सड़कें तड़की, खड़ा हो रहा खतरा
गड्ढ़े व गिट्टी के साथ तड़की सड़कों से फिसल रहे चालक
आए दिन वाहनों का संतुलन बिगड़ने से हादसों का खतरा बना हुआ है।
कोटा । मानसून के सीजन में जहां बरसात से शहर की सड़कों पर बड़े-बड़े गड्ढ़े हो रहे हैं तो कहीं कई जगह पर गिट्टी भी उखड़ी हुई है। इसके साथ ही अब तो डामर की सड़कें तड़कने लगी है। जिनसे वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बना हुआ है। जून के महीने में मानसून की शुरुआत होने के साथ ही शहर में कभी रिमझिम तो कभी मूसलाधार बरसात का दौर बना हुआ है। बरसात में शहर की अधिकतर डामर सड़कों की हालत बदहाल हो गई है। कोई भी मुख्य सड़क या गली मौहल्लों की सड़कें ऐसी नहीं हैं जहां बड़े-बड़े गड्ढ़े नहीं हो रहे हैं। डामर का दुश्मन होने से जैसे ही पानी सड़कों में भरा वैसे ही वहां से डामर उखड़ना और गिट्टी बाहर निकलना शुरु हो गई। धीरे-धीरे उन सभी जगह बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए। साथ ही गिट्टी फेल गई। वहीं अब तो शहर में कई ऐसे मुख्य मार्ग हैं जहां की डामर सड़कें तड़क गई हैं। दादाबाड़ी रोटरी तिराहे से लेकर सीएडी चौराहे तक और सीएडी चौराहे से कोटा विकास प्राधिकरण कार्यालय के सामने अम्बेडकर भवन के पास से ट्रैफिक कार्यालय और उसके आगे तक की सड़क पर बीच में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई है। ये दरारे सड़क तड़कने से हुई है। ये दरारें इतनी बड़ी हैं कि उनमें दो पहिया वाहनों के टायर फंसने से उनका संतुलन बिगड़ने से हादसों का खतरा बना हुआ है। दादाबाड़ी रोटरी से सीएडी चौराहे तक तो सड़क तकड़ने के साथ ही काफी दूरी तक सड़क पर गिट्टी फेली हुई है। जिससे आए दिन वाहनों का संतुलन बिगड़ने से हादसों का खतरा बना हुआ है।
यहां भी हैं सड़कों की हालत बदहाल
डीसीएम रोड पर संजय नगर आरओबी से लेकर पुराना आरटीओ कार्यालय व नई धानमंडी चौराहे तक, विज्ञान नगर मस्जिद के पास से अंदर की सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढ़े हो रहे है। छावनी चौराहे से मार्केट होते हुए रामचंद्रपुरा तक की पूरी सड़क पर भी गड्ढ़े हादसों का कारण बन रहे है। इसी तरह से नाग नागिन मंदिर से नहर के किनारे होते हुए स्टीलब्रिज तक की सीसी सड़क पर भी कई जगह गड्ढ़े तो कई जगह सड़क के बीच बड़ी-बड़ी दरारे, अराफात फैक्ट्री से एसएफएस चौराहे तक की सड़क और एसएफएस चौराहे से गोविंद नगर के बीच की पुलिया पर बड़े-बड़े गड्ढ़े होने से यहां भी वाहनों का संतुलन बिगड़ने से आए दिन हादसे हो रहे हैं।
बरसात के बाद होंगी सड़कें ठीक
कोटा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि बरसात में डामर सड़कों पर पानी भरने से सड़कें खराब होती है। पानी डामर का दुश्मन है। ऐसे में बरसात में अधिक नुकसान डामर सड़कों को होता है। वैसे जहां अधिक बड़े गड्ढ़े थे उन्हें पेचवर्क कर सही कराया गया है। लेकिन यदि कहीं सड़कों में और खराबी हुई है तो उसे दिखवाया जाएगा। लेकिन सड़कों का पूरा काम बरसात का दौर थमने के बाद ही किया जाएगा।
पूरी बरसात भुगतना पड़ेगा खामियाजा
वाहन चालक महेश आर्य ने बताया कि बरसात के कारण गड्ढ़े व फेली गिट्टी तो परेशानी का कारण बन ही रहे थे। अब कई जगह पर डामर की सड़कें तकड़ने लगी है। जिससे उनमें दो पहिया वाहनों के टायर फंसने से उनके गिरने का खतरा बना हुआ है। साजी देहड़ा निवासी मोहम्मद इलियास का कहना है कि नगर निगम और कोटा विकास प्राधिकरण द्वारा समय पर सड़कों की न तो मरम्मत की जाती है। साथ ही सड़क निर्माण व पेचवर्क के समय मौके पर इंजीनियरों के मौजूद नहीं रहने से सड़कों की गुणवत्ता नहीं रहती है। जिससे समय से पहले ही और हर बरसात में सड़कें खराब हो रही है। जिसका खामियाजा पूरी बरसात लोगों को भुगतना पड़ेगा। उनका कहना है कि अधिकारी और नेता तो कारों में घूमते हैं उन्हें फर्क नहीं पड़ता। लेकिन दो पहिया वाहन सवारों को हादसों का खतरा बना हुआ है।

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