आरटीई : निजी स्कूल निरस्त नहीं कर सकेंगे आवेदन
सरकार ने प्राइवेट स्कूल से छीना फॉर्म रिजेक्ट करने का अधिकार
सरकार ने व्यवस्थाओं में बदलाव कर पोर्टल पर रिजेक्शन का आॅप्शन ही हटा दिया है। ऐसे में अब निजी स्कूल किसी भी आवेदन को निरस्त नहीं कर सकेंगे।
कोटा। शिक्षा के अधिकार अधिनियम में शिक्षा विभाग ने बड़ा बदलाव करते हुए अभिभावकों को राहत दी है। सरकार ने प्राइवेट स्कूलों पर नकेल कसते हुए उनसे आवेदन फॉर्म रिजेक्ट करने का अधिकार छीन लिया है। इससे निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लग सकेगा। दरअसल, निजी स्कूल अब आरटीई में मिले आवेदन को सीधे रिजेक्ट नहीं कर पाएंगे, सिर्फ आवेदन को लेकर आॅब्जेक्शन लगा सकते हैं। उस आपत्ति की जांच शिक्षा विभाग कार्यालय द्वारा की जाएगी। आवेदन फॉर्म में जो भी खामियां व कमियां होगी, वो कार्यालय द्वारा पूरी की जाएगी। हालांकि, फॉर्म में आवश्यक दस्तावेज पूरे मापदंड पर नही हैं तो आवेदन अस्विकार करने का अधिकार भी कार्यालय को होगा।
इसलिए छीना फॉर्म रिजेक्ट करने का अधिकार
प्राइवेट स्कूलों द्वारा अब तक पोर्टल नहीं चलने, सर्वर डाउन होने, दस्तावेज स्पष्ट नहीं होने सहित कई बहाने लगाकर आरटीई आवेदनों को निरस्त कर देते थे। पिछली बार भी शिक्षा विभाग को अभिभावकों द्वारा इस तरह की कई शिकायते मिली थी। इस पर सरकार ने व्यवस्थाओं में बदलाव कर पोर्टल पर रिजेक्शन का आॅप्शन ही हटा दिया है। ऐसे में अब निजी स्कूल किसी भी आवेदन को निरस्त नहीं कर सकेंगे।
10 अप्रेल तक कर सकते हैं आवेदन
आरटीई के तहत पहली बार प्राइवेट स्कूलों में नर्सरी से कक्षा एक तक एडमिशन दिए जाएंगे। शिक्षा सत्र 2023-24 के लिए आवेदन प्रक्रिया 29 मार्च से शुरू हो चुकी है। अभिभावक अंतिम तिथि 10 अप्रेल तक बच्चों के एडमिशन के लिए आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अभिभावकों की परेशानियों को देखते हुए शिक्षा विभाग ने प्री-प्राइमरी के आवेदन भी प्रथम कक्षा के साथ ही कराने का फैसला लिया है। सरकार द्वारा 12 अप्रेल को प्राथमिकता क्रम यानी लॉटरी जारी कर स्कूलों का आवंटन किया जाएगा। इसी दिन अभिभावकों को संबंधित स्कूलों में रिपोर्टिंग करनी होगी।
आवेदन के लिए ये दस्तावेज जरूरी
आरटीई के तहत नर्सरी से कक्षा एक तक 3 से 7 वर्ष तक के बच्चे आवेदन के पात्र होंगे। अभ्यर्थियों की आयु की गणना 31 मार्च 2023 से होगी। अभिभावकों को आवेदन के दौरान तीन तरह के दस्तावेज आॅनलाइन अपलोड करने होंगे।
इस बार नर्सरी से पहली कक्षा तक एडमिशन
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत पहले बच्चों को कक्षा एक से ही प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन मिलता था लेकिन इस बार सरकार ने नियमों में बदलाव करते हुए नर्सरी से ही प्रवेश की व्यवस्था लागू की है। वहीं, अभिभावक अब आवेदन के दौरान एक साथ पांच स्कूलों का चयन कर सकते हैं। पहले अभिभावक मनपसंद स्कूल का विकल्प भरते थे। लेकिन इस बार उन स्कूलों का वरीयता क्रम तय करना होगा। साथ ही वार्ड सत्यापन का दस्तावेज भी आॅनलाइन अपलोड करना होगा।
1104 स्कूल हैं आरटीई में पंजीकृत
कोटा जिले में 1104 निजी स्कूल आरटीई में पंजीकृत हैं। जहां प्री-प्राइमरी से कक्षा एक तक एडमिशन प्रक्रिया जारी है। 12 अप्रेल को आॅनलाइन लॉटरी के द्वारा स्कूल आवंटित किए जाएंगे। इसके बाद इसी दिन से 20 अप्रेल तक संबंधित विद्यालयों में अभिभावकों को रिपोटिंग करनी होगी। प्रवेश से संबंधित किसी भी तरह की कोई समस्या होने पर अभिभावक शिक्षा विभाग में सम्पर्क कर सकते हैं।
एडमिशन नहीं दिया तो होगी कार्रवाई
प्री-प्राइमरी कक्षाओं में चयनित बच्चों को एडमिशन नहीं दिए जाने पर संबंधित स्कूलों के खिलाफ शिक्षा विभाग द्वारा सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बच्चों को एसआर अलोट होने और दस्तावेज सही होने के बावजूद प्रवेश से वंचित रखे जाने की शिकायत मिलती है तो उसकी जांच करवाई जाएगी। जिसमें आरोप सिद्ध होने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा। जिसका जवाब स्कूल प्रबंधन को सात दिन में देना होगा। यदि, जवाब संतोषजनक नहीं हुए तो संबंधित स्कूलों के खिलाफ 1993-8बी व आरटीई एक्ट 2009 के तहत मान्यता रदद की कार्रवाई की जा सकती है।
दस्तावेजों के साथ परिष्ठ-5 फॉर्म जरूर अपलोड करें
आरटीई में सत्र 2023-24 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अभिभावक अंतिम तिथि 10 अप्रेल तक आॅनलाइन आवेदन कर सकते हैं। अभिभावकों से आग्रह है कि आवेदन के दौरान एड्रेस पूफ्र के लिए जो भी आवेदन लगाएं उसके साथ परिष्ठ-5 फॉर्म भरकर जरूर अपलोड करें। इस फॉर्म में वार्ड पार्षद और राजपत्रिक अधिकारी के हस्ताक्षर करवाकर वेरिफाई करवाना जरूरी है। नहीं, तो स्कूल आवंटन के बाद प्राइवेट स्कूलों द्वारा आवेदन में आक्षेप की समस्या आ सकती है। इसके अलावा, लॉटरी निकलने के बाद अभिभावक अपने आवेदन के स्टेटस पर बराबर निगरानी रखें। किसी तरह की दिक्कत आने पर शिक्षा विभाग पर सम्पर्क करें।
- ध्वज शर्मा, आरटीई प्रकोष्ठ प्रभारी, जिला शिक्षाधिकारी कार्यालय कोटा
सख्त कार्रवाई की जाएगी
राज्य सरकार द्वारा जारी टाइम फ्रेम की पालना सुनिश्चित करने के दिशा निर्देश दिए हैं। इसमें लापरवाही बरतने पर संबंधित स्कूल संचालकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
- प्रदीप चौधरी, जिला शिक्षाधिकारी कोटा
क्या कहते हैं अभिभावक
आरटीई के तहत एडमिशन के दौरान निजी स्कूल संचालक मनमानी करते हैं। दस्तावेजों में कोई न कोई खामियां निकालकर आवेदन कर देते थे। सरकार ने स्कूल संचालकों की मनमानी पर नकेल कसते हुए आवेदन निरस्त करने का अधिकार छीनकर शिक्षा विभाग को दे दिए जाने से अभिभावकों को राहत मिली है। अब विभाग की निगरानी से व्यवस्थाओं में और अधिक सुधार होगा।
-राम गुर्जर, केशवपुरा निवासी
पिछली बार निजी स्कूलों द्वारा दस्तावेजों में कोई न कोई कमी निकाल बहाना लगाकर अभिभावकों को टरका देते थे। अब स्कूलों के पोर्टल पर आवेदन निरस्त करने का आॅप्शन हटा दिए जाने से सरकार ने अभिभावकों के हित में बड़ा कदम उठाया है। शिक्षा अधिकारियों द्वारा समस्याओं का तुरंत समाधान करवाया जा रहा है।
- मुरली लाल, बोरखेड़ा

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