कचरा व सूखी घास लगा रही आग, समय पर नहीं हो रही घास व झाड़ियों की कटाई
शहर में खाली भूखंडों में लगा है कचरे का अम्बार
अप्रैल का महीना शुरु होने के साथ ही जिस तरह से गर्मी ने अपना कहर ढाना शुरु कर दिया है
कोटा।अप्रैल का महीना शुरु होने के साथ ही जिस तरह से गर्मी ने अपना कहर ढाना शुरु कर दिया है। उससे इंसान ही नहीं सभी प्रभावित हो रहे हैं। यहां तक कि तापमान अधिक होने से शहर में आग लगने की घटनाएं भी बढ़ी है। वहीं आग लगने का सबसे अधिक कारण है खाली भूखंडों में लगा सूखे कचरे का अम्बार व सूखी घास व झाड़ियां। शहर में मुख्य मार्गों से लेकर हाइवे और कॉलोनियों में बड़ी संख्या में भूखंड खाली पड़े हुए हैं। उन भूखंडों में लोग कचरा डाल रहे है। समय पर वह कचरा नहीं उठने और लम्बे समय तक पड़ा रहने से गर्मी में धूप में तेजी के कारण वह सूखकर पापड़ बन रहा है। जिससे गर्मी में वह कचरा आग पकड़ रहा है। वहीं किसी के भी द्वारा कोई गलती हुई चीज डालने से कचरे में आग लग रही है। तापमान अधिक होने से साथ ही दिन के समय हवा भी तेज चल रही है। जिससे आग तेजी से और अधिक एरिया में जल्दी फेल रही है। यह आग उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए तो परेशानी का कारण बन ही रही है। साथ ही इससे आस-पास के अन्य स्थानों व सामानों के भी जलने का खतरा बना हुआ है।
यहां है बुरी हालत
यह हालत किसी एक इलाके की नहीं है। वरन् पूरे शहर की है। तलवंडी, जवाहर नगर, दादाबाड़ी, बसंत विहार, महावीर नगर विस्तार योजना, गोपाल विहार, न्यू गोपाल विहार, बजरंग नगर, आकाशवाणी कॉलोनी,झालावाड़ रोड समेत कई जगह पर खाली भूखंडों में कचरे का अम्बार लगा हुआ है। इधर इन भूखंडों में आग लगने की सूचना पर नगर निगम के फायर अनुभाग की दमकलों की भी भागदौड़ बढ़ रही है। रोजाना दिन में कई जगह पर आग लगने की घटनाएं हो रही है।
बड़ी-बड़ी घास सूखी
शहर में बहुत सारे इलाके ऐसे भी हैं जहां बरसात के समय में घास उग जाती है और वह बड़ी-बड़ी हो रही है। लेकिन उसकी समय पर कटाई नहीं होने से वह 8 से 10 फीट तक ऊंची हो गई है। वहीं गर्मी के मौसम में यह घास सूख कर झाड़िंयां बन गई है। जिससे गर्मी में इनमें आग लगने की घटनाएं हो रही है। गर्मी के अलावा जलती हुई बीड़ी सिगरेट या माचिक की तीली डालने से भी सूखी घास व झाड़ियों में आग तेजी से फेल रही है।
यहां है ऐसी स्थिति
झालावाड़ रोड पर अनंतपुरा पेट्रोल पम्प के पास खाली भूखंड पर बड़ी-बड़ी घास उगी हुई है। जिसमें गत दिनों भीषण आग लग चुकी है। उस आग से उसके आस-पास पेट्रोल पम्प को भी खतरा हो गया था। जिसे बुझाने के लिए नगर निगम के फायर अनुभाग के अधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। इसी तरह से वर्तमान हवाई अड्डा परिसर में चार दीवारी के सहारे चारों तरफ भी बड़ी-बड़ी घास उगी हुई है। यह गर्मी में सूखने से आग लगने का कारण बन रही है। दो साल पहले एयरपोर्ट परिसर की सूखी घास में भीषण आग लग गई थी। जिसे काबू पाने के लिए निगम की कई दमकलों को मशक्कत करनी पड़ी थी। इसी तरह से स्टेडियम परिसर समेत कई जगह पर सूखी घास उगी हुई है।
विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी
शहर में खाली भूखंडों में कचरा साफ करने की नगर निगम और सूखी घास व झाड़ियों को कटवाने की संबंधित विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी है। बजरंग नगर निवासी संजय साहू का कहना है कि जब हर साल गर्मी के सीजन में कचरे में व सूखी घास में आग लगती है तो गर्मी से पहले कचरा साफ करना और घास की कटाई करवानी चाहिए। जिससे इस तरह से समस्या ही नहीं हो। जिससे इनमें आग लगने पर लोगों को और फायर अनुभाग को समस्या का सामना भी नहीं करना पड़े। नयापुरा निवासी लालचंद टांक का कहना है कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन सही ढंग से नहीं कर रहे है। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। साथ ही आग फेलने पर उससे नुकसान भी होता है।
इनका कहना है
गर्मी के सीजन में ग्रामीण क्षेत्रों में तो खेत, नौलाई और भूसे में आग लगने की अधिक घटनाएं होती है। जबकि शहरी क्षेत्र में खाली भूखंडों में लगे कचरे के अम्बार व सूखी घास व झाड़ियों में अधिक आग लग रही है। हवा चलने से आग तेजी से फेलती है। जिसे काबू पाने के लिए दमकलों की भागदौड़ लगी रहती है। कचरा एकत्र न हो और घास की समय पर कटाई हो यह समय पर हो तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।
- राकेश व्यास, सीएफओ, नगर निगम कोटा दक्षिण
एयरपोर्ट परिसर में सूखी घास को कटवाने का पूर्व में टेंडर किया गया था। लेकिन वित्त विभाग की आपत्ती के चलते उसे निरस्त करना पड़ा था। जिसकी दोबारा से प्रक्रिया की जा रही है। शीघ्र ही प्रक्रिया पूरी होने पर घास को कटवा दिया जाएगा। लेकिन उससे पहले जहां गर्मी में आग लगने की अधिक संभावना है वहां जेसीबी की सहायता से घास को कटवा दिया जाएगा।
- तुलसीराम मीणा, निदेशक कोटा हवाई अड्डा

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