215 फीट रावण का पुतला बनाने के लिए हरियाणा की पार्टी ने दिखाई हिम्मत
नगर निगम की ओर से आॅनलाइन जारी टेंडर में आया एक ही आवेदन
निगम की ओर से तकनीकी बिड़ में पार्टी के दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
कोटा। नगर नगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से इस साल दशहरा मेले के दौरान अक्टूबर में दशहरे के दिन होने वाले रावण दहन के लिए हरियाणा की एक ही पार्टी ने हिम्मत दिखाते हुए आवेदन किया है। नगर निगम के निर्माण अनुभाग की ओर से इस साल दशहरे पर 215 फीट का रावण और 60 व 70 फीट के मेघनाद व कुम्भकरण के पुतले बनाने के लिए टेंडर जारी किया था। आॅनलाइन जारी इस टेंडर को पूर्व में 10 जून को खुलना था। लेकिन बाद में इसकी तारीख बढ़ाकर 14 जून कर दी गई थी। निर्धारित तिथि व समय समाप्त होने के बाद जब निगम की ओर से टेंडर की तनकीकी बिड खोली तो उसमें एक ही आवेदन आया हुआ था। वह भी हरियाणा की पार्टी ने किया है। निगम की ओर से तकनीकी बिड़ में पार्टी के दस्तावेजों की जांच की जाएगी। इसमें एक दो दिन का समय लगेगा। उसके बाद इसमें सफल होने पर उसकी वित्तीय बिड़ खुलेगी। निगम की ओर से करीब 44 लाख रुपए में पुतले बनाने से लेकर उन्हें खड़ा करने व पुतलों में आतिशबाजी तक को शामिल करते हुए टेंडर जारी किया गया है। वित्तीय बिड़ में सफल होने पर उससे नेगोशिएशन के बाद कार्यादेश जारी किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार जिस पार्टी ने आवेदन किया है। वह हरिणाणा के अम्बाला की है।
द्वारिका और अम्बाला में भी हरियाणा के कारीगरों ने बनाए थे पुतले
दिल्ली के द्वारिका में अक्टूबर 2024 में 211 फीट का रावण का पुतला बनाया गया था। उस पुतले को बनाने का काम हरियाणा के बराड़ा गांव के कारीगरों ने किया था। हरियाणा के 40 कारीगरों ने 4 महीने में इस पुतले को तैयार किया था। जिसकी लागत करीब 30 लाख रुपए थी। जबकि इससे पहले वर्ष 2015 में हरियाणा के अम्बाला में 212 फीट का रावण का पुतला बनाया गया था। उस पुतले को हरियाणा के अम्बाला के ही कारीगरों ने तैयार किया था। संभावना जताई जा रही हैै कि कोटा में उससे भी बड़ा 215 फीट का रावण का पुतला बनाने की हिम्मत भी हरियाणा के अम्बाला के उन्हीं कारीगरों ने दिखाई है। यदि ऐसा संभव हो जाता है तो विश्व में यह अब तक का सबसे ऊंचा रावण का पुतला होगा जो विश्व रिकॉर्ड भी बना सकता है। इस बार 2 अक्टूबर को होगा रावण दहन: नगर निगम की ओर से 132 वें राष्ट्रीय दशहरा मेले का आयोजन तो 22 सितम्बर से 17 अक्टूबर तक किया जाएगा। लेकिन रावण दहन 2 अक्टूबर को दशहरे के दिन होगा। जबकि गत वर्ष 12 अक्टूबर को दशहरे के दिन रावण दहन हुआ था।
दहन स्थल पर ही तैयार होंगे पुतले
मेला समिति के अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि पहले जहां रावण, मेघनाद व कुम्भकरण के पुतलों को दशहरा मैदान में तैयार किया जाता था। उसके बाद उन्हें टुकड़ों में लाकर विजयश्री रंगमंच पर खड़ा किया जाताा था। पुतले भारी भरकम होने से उन्हें खड़ा करने में काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। लेकिन इस बार रावण दहन स्थल को बदला गया है। इस बार रावण दहन विजयश्री रंगमंच के दांयी तरफ कच्ची दुकानों के स्थान पर होगा। इतना ही नहीं पुतलों को दहन स्थल पर ही तैयार किया जाएगा। जिससे उन्हें उठाकर लाने की समस्या नहीं रहेगी। साथ ही पहले जहां पुतले बनाने का काम अलग कलाकार करते थे। पुतले खड़े करने व पेड़ा बांधने का काम अलग होता था। लेकिन इस बार नया प्रयोग करते हुए इतना बड़ा पुतला बनाया जा रहा है। ऐसे में पुतले बनाने से लेकर उन्हें खड़ा करने तक का काम एक ही पार्टी को दिया जाएगा। जिससे वह इस काम को अच्छी तरह से कम पाएंगे।
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