8 वीं बोर्ड के बदले नियम, अब 33 प्रतिशत से कम आए नम्बर तो होंगे फेल
16 सितंबर 2020 को इस संबंध में जारी हुआ था गजट नोटिफिकेशन
शिक्षा विभाग ने 8वीं और 5वीं कक्षा की सप्लीमेंट्री परीक्षाओं की तैयारियां शुरू कर दी है।
क ोटा। 8वीं बोर्ड परीक्षा में 33 प्रतिशत से कम नम्बर आने पर अब विद्यार्थियों को फेल घोषित किया जाएग। उन्हें फिर से आठवीं कक्षा में ही पढ़ना होगा। सरकार ने आठवीं बोर्ड परीक्षा के नियम में बदलाव कर यह व्यवस्था की है। ताकि, विद्यार्थी व अभिभावक पढ़ाई के प्रति गंभीरता बरते और फेल होने की चिंता के चलते बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देंगे। इसके दो बड़े फायदे होंगे, बच्चे व अभिभावक फेल न होने की मानसिकता से बाहर आएंगे। परीक्षा में बोर्ड की गरिमा बनी रहने से विद्यार्थी पढ़ाई के प्रति गंभीर होंगे। वहीं, आगे 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में रिजल्ट सुधरेगा। साथ ही उनका शैक्षणिक स्तर भी मजबूत होगा।
ई-ग्रेड वाले अगली कक्षा में नहीं होंगे क्रमोन्नत
आठवीं बोर्ड की पूरक परीक्षा में 33 फीसदी से कम अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को फेल घोषित किया जाएगा। ऐसे में इन्हें वापस आठवीं कक्षा में ही अध्ययन करना होगा। वहीं, निशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2019(संशोधित) के तहत पिछले सत्र से आठवीं कक्षा में यह नया प्रावधान लागू कर दिया गया था। इस बार आठवीं कक्षा की पूरक परीक्षा में अनुत्तीर्ण यानी ई-ग्रेड प्राप्त विद्यार्थियों को आगामी कक्षा में क्रमोन्नत नहीं किया जाएगा। हालांकि, पांचवी कक्षा में अनुत्तीर्ण करने का प्रावधान नहीं है।
8वी-5वीं की पूरक परीक्षाएं 10 को
शिक्षा विभाग ने 8वीं और 5वीं कक्षा की सप्लीमेंट्री परीक्षाओं की तैयारियां शुरू कर दी है। इन दोनों कक्षाओं की पूरक परीक्षाएं अगले सप्ताह 10 अगस्त से शुरू होंगी, जो 17 अगस्त जारी रहेंगी। हालांकि, 5वीं की परीक्षाएं एक दिन पहले 16 अगस्त को ही खत्म हो जाएगी। वहीं, 8वीं की पूरक परीक्षा में राज्यभर से 69 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे। जबकि, पांचवी में 37 हजार अभ्यर्थी शामिल होंगे।
वर्ष 2020 को जारी हुआ था गजट नोटिफिकेशन
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को फेल नहीं करने का नियम हैं। हालांकि इसमें ग्रेडिंग सिस्टम निर्धारित किया हुआ है। आठवीं कक्षा के लिए अब नियम बदल गए हैं। केंद्र व राज्य सरकार का गजट नोटिफिकेशन के जरिए यह बदलाव किए हैं। 16 सितंबर 2020 को गजट नोटिफिकेशन जारी हुआ था। जिसमें बताया था कि आठवीं में अब विद्यार्थी फेल भी हो सकेंगे। इस संबंध में केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की थी। इसके अनुसार आठवीं कक्षा की मुख्य परीक्षा में यदि कोई विद्यार्थी पास नहीं होता है तो उसे सप्लीमेंट्री घोषित किए जाने का प्रावधान तय हुआ है। सप्लीमेंट्री परीक्षा का आयोजन 60 दिन के भीतर होगा। इसमें फेल होने पर विद्यार्थी को कक्षा नवीं में दाखिला नहीं दिया जाएगा। ऐसे विद्यार्थियों को फिर से कक्षा आठवीं पढ़नी होगी।
यह है ग्रेडिंग का फॉमूर्ला
कक्षा एक से आठवीं तक परीक्षा परिणाम में डिविजन की बजाए ग्रेडिंग सिस्टम निर्धारित किया हुआ है। जिसके तहत 86 से 100 प्रतिशत तक मार्क्स आने पर अभ्यर्थियों को ए ग्रेड मिलती है। इसी तरह 71 से 85 प्रतिशत अंक पर बी ग्रेड, 51 से 70 प्रतिशत अंक लाने पर सी ग्रेड, 33 से 50 प्रतिशत तक लाने वाले स्टूडेंटस को डी ग्रेड दिया जाता है। वहीं, 33 प्रतिशत से कम यानी 0 से 32 प्रतिशत अंक लाने वाले अभ्यर्थियों को ई-ग्रेड दी जाती है। जिसे प्रावधान के अनुसार फेल घोषित किया जाएगा।
8वीं बोर्ड की पूरक परीक्षा में किसी विद्यार्थी के 33 प्रतिशत से कम अंक आते हैं तो उसे प्रावधान के तहत फेल घोषित किया जाएगा।ो विद्यार्थियों का 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट में सुधार आएगा।शैक्षणिक स्तर भी मजबूत होगा। वहीं, 8वीं और 5वीं की पूरक परीक्षाएं 10 अगस्त से शुरू होंगी। जिसकी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है।
- यतीश विजय, अतिरिक्त जिला शिक्षाधिकारी, प्रारंभिक शिक्षा विभाग
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