आर्ट्स से संस्कृत तक को टैबलेट के साथ मुफ्त इंटरनेट, कृषि प्रतिभाओं को वंचित छोड़ा

सरकार का दोहरा रवैया: सरकारी योजनाओं के लाभ से कृषि विद्यार्थियों को किया महरूम

आर्ट्स से संस्कृत तक को टैबलेट के साथ मुफ्त इंटरनेट, कृषि प्रतिभाओं को वंचित छोड़ा

बोर्ड परीक्षाओं में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को टैबलेट देकर प्रोत्साहित करती है सरकार।

कोटा। स्कूली शिक्षा में प्रतिभाओं को सरकारी योजनाओं की सुविधा देने में सरकार का दोहरा रवैया देखने को मिल रहा है। एक तरफ बोर्ड परीक्षाओं में सर्वोच्चय अंक हासिल करने वाले आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स व संस्कृत के विद्यार्थियों को टैबलेट के साथ 3 साल के लिए मुफ्त इंटरनेट की सुविधा दी जा रही है। वहीं, कृषि संकाय की प्रतिभाओं को सरकारी योजनाओं से महरूम रखा जा रहा। वर्ष 2022 से अब तक कृषि विद्यार्थियों को टैबलेट नहीं दिए गए। जबकि, आर्ट्स से संस्कृत संकाय के होनहार विद्यार्थियों को दिए जा रहे हैं। सरकार के दोहरे रवैये से विद्यार्थी प्रोत्साहित होने की जगह निरुत्साहित हो रहे हैं। दरअसल, आठवीं, दसवीं व बारहवीं बोर्ड परीक्षा में सर्वोच्चय अंक लाने वाले मेधावी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार, फ्री टेबलेट योजना के तहत टेबलेट के साथ तीन साल के लिए मुफ्त इंटरनेट देती है। ताकि, विद्यार्थी टेक्नोलॉजी से अपग्रेड रहे और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा हासिल कर सके। लेकिन, सरकार यह सुविधा कला, विज्ञान, वाणिज्य और संस्कृत संकाय के मेधावी छात्र-छात्राओं को तो दे रही है लेकिन कृषि संकाय की प्रतिभाओं को नहीं दिया जा रहा। 

सरकारी योजनाओं से वंचित कृषि होनहार 
बोर्ड परीक्षाओं में कृषि संकाय में मेरिट (निर्धारित प्रतिशत) में आने वाले विद्यार्थियों को टेबलेट नहीं दिए जा रहे। उन्हें तकनीक से दूर रखने के साथ नवाचार व सुविधाओं से भी वंचित रखा जा रहा है। ऐसे में योजना से कृषि संकाय की प्रतिभाएं वंचित होंगी। राज्य में आठवीं,दसवीं और बारहवीं कक्षा में मेरिट में आने वाले 55 हजार 800 विद्यार्थियों को राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से राज्य सरकार टेबलेट वितरण के साथ 3 साल तक इंटरनेट सुविधा उपलब्ध करवा चुकी है और वर्ष 2024 के लिए 18 हजार विद्यार्थियों के परिणाम के सत्यापन के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने राज्य के सभी जिला शिक्षाधिकारियों को उनके जिले के राज्य मेरिट में आए विद्यार्थियों की मूल अंकतालिका से मिलान करने के निर्देश दिए हैं।  लेकिन, इसमें कृषि संकाय का जिक्र नहीं है। 

इस बार भी कृषि विद्यार्थी रहेंगे वंचित
वर्ष 2022 एवं 2023 में बोर्ड परीक्षा में मेरिट में आने वाले विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण किया जा चुका है । अब वर्ष 2024 के विद्यार्थियों को टेबलेट वितरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, लेकिन पिछले दो साल की तरह वर्ष 2024 में भी कृषि संकाय का एक भी विद्यार्थी शामिल नहीं किया गया। फ्री टेबलेट योजना के अंतर्गत सत्र 2021-22 व 22- 23 व 2023-24 के बोर्ड की सभी कक्षाओं आठवीं,दसवीं तथा बारहवीं के कला, वाणिज्य, विज्ञान, प्रवेशिका व वरिष्ठ उपाध्याय के छात्र-छात्रा शामिल हैं।

2020 में बनाया कृषि संकाय
शिक्षक संघ रेसटा के प्रदेशाध्यक्ष मोहर सिंह ने बताया कि राज्यभर में 398 स्कूलों में कृषि संकाय संचालित है। पहले यह विज्ञान संकाय के साथ ही माना जाता था। लेकिन, तत्कालीन अशोक गहलोत सरकार ने वर्ष 2020 में कृषि को महत्व देने की योजना लागू करते हुए इसे विज्ञान संकाय से अलग कर कृषि संकाय घोषित किया। जिससे प्रदेश के बच्चों में कृषि के प्रति रुचि उत्पन्न हो और कृषि शिक्षा के प्रति रुझान  बढ़े।  गत वर्ष भी बोर्ड परीक्षा में कृषि संकाय के सैकड़ों विद्यार्थियों ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। 

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वर्ष 2024 में जारी हुए बारहवी बोर्ड परीक्षा के परिणाम में 91.49 प्रतिशत अंक मिले हैं। इसके बावजूद हमें टेबलेट नहीं मिले। जबकि, विज्ञान में कुछ विद्यार्थियों के 85 से 90 प्रतिशत अंक आने पर उन्हें नि:शुल्क टेबलेट के साथ तीन साल के इंटरनेट की सुविधा द्वारा दी गई। सरकार को योजना के तहत हमें भी टेबलेट और इंटरनेट की सुविधा देनी चाहिए।
- लोकेश कुमार, छात्र कृषि विज्ञान 

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यह तो सरासर दोगलापन है। बोर्ड परीक्षा में कृषि विद्यार्थी उत्कृष्ट  प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में हमें भी सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना चाहिए। आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स  व संस्कृत के विद्यार्थियों को तो टेबलेट दे रहे और कृषि के मेधावी विद्यार्थियों को वंचित रख रहे। यह कहां का इंसाफ है। सरकार को सभी के प्रति एक सा नजरिया रखना चाहिए।
- भुवनेश प्रजापत, अकिल अहमद, छात्र कृषि विज्ञान 

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कृषि विद्यार्थियों को भी मिले टैबलेट व इंटरनेट
राज्य के कृषि संकाय के विद्यार्थियों के साथ दोगला व्यवहार सही नहीं है। हमारा देश कृषि प्रधान है और कृषि को महत्व देने के उद्देश्य से ही कृषि विषय को अलग संकाय घोषित किया गया है। राज्य सरकार व शिक्षा विभाग से यही मांग है की वर्ष 2022 से 2024 तक तीनों सत्रों के कृषि संकाय के पात्र विद्यार्थियों को नि:शुल्क टेबलेट वितरण योजना में शामिल करके सूची जारी करवाई जाए।
- मोहर सिंह सलावद, प्रदेशाध्यक्ष, शिक्षक संघ रेसटा, 

यह सरकार के स्तर का मामला है, वहां से जो भी निर्देश  मिलेंगे, उसी के अनुरूप कार्यवाही की जाएगी।  
- तेज कंवर, संयुक्त निदेशक स्कूल शिक्षा कोटा संभाग 

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