अब शहर में ही देखने को मिलेगा जंगल का रोमांच
देवली अरब में 32 हैक्टेयर में बन रहा नगर वन, कोटा वनमंडल 1.40 करोड़ की लागत से बना रहा सिटी फोरेस्ट, मगरमच्छों के लिए बन रहा तालाब, प्रथम चरण का कार्य पूरा
बोरखेड़ा के देवलीअरब एरिया में 1.40 करोड़ की लागत से नगर वन बनाया जा रहा है। जिसका उददेश्य शहरी लोगों को शहर में ही जंगल देखने को मिल सके। उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है।
कोटा। शिक्षा नगरी के बाशिंदे जल्द ही जंगल की खूबसूरती से रूबरू हो सकेंगे। घने पेड़ों पर विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों का कलरव सुनने को मिलेगा। वहीं, मगरमच्छों की अळखेलियां रोमांचित कर देगी। दरअसल, कोटा वन मंडल की ओर से केंद्र सरकार की वित्त पोषिक योजना के तहत शहर में नगर वन की स्थापना की जा रही है। बोरखेड़ा के देवलीअरब एरिया में 1.40 करोड़ की लागत से नगर वन बनाया जा रहा है। जिसका उददेश्य शहरी लोगों को शहर में ही जंगल देखने को मिल सके। उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक करना है।
32 हैक्टेयर में बन रहा जंगल
डीएफओ जयराम पांडे्य ने बताया कि बोरखेड़ा के देवली अरब क्षेत्र में 32 हैक्टेयर में सिटी फोरेस्ट बनाया जा रहा है। 89 लाख की लागत से अभी प्रथम चरण का कार्य पूरा हो चुका है। नगर वन को इस तरह डिजाइन किया गया है कि इससे शहरी क्षेत्र में लोगों को जंगल का अहसास हो सके। यहां पौधारोपण के साथ जॉगिंग ट्रैक, साइकिल ट्रैक व ओपेन जिम व तरह-तरह की वाटिकाएं बनाई जाएंगी। जैव-विविधता संरक्षण के लिए दूरदराज के जंगली क्षेत्रों पर ही ध्यान दिया जाता रहा है, लेकिन बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए सरकार ने शहरी क्षेत्रों में भी जैव-विविधता संरक्षण के लिए शहरों में ही नगर वन बनाने का निर्णय लिया है।
प्रथम चरण में यह काम हुआ पूरा
नगर वन निर्माण कार्य के दौरान प्रथम चरण में इको टेल, इको हट, तलाइयां, सौलर पम्प, बोरिंग, बाउंड्रीवाल, पौधरोपण, गडढ़ा खुदाई, मृद्वा संरक्षण सहित अन्य कार्य पूरे हो चुके हैं। यहां विभिन्न प्रजातियों के फूलों की नर्सियां भी डवलप की जाएगी। ताकि, यहां घूमने आने वाले बच्चे व लोगों को पेड़ पौधे और वनस्पतियों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी मिल सके। नगर वन को टूरिज्म से जोड़ा जाएगा।
तपमान भी रहेगा मेंटेन
अधिकारियों ने दावा किया है कि नगर वन के निर्माण के बाद आसपास के इलाकों में तापमान मेंटेन होगा। पार्क के आस पास के क्षेत्र में लोगों को तापमान कम रहने से राहत मिलेगी। पार्क में मल्टीपल एक्टिविटी रहेगी। कोटा में देशभर से कोचिंग करने के लिए बच्चे आते हैं जो 2 से 4 साल तक रहते हैं। स्टूडेंटस व पर्यटकों के लिए यह जगह काफी पीसफुल रहेगी। साथ ही उनके स्ट्रेस को भी कम करेगी।
अवैध खनन पर लगेगा अंकुश
सिटी फोरेस्ट बनने से वन मंडल की यहां की जमीन पर अवैध-खनन व अतिक्रमण जैसी गतिविधियों पर अंकुश लग सकेगा। वन मंडल की ओर से वन भूमियों की सुरक्षा के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही अतिक्रमण की कार्रवाई भी की जा रही है।
मगरमच्छ संरक्षण के लिए बनेगा तालाब
नगर वन में मगरमच्छों के संरक्षण के लिए करीब आधा हैक्टेयर में तालाब विकसित जा रहा है। जिसे पूरी तरह से मगरमच्छ के अनुकूल बना बनाया जाएगा। यह तालाब रायपुरा के नाले से जुड़ा हुआ है। गौरतलब है कि रायपुरा का नाला करीब डेढ़ से दो किमी लंबा और 20 फीट चौड़ा है। इसमें 5 दर्जन से अधिक मगरमच्छों का बसेरा है, जिनकी लंबाई 3 से 15 फीट तक है। यह नाला आगे देवली अरब होते हुए चंद्रलोही नदी में मिलता है। नदी में भी बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं। ऐसे में नगर वन का तालाब क्रोकोडाइल प्वाइंट के रूप में भी विकसितहोगा।
शहर का प्रदूषण भी कम होगा
शहर में 32 हैक्टेयर जमीन पर जंगल विकसित होने पर शहरवासियों को प्रदूषण की समस्या से काफी राहत मिल सकेगी। वर्तमान में नगर वन में 6400 पौधे लगाए गए हैं। द्वितीय चरण के तहत अन्य कार्यों के साथ पौधरोपण भी किया जाना है। डीएफओ के अनुसार इसे इस तरह विकसित किया जाएगा, ताकि लोग जंगल के बारे में जागरूक हो सकें। उन्हें शहर में ही जंगल देखने को मिल सके। नगर वन बनने से प्रदूषण के स्तर पर कमी आएगी।
ये भी होंगे आकर्षण का केंद्र
ईको पार्क : नगर वन में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करने के लिए स्लोगन लिखित स्टेच्यु भी लगाए जाएंगे। पेड़-पौधे धरती का शृंगार, पर्यावरण स्वच्छ तो शहर स्वच्छ जैसे स्लोगन के माध्यम से पर्यटकों को प्रकृति के प्रति जागरूक किया जाएगा।
ईको टेल : गार्डन में करीब साढ़े तीन किमी लंबा ईको टेल यानी फुटपाथ बनाया जाएगा। यहां आने वाले लोग पैदल चलकर गार्डन की सैर कर सके। लोगों को फल, फूल, छांवदार, औषधीय, सुगंधीत पौधे सहित विभिन्न किस्मों के पौधों की नर्सरी लगाई जाएगी। साथ ही लोगों को पौधों की उपयोगिता व महत्वता की जानकारी देकर पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाएगा।
बर्ड्स व्यू प्वाइंट : नगर वन क्षेत्र में 35 से 40 प्रकार की प्रजातियों के पक्षियों का बसेरा है। इनके संरक्षण के लिए आश्रय स्थल बनाए जाएंगे। सैलानियों के लिए बर्ड्स व्यू प्वाइंट विकसित किया जाएगा। नगर वन में करीब 10 हजार पौधे लगाए जाने हैं। इनमें से अभी 6400 लग चुके हैं।
देवली अरब क्षेत्र में 32 हैक्टेयर भूमि पर 1.40 करोड़ की लागत से नगर वन बनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य शहर के लोगों को शहर में ही जंगल देखने को मिल सके और उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा सके। 89 लाख की लागत से इको हट, ईको टेल, तलाइयां, सौलर पम्प, बोरिंग, सघन पौधरोपण सहित अन्य कार्य हो चुके हैं। अब द्वितीय चरण में 50 लाख की लागत से वाटिकाएं, सुविधा-घर, प्लांटेशन सहित अन्य सुविधाएं विकसित की जाएंगी। यहां मगरमच्छों के संरक्षण के लिए तालाब भी बनाया जा रहा है।
-जयराम पांड्ेय, डीएफओ, वनमंडल कोटा

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