधित प्लास्टिक कैरी बैग अथवा सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं का निर्माण करने वाले इकाइयों व उद्योगों की सूचना देने पर पंद्रह हजार रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा। आमजन सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग न करें और यदि कहीं इनके निर्माण की जानकारी हो तो इसकी जानकारी तुरन्त विभाग को उपलब्ध कराएं।
- योग्यता सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल

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