बरसात शुरू, अब हो रहा जर्जर भवनों का सर्वे
जो काम बरसात से पहले होना था वह अभी तक नहीं हुआ पूरा
बरसात के सीजन में पुराने व जर्जर भवनों को नुकसान होने व धराशाही होने का खतरा बना रहता है।
कोटा। नगर निगम की ओर से बरसात से पहले होने वाले काम को बरसात शुरु होने के बाद कराया जा रहा है। हालत यह है कि बरसात शुरु होने के बाद भी अभी तक वह काम पूरा नहीं हुआ है। यह मामला है शहर में जर्जर भवनों के सर्वे का। शहर में बड़ी संख्या में ऐसे पुराने भवन हैं जो जर्जर हालत में है। जिनमें बरसात के समय में कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। हर साल 15 जून के बाद बरसात शुरु होने का समय रहता है। हालांकि अधिकतर समय बरसात देर से ही शुरु होती है। लेकिन इस बार समय से एक सप्ताह पहले ही मानसून ने एंट्री की वह भी धमाकेदार। बरसात के सीजन में जहां पुराने व जर्जर भवनों को नुकसान होने व धराशाही होने का खतरा बना रहता है। जिनसे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। उन्हें रोकने के लिए नगर निगम की ओर से उनका सर्वे करवाकर ऐसे भवनों को खाली करवाने का काम किया जाता है। जिससे बरसात के समय में उनके कारण कोई हादसा न हो सके। हालांकि यह काम नगर निगम को बरसात शुरु होने से पहले करवाना चाहिए था। जबकि हालत यह है कि निगम की ओर से यह काम बरसात शुरु होने के बाद किया जा रहा है। वह भी अभी तक यह काम पूरा नहीं हुआ है। ऐसे में कभी भी ये हादसों का कारण बन सकते हैं।
जर्जर भवनों की संख्या ही पता नहीं
नगर निगम कोटा उत्तर व दक्षिण की ओर से जर्जर भवनों के सर्वे का काम पूरा नहीं होने से अभी तक अधिकारियों को इसकी जानकारी ही नहीं है कि उनके क्षेत्र में कितने जर्जर भवन हैं। जिनमें बरसात के दौरान कभी भी हादसा हो सकता है। जर्जर भवनों में मकान से लेकर सरकारी स्कूल, कार्यालय व अन्य इमारतें भी है। हालांकि नगर निगम कोटा उत्तर क्षेत्र में अनंत चतुर्दशी के दौरान करवाए गए जर्जर भवनों के सर्वे के लिए ऐसे भवनों पर क्रॉस के निशान लगाए हुए हैं। पुराने शहर के झाला हाउस, कैथूनीपोल, लाल बुर्ज समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां अधिकतर जर्जर भवन हैं। इसी तरह से नांता व सरायकायस्थान समेत कई जगह पर पुराने भवनों में संचालित सरकारी स्कूलों के भवन भी जर्जर हो रहे हैं।
आयुक्त ने दी अधिकारियों को जिम्मेदारी
नगर निगम कोटा दक्षिण के आयुक्त अनुराग भार्गव ने हाल ही में इस संबंध में आदेश जारी किया है। जिसमें बरसात के दौरान जर्जर भवनों के सर्वे से लेकर अन्य व्यवस्थाओं को सुचारू करने के आदेश दिए हैं। आदेश के अनुसार उपायुक्त व अधीक्षण अभियंता महेश गोयल, अधिशाषी अभियंता ए.क्यू कुरैशी व संजय विजय को अधीनस्थ कनिष्ठ अभियंताओं के क्षेत्राधिकार में आने वाले जर्जर भवनों का सर्वे कर निरीक्षण करवाने को कहा गया है। साथ ही जर्जर भवनों को खाली भी करवाया जाना है। इसके अलावा अधिक बरसात व बाढ़ के हालात बनने पर पुनर्वास के लिए सामुदायिक भवनों की व्यवस्था करने, बाढ़ व आपदा की स्थिति में नियंत्रण कक्ष की व्यवस्था संभालने, पानी की निकासी के लिए जेसीबी व अन्य संसाधनों को उपलब्ध करवाना, बिजली और आश्रय स्थलों की भी व्यवस्था करने की जिम्मेदारी अलग-अलग अधिकारियों को दी गई है।
इनका कहना है
आयुक्त के आदेश से दक्षिण निगम क्षेत्र में पुराने व जर्जर भवनों के सर्वे का काम किया जा रहा है। संबंधित कनिष्ठ अभियंताओं से यह काम कराया जा रहा है। अभी तक पूरी कम्पाइल रिपोर्ट नहीं आई है। जिससे अभी जर्जर भवनों की पुख्ता जानकारी नहीं दी सकती।
- महेश गोयल, अधीक्षण अभियंता, नगर निगम कोटा दक्षिण

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