ग्राम पंचायत खेरूला में ही नरेगा में नर्सरी का बजट है नौ लाख रुपए
मार्च 2024 से अब तक 2800 पौधे किए गए हैं तैयार, 4 हजार का है लक्ष्य
वर्ष 2021 में शुरू की गई थी नर्सरी, अब तक 14 हजार पौधे बांट चुके।
कोटा। जिले में मनरेगा के तहत वर्ष 2021 से ग्राम पंचायत स्तर पर नर्सरी तैयार कराने और पौधरोपण कार्य की शुरुआत की गई थी। जिसका उद्देश्य नरेगा श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही पर्यावरण सुधार भी है। ग्राम पंचायत खेरूला को नर्सरी तैयार कराने और पौधरोपण के लिए तथा श्रमिकों को रोजगार देने की खातिर नौ लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया था। यहां 2021 में शुरू की गई नर्सरी में 14 हजार पौधे तीन सालों में तैयार कर बांटे भी जा चुके हैं। वहीं इस साल मार्च से अब तक 2800 पौधे तैयार किए जा चुके हैं। इस बार 4 हजार पौधे नर्सरी में तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इन सभी कार्यों में नरेगा श्रमिक लगे हुए हैं जो बीजरोपण से लेकर पौधे बनने तक उसकी देखभाल करते हैं। इतना ही नहीं नर्सरी की चारदीवारी के पास भी अभी तक कुल 150 से अधिक पौधे लगाए जा चुके हैं। पिछले वर्षों में तैयार किए गए 14 हजार पौधों को जिले की अलग-अलग ग्राम पंचायतों में निशुल्क वितरित किए हैं।
अभी तक दो लाख रुपए ही हुए हैं खर्च
ग्राम पंचायत खेरूला में सार्वजनिक स्थान महादेवजी की बगीची में नर्सरी और पौधरोपण का कार्य वर्ष 2021 में सेक्शन हुआ था। इसके बाद मनरेगा के तहत यहां पर श्रमिकों को लगाया गया और उनसे पौधे तैयार करवाए गए। नर्सरी में पिछले तीन वर्षों में कुल 14 हजार पौधे तैयार करवाए गए। जिनका यहां आसपास की ग्राम पंचायतों में वितरण निशुल्क कर दिया गया। इसके अलावा मार्च 2024 से 4 हजार पौधे तैयार कराने का लक्ष्य रखा है जिनमें से 2800 पौधे दो माह में ही तैयार करा लिए गए हैं। शेष पौधे भी जल्द ही तैयार करवाए जाएंगे।
इन ग्राम पंचायतों में बांटे पौधे
जिले की ग्राम पंचायत गढ़ेपान, बमोरी, जालिमपुरा, बूढ़ादीत व बड़ौद आदि में खेरूला ग्राम पंचायत की नर्सरी में तैयार किए गए पौधों का वितरण निशुल्क किया गया है। इसके अलावा भी अन्य आसपास के गांवों में भी पौधे बांटे जाते हैं।
9 लाख का है बजट
हमारे पास नरेगा के तहत पौधे लगाने और नर्सरी में पौधे तैयार करने को लेकर नरेगा मद में 9 लाख रुपए का बजट मिला हुआ है। जिसमें से अभी तक मात्र 2 लाख रुपए खर्च हुए हैं। इनमें से ही श्रमिकों को वेतन और बीज आदि खरीदने में रुपए खर्च किए जाते हैं।
-जितेन्द्र, रोजगार सहायक, ग्राम पंचायत खेरूला

Comment List