असर खबर का - मुफ्त राशन का इंतजार होगा खत्म, मिलेगी राहत
जिला कलक्टर ने एनएफएसए के तहत प्राप्त आवेदनों की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के दिए निर्देश
आवेदन पत्रों का काफी समय बाद भी निस्तारण नहीं होने के कारण पात्र होने के बावजूद कई आवेदकों को मुफ्त गेहूं नहीं मिल पा रहा है।
कोटा। खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आवेदन करने के बाद भी काफी समय से मुफ्त राशन का इंतजार कर रहे लोगों को अब राहत मिल सकेगी। जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में मंगलवार को कलक्ट्रेट में आयोजित विभागीय अधिकारियों की बैठक में एनएफएसए के तहत प्राप्त आवेदनों की जांच कर आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए। कोटा जिले में 18 हजार से अधिक आवेदकों ने खाद्य सुरक्षा योजना में नाम जुड़वाने के लिए आवेदन कर रखा है। इन आवेदनों की अभी तक जांच ही चल रही है। आवेदन पत्रों का काफी समय बाद भी निस्तारण नहीं होने के कारण पात्र होने के बावजूद कई आवेदकों को मुफ्त गेहूं नहीं मिल पा रहा है। अब जिला कलक्टर ने इस सम्बंध में अधिकारियों को आवेदनों का जल्द से जल्द निस्तारण करने के निर्देश दिए है।
फील्ड स्टाफ सीधे आवेदकों से करे संपर्क
बैठक के दौरान डॉ. गोस्वामी ने खाद्य सुरक्षा के तहत नाम जुड़वाने से संबंधित लंबित आवेदनों की समीक्षा करते हुए सभी उपखंड अधिकारियों को निर्देशित किया कि (वर्ष 2022 से 2025 तक) प्राप्त आवेदनों की त्वरित जांच कर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार जिन आवेदनों को दस्तावेजों की कमी के कारण वापस लौटाया गया है, उनका नियमित फॉलोअप किया जाए। इसके लिए पटवारियों एवं अन्य फील्ड स्टाफ को सीधे आवेदकों से संपर्क कर आवश्यक दस्तावेजों की जानकारी उपलब्ध करवानी होगी, जिससे पात्र लाभार्थी योजना का लाभ सुगमता से प्राप्त कर सकें। आवेदनों में जो भी कमी पाई गई है उनका समय पर निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए ताकि आमजन को राहत मिल सके।
नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
खाद्य सुरक्षा योजना के तहत आवेदन करने के बाद भी नाम नहीं जुड़ने के सम्बंध में दैनिक नवज्योति में 18 अप्रैल को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। जिसमें बताया था कि राज्य सरकार ने पात्र लोगों को राहत देने के उद्देश्य से खाद्य सुरक्षा में नाम जोड़ने के लिए पोर्टल खोला था। इस पर खाद्य सुरक्षा का लाभ लेने के लिए लाखों लोगों ने आवेदन कर दिया। अब इन आवेदनों का निस्तारण ही सरकार के लिए गलफांस बन गया है। इसका कारण यह है कि इतने अधिक आवेदन आ गए कि यदि नाम जोड़ लिए गए तो भारत सरकार की खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत तय सीलिंग सीमा पार हो जाएगी। इसके चलते आवेदन पत्रों को जांच के नाम पर ठण्डे बस्ते में डाल दिया है। अब उपभोक्ता चक्कर लगाने को विवश हैं। अब जिला कलक्टर ने बैठक में इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए आवेदनों के त्वरित गति से निस्तारण करने के निर्देश दिए।
अभी आवेदनों की जांच प्रक्रिया धीमी
प्रदेश में खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत कुल 13,38,683 आवेदन लम्बित हैं। इस कारण नए आवेदनों की जांच की स्थिति नगण्य है। सरकार ने पोर्टल पर जो आवेदन पत्र मांगे थे, उनके निस्तारण के लिए 30 दिवस की समय सीमा निर्धारित है। 26 जनवरी से अब तक पोर्टल पर सात लाख से अधिक आवेदन पत्र आए हैं, जिसमें निस्तारण की स्थिति देखें तो उपखंड अधिकारी स्तर पर प्रदेश में केवल 2365 आवेदन पत्रों का ही निस्तारण हुआ है। प्रदेश के 21 जिलों में एक भी आवेदन पत्र का निस्तारण नहीं हुआ है, जबकि आवेदन पत्रों की जांच के लिए चार चरण तय किए हैं। कोटा जिले की बात करें तो यहां पर 18952 आवेदनों की जांच चल रही है।

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