सरकार और प्राइवेट स्कूलों के विवाद में सैंडविच बना अभिभावक

प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के चयनित विद्यार्थियों के पुनर्भरण राशि का मामला

सरकार और प्राइवेट स्कूलों के विवाद में सैंडविच बना अभिभावक

अभिभावकों द्वारा निजी स्कूलों पर मनमानी करते हुए राज्य सरकार के आदेशों का उल्लंघन किए जाने की शिकायत की जा रही है।

कोटा। आरटीई के तहत प्री-प्राइमरी कक्षाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों की फीस को लेकर सरकार और प्राइवेट स्कूलों के बीच विवाद में अभिभावक पिस रहा है। सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत सत्र 2022-23 में निजी स्कूलों में नर्सरी से एचकेजी तक विद्यार्थियों को एडमिशन तो दिलवा दिए लेकिन पुनर्भरण राशि कक्षा-एक से दे रही है। जबकि, निजी स्कूलों द्वारा प्री-प्राइमरी कक्षाओं में अध्ययनरत बच्चों का पुनर्भरण किए जाने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, सरकार के हाथ खड़े कर देने से प्राइवेट स्कूल अभिभावकों पर फीस देने का दबाव बना रहे हैं।

क्या है मामला
सत्र 2022-23 में निजी स्कूलों में नर्सरी से एचकेजी तक बच्चों को एडमिशन देने की मांग को लेकर अभिभावकों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सरकार को आदेश जारी किया कि सत्र 2022-23 में सभी प्रवेशित बच्चों को आरटीई के तहत प्री-प्राइमरी कक्षाओं में एडमिशन दिया जाए। इस पर सरकार की सहमति से शिक्षा निदेशालय ने निजी स्कूलों को बीच सत्र से ही आरटीई के तहत एडमिशन देने के निर्देश जारी कर दिए। इस पर प्राइवेट स्कूलों ने आरटीई के तहत चयनित बच्चों को प्रवेश भी दे दिए लेकिन, सरकार द्वारा फीस की पुनर्भरण राशि बच्चे के कक्षा एक में आने के बाद से ही देने की बात कहीं गई। इस पर प्राइवेट स्कूलों ने आर्थिक भार का हवाला देते हुए फ्री में तीन साल बच्चों को पढ़ाने में असमर्थता जताई। ऐसे में दोनों के बीच विवाद बड़ा और मामला कोर्ट में चला गया। 

प्रतिदिन आ रहे 35 से 40 मामले
जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, प्राइवेट स्कूलों द्वारा अभिभावकों से फीस का तकाजा किया जा रहा है। उन पर फीस देने का दबाव बनाया जा रहा है। इस पर अभिभावक आरटीई का हवाला देकर  शिक्षा विभाग में शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं। प्रतिदिन 35 से 40 मामले आ रहे हैं। अभिभावकों द्वारा निजी स्कूलों पर मनमानी करते हुए राज्य सरकार के आदेशों का उल्लंघन किए जाने की शिकायत की जा रही है। इस पर विभाग द्वारा संबंधित स्कूलों को पाबंद भी किया जा रहा है। इस पर कुछ दिन मामला शांत रहता है लेकिन, कुछ दिनों बाद फिर से फीस को लेकर शिकायतें आना शुरू हो जाती है। हालांकि, विभाग द्वारा मामले को लेकर शिक्षा निदेशालय बीकानेर से मार्गदर्शन मांगा जा रहा है। 

1104 स्कूल हैं आरटीई में पंजीकृत
कोटा जिले में 1104 निजी स्कूल आरटीई में पंजीकृत हैं। कुछ निजी स्कूलों द्वारा सरकार के आदेशानुसार चयनित बच्चों को पढ़ा रहे हैं लेकिन अधिकतर स्कूल मनमानी करते हुए फीस मांग रहे हैं। जिसकी वजह से अभिभावक शिक्षा विभाग के चक्कर काटने को मजबूर हैं। वहीं, निजी स्कूल संघ सरकार के आदेश के खिलाफ कोर्ट की शरण में पहुंच गया। हालांकि, गत वर्ष जुलाई में हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार को प्री-प्राइमरी कक्षाओं में आरटीई के तहत अध्ययनरत विद्यार्थियों की पुनर्भरण राशि का भुगतान प्राइवेट स्कूलों को करने का आदेश दिया था। इस पर सरकार ने मामला हाईकोर्ट की डबल बेंच में लेकर चली गई। जिसकी वजह से प्राइवेट स्कूलों व अभिभावकों के बीच असमंजस की स्थिति बन गई।

Read More Weather Update : दिन में आसमान साफ रहने से तेज धूप, फिर से छाएंगे बादल ; सर्दी का असर कम

मानसिक तनाव से गुजर रहे
मेरी बेटी कुन्हाड़ी स्थित निजी स्कूल में अध्ययनरत है। स्कूल वाले बार-बार स्कूल बुलाकर फीस की मांग करते हैं। इस पर आरटीई का हवाला दिया तो उन्होंने कहा, सरकार कोर्ट में केस हार गई है, ऐसे में फीस तो आप को ही जमा करवानी होगी। जबकि, आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूल को मुफ्त में पढ़ाना होता है। हालांकि, मामले की शिकायत जिला शिक्षा विभाग में की है लेकिन वहां से भी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता। कहीं से भी स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा। ऐसे में मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। 

Read More दिल्ली महारैली तैयारियों को लेकर जयपुर कांग्रेस की बैठक कल पीसीसी मुख्यालय पर बैठक

प्रत्येक स्कूल को हर साल तीन लाख का नुकसान, हम क्यों भुगतें
आरटीई एक्ट में यह कहीं भी नहीं लिखा है कि प्राइवेट स्कूल फ्री में पढ़ाएगा, जबकि, सरकार द्वारा चयनित बच्चों का अलॉटमेंट करने पर उनकी फीस वह स्वयं देगी। सरकार ने दो साल पहले नर्सरी, एचकेजी, एचकेजी और फर्स्ट कक्षा में एडमिशन दे दिए लेकिन पेमेंट पहली कक्षा का ही दिया जा रहा है। हमने तो तीन साल बच्चे को पढ़ा दिया अब सरकार पैसे देने से मुकर रही है। आरटीई में 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। ऐसे में प्रत्येक स्कूल में प्री-प्रायमरी के तीन साल में करीब 30 बच्चे होते है और न्यूनतम फीस 10 हजार रुपए के हिसाब से इन बच्चों का सालाना बिल 3 लाख रुपए होता है। ऐसे में प्राइवेट स्कूल तीन लाख रुपए का नुकसान कैसे भुगतेगा। हम हाईकोर्ट से केस जीत चुके हैं। कोर्ट ने सरकार को फीस पुनर्भरण करने के आदेश भी दिए हैं लेकिन सरकार ने मामले को हाईकोर्ट की डबल बेंच में लगाकर लटका दिया है। सरकार प्राइवेट स्कूल और अभिभावकों के बीच टकराव की स्थिति पैदा कर रही है। निजी स्कूलों को हर वर्ष लाखों का नुकसान हो रहा है। 
-जमना शंकर प्रजापति, जिलाध्यक्ष, निजी स्कूल संचालक संघ

Read More विक्रम भट्ट, पत्नी और गवाहों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ, 700 वेंडरों की आवश्यकता बता वसूले रुपए कोई निकला चालक तो कोई मामूली आर्टिस्ट

क्या कहते हैं अधिकारी
इस तरह के मामले आ रहे हैं, इस पर प्राइवेट स्कूलों को सरकार के दिशा-निर्देशानुसार पढ़ाने के लिए पाबंद किया जा रहा है। वहीं, शिक्षा निदेशालय बीकानेर से भी इस संबंध में मार्गदर्शन मांगकर उचित कार्रवाई करेंगे।
-यतीश विजय, जिला शिक्षाधिकारी, शिक्षा विभाग प्रारंभिक 

 मेरे पास इस तरह की अभी तक कोई लिखित शिकायत नहीं आई है। यदि, कोई शिकायत मिलती है तो तुरंत जांच करवाकर संबंधित स्कूल संचालक के खिलाफ उचित कार्रवाई करेंगे।
-केके शर्मा, जिला शिक्षाधिकारी, शिक्षा विभाग माध्यमिक

क्या कहते हैं अभिभावक
सरकार नहीं, आपको ही देनी होगी फीस
बालिता रोड स्थित निजी कॉन्वेंट स्कूल में आरटीई के तहत मेरे बेटे का नर्सरी कक्षा में एडमिशन हुआ है। स्कूल प्रशासन द्वारा लगातार फीस देने का दबाव बनाया जा रहा है। उनका कहना है, सरकार नर्सरी कक्षा की फीस का भुगतान नहीं करेगी, ऐसे में फीस आपको ही देनी होगी। वे पूरे साल की 11 हजार रुपए मांग रहे हैं। मामले को लेकर शिक्षा विभाग जाते हैं तो वहां भी टाला जा रहा है। कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही, क्या करें कुछ समझ नहीं आ रहा।
-हरि सिंह, अभिभावक, बालिता रोड

 

Post Comment

Comment List

Latest News

रेल्वे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट गैंग का भंडाफोड़ : दो शातिर गिरफ्तार, परीक्षा के दौरान बायोमैट्रिक जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा रेल्वे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में डमी कैंडिडेट गैंग का भंडाफोड़ : दो शातिर गिरफ्तार, परीक्षा के दौरान बायोमैट्रिक जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा
जयपुर दक्षिण पुलिस ने रेल्वे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा में शातिर डमी कैंडिडेट को गिरफ्तार किया है। आरोपी ऋषभ रंजन...
दिल्ली में एक्यूआई बहुत खराब : शहर के कई हिस्सों में कोहरे से दृश्यता कम, लोगों को सांस लेने में परेशानी
सूरत की केमिकल फैक्ट्री में भीषण आग, बचाव राहत कार्य जारी
IndiGo ने जारी की एडवाइजरी, यात्रा के दौरान इन बातों का ध्यान रखने की दी सलाह, जानें
Weather Update : प्रदेश में कोहरे का असर, घना कोहरा रहने का अलर्ट जारी
असर खबर का - सिलेहगढ़ रोड का मरम्मत कार्य शुरू
‘ऑस्कर 2026’ में बेस्ट इंटरनेशनल फीचर फिल्म कैटिगरी में शॉर्टलिस्ट हुई करण जौहर की फिल्म ‘होमबाउंड’, फिल्म ने टॉप 15 फिल्मों में बनाई अपनी जगह