कोटा ट्रिपल आईटी का दीक्षांत समारोह : युवाओं के भविष्य के लिए गंभीर संकट, तकनीकी नेतृत्व अब देशभक्ति की नई सीमा रेखा
कोचिंग सेंटर अब बन गए पोचिंग सेंटर : धनखड़
कोचिंग सेंटर अब पोचिंग सेंटर बन चुके हैं। ये सुदृढ़ सांचों में प्रतिभा को जकड़ने वाले काले छिद्र बन गए हैं
कोटा। कोचिंग सेंटर अब पोचिंग सेंटर बन चुके हैं। ये सुदृढ़ सांचों में प्रतिभा को जकड़ने वाले काले छिद्र बन गए हैं। कोचिंग सेंटर अनियंत्रित रूप से फैल रहे हैं, जो देश का भविष्य युवाओं के भविष्य के लिए गंभीर संकट बनता जा रहा है। कोचिंग सेंटर राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रवाह के विरूद्ध है। हमें इस चिंताजनक बुराई से निपटना ही होगा। हम अपनी शिक्षा को इस तरह कलंकित और दूषित नहीं होने दे सकते। यह बात शनिवार को कोटा ट्रिपल आईटी के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कही।
हम एक नए राष्ट्रवाद के युग में प्रवेश कर रहे
धनखड़ ने कहा कि अब देश किसी सैन्य आक्रमण से नहीं, बल्कि विदेशी डिजिटल बुनियादी ढांचे पर निर्भरता से कमजोर और पराधीन होंगे। सेनाएं अब एल्गोरिद्म में बदल गई हैं। संप्रभुता की रक्षा का संघर्ष अब तकनीकी स्तर पर लड़ा जाएगा। उन्होंने तकनीकी नेतृत्व को नई राष्ट्रभक्ति का आधार बताते हुए कहा, हम एक नए राष्ट्रवाद के युग में प्रवेश कर रहे हैं। तकनीकी नेतृत्व अब देशभक्ति की नई सीमा रेखा है। तकनीकी नेतृत्व में हमें विश्व में अग्रणी बनना होगा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी का युद्धक्षेत्र अब भूमि या समुद्र नहीं है। पारंपरिक युद्ध अब अतीत की बात हो गई है। आज हमारी शक्ति और प्रभाव कोड, क्लाउड और साइबर से तय होते हैं।
प्रत्येक विद्यार्थी अपने भीतर प्रकाश उत्पन्न करे: बागडे
राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने कहा, भारत ने विश्व को ऐसे कई इंजीनियर दिए हैं, जिन्होंने वैश्विक मंच पर देश का नाम रोशन किया है। कोटा को उन्होंने औद्योगिक और शैक्षिक नगरी की उपाधि देते कहा कि यह शहर शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। उन्होंने महात्मा बुद्ध के प्रसिद्ध वाक्य अप्प दीपो भव: अपना दीपक स्वयं बनो को उद्धृत करते हुए कहा, प्रत्येक विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने भीतर प्रकाश उत्पन्न करे और अपनी मेधा से न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व को आलोकित करें। उन्होंने भारत रत्न डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम, एम. विश्वेश्वरैया, सुंदर पिचाई, सत्य नडेला तथा वर्गीस कुरियन जैसे महान व्यक्तित्वों का उदाहरण देते बताया कि इन विभूतियों ने न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में ही नहीं बल्कि सामाजिक उत्थान में भी अद्वितीय योगदान दिया है।
189 स्टूडेंट्स को डिग्रियां वितरित
समारोह में 189 स्टूडेंट्स को डिग्रियां वितरित की जब कि दो छात्रों को गोल्ड मेडल दिए गए।

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