तेज आवाज का डीजे साउण्ड, बढ़ा रहा सिरदर्द, परीक्षा की तैयारी में डीजे साउण्ड डाल रहे खलल
सिर पर आ गई बोर्ड परीक्षाएं
प्रशासन द्वारा जल्द इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो बच्चों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
खानपुर। प्रदेश में सीबीएसई एवं बोर्ड की परीक्षाएं जैसे जैसे नजदीक आती जा रही हैं, वैसे वैसे परीक्षार्थी दिन रात मेहनत करने में जुटे हुए है, लेकिन शादी ब्याह में बज रहे तेज आवाज में साउंड छात्रों की परेशानी बढ़ा रहे है। शादी ब्याह में लोग अपनी खुशी के लिए बच्चों के भविष्य से खेल रहे हैं, जगह जगह तेज आवाज में बज रहे लाउडस्पीकर और डीजे उनकी एकाग्रता को भंग कर रहे है। वही रात की नींद भी खराब कर रहे है । सरकार के आदेशानुसार तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर रोक है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। खानपुर वासियों का कहना है कि ध्वनि प्रदूषण पर शासन प्रशासन के नियंत्रण के दावे की डीजे संचालन हवा निकाल रहे है। लाउडस्पीकर का शोर 55 डेसिबल होना चाहिए लेकिन डीजे संचालक 150 डेसिबल तक बजाया जा रहा है। इससे स्टूडेंट के साथ बुजुर्ग,हाट के मरीज परेशान हो चुके हैं, तेज शोर से लोगों के कान कमजोर हो रहे हैं। जबकि डीजे साउंड को कम आवाज में बजाने का समय रात के 10 बजे तक का ही है, लेकिन देर रात तक तेज आवाज में डीजे साउंड बज रहे हैं इससे बोर्ड परीक्षा,सीबीएसई सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों में जुट छात्र छात्राओं को तेज आवाज में बजने वाले डीजे से पढ़ाई कमजोर पड़ रही है, इससे उनका ध्यान भी भटक रहा है। शादी में खुशी के लिए लोग बच्चों के भविष्य से खेल रहे हैं, जिससे उन्हें परीक्षा परिणाम बिगड़ने का डर सा बना हुआ है । प्रशासन द्वारा जल्द इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो बच्चों पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है।
अभिभावकों को बच्चों का परिणाम बिगड़ने का सता रहा डर
कस्बे में बारात निकासी जुलूस में निर्धारित मापदंड से दोगुने साउंड सिस्टम के साथ गलियों में निकाले जा रहे है। परीक्षार्थियों की परीक्षाएं नजदीक है लेकिन डीजे बजाने वालो को न तो बच्चों की परीक्षा का ख्याल है ना ही अस्पताल के सामने से गुजरते हुए मरीजों की स्थिति का ध्यान तेज आवाज में बजने वाले साउंड सिस्टम से हार्ट मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, इसके बावजूद किसी को कोई फिक्र नहीं है। देर रात तक तेज आवाज में उन्हें बजने वाले लाउड स्पीकर से बच्चे पढ़ नहीं पाते इससे अभिभावक चिंतित है, इससे उनके परिणाम बिगड़ने का डर सता रहा है। इसी के साथ स्कूलों के आसपास भी डीजे साउंड धीमी आवाज में निकलना चाहिए ताकि बच्चों की पढ़ाई खराब ना हो।
शादी में डीजे पर नाचते वक्त युवक की हुई थी मौत
मंगलवार रात को जरगा गांव निवासी राघवेंद्र 23 वर्ष पुत्र रामबिलास नागर गांव के ही पड़ौसी दोस्त की शादी में खानपुर गया हुआ था, जहां पर निकासी में नाच रहा था। इसी दौरान गश खाकर गिर पड़ा। जिसे परिजन तुरंत अस्पताल ले गए जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इस पर चिकित्सकों ने हार्ट अटैक की आशंका जताई थी। इससे पूर्व में भी लगभग 6 माह पूर्व मालनवासा गांव में भजन संध्या के दौरान पंचायत सहायक सचिव की अटैक आने से मौत हो गई थी।
उछल जाती है और दीवार पर टंकी तस्वीर भी हिल जाती है, डीजे का डेसीबल कम होना चाहिए।
- राजकुमार, छात्र
अभी शादी समारोह तेजी से चल रहे हैं इनको हम रोक नहीं सकते यह रीति रिवाज है लेकिन इससे बच्चों की पढ़ाई पर असर न पड़े इसलिए डीजे का डेसिबल कम होना चाहिए।
- सत्यनारायण मौर्य, ग्रामीण
जब रोड से डीजे बजते हुए निकलते हैं तो बुजुर्ग व्यक्तियों के लिए बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है उनका हार्ट कंपन करने लग जाता है।
- निर्मला लखारा, ग्रामीण
शादी समारोह में जो देर रात तक डीजे बजाते हैं उनसे बालकों को पढ़ाई में परेशानी का सामना तो करना पड़ता ही है उसी के साथ खानपुर 5दिन पहले एक बालक डांस करते हुए बेहोश हो गया, ऐसा नहीं होना चाहिए ।
- प्रिंस नागर, छात्र
मैं एक छात्र हूं और पूरे साल मैंने परीक्षा पास करने के लिए मेहनत की है और मुझे पढ़ाई का समय रात को ही मिलता है और रात में यदि डीजे साउंड बहुत तेज रहता है तो इससे मेरे को पढ़ाई में परेशानी उत्पन्न होती है अत: निवेदन है कि डीजे 10 बजे बाद ना बजाए जाए और इनका डेसीबल कम रखा जाए।
- विजय कुमार, छात्र
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार रात्रि को 10 बजे से 5 तक जो प्रतिबंध है उसे पुलिस के माध्यम से खानपुर थाना अधिकारी को निर्देशित कर प्रतिबंध लगाया जाएगा।
- रजत कुमार,विजय वर्गीय उपखंड अधिकारी खानपुर
Comment List