असर खबर का - गर्मी में अब प्यासे कंठों की बुझने लगी प्यास
थोक फलसब्जी मंडी का मामला : ठीक कराए वाटर कूलर, प्याऊ का संचालन भी शुरू
थोक फलसब्जी मंडी परिसर में वाटर कूलर खराब होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है
कोटा । भीषण गर्मी के दौर में शहर की सबसे बड़ी थोक फलसब्जी मंडी में प्यासे भटक रहे ग्राहकों, मजूदरों व सब्जी विक्रेताओं को अब राहत मिल गई। मंडी प्रशासन ने यहां खराब पड़े तीन वाटर कूलरों को चालू करवा दिया है। वहीं चार प्याऊ भी शुरू कर दी गई। इसके अलावा ठेलों के माध्यम से भी मंडी परिसर में शीतल जल पिलाया जाने लगा है। इन दिनों भीषण गर्मी का दौर चल रहा है। इसके बाद भी मंडी परिसर में पीने के पानी की समुचित व्यवस्था नहीं थी। इससे मंडी में आने वाले किसान, मजदूर, ग्राहक और व्यापारी ठंडे पानी के लिए तरस रहे थे। अब पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था होने से सभी को काफी राहत मिली है।
मंडी परिसर में घूमकर पिला रहे पानी
थोक फलसब्जी मंडी परिसर में वाटर कूलर खराब होने के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चार वाटर कूलर भी शोपीस बने हुए थे और प्याऊ का संचालन भी बंद था। अब मंडी प्रशासन ने चार में से तीन वाटर कूलरों को ठीक करवा दिया है। वहीं चौथे कूलर को भी ठीक करवाया जा रहा है। इसके अलावा परिसर में अलग-अलग स्थानों पर बनी हुई पक्की प्याऊ को भी शुरू कर दिया है। मंडी प्रशासन द्वारा तीन ठेलों द्वारा भी परिसर में घूमकर ग्राहकों और सब्जी विक्रेताओं को पानी पिलाने का कार्य भी शुरू कर दिया है। इसके लिए अलग से बर्फ का इंतजाम किया गया है, ताकि लोगों को शीतल जल उपलब्ध हो सके।
नवज्योति ने उठाई परेशानी तो हरकत में आया मंडी प्रशासन
भीषण गर्मी के दौर में भी थोक फल मंडी परिसर में पेयजल की व्यवस्था नहीं होने के सम्बंध में 19 अप्रैल को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया था। इसमें बताया था कि मंडी परिसर में किसान, व्यापारी व मजदूर ठंडे पानी के लिए तरस रहे हैं। मंडी में चार वाटर कूलर लगे हुए हैं। काफी समय से इनकी मरम्मत नहीं हो पाई है। इस कारण इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है। ऐसे में गर्मी के मौसम में लोगों का हलक तर नहीं हो पा रहा है। मंडी प्रतिदिन काफी संख्या में किसान व व्यापारी दूर दराज क्षेत्रों से आते है। वाटर कूलर खराब होने से उन्हें ठंडा पानी नहीं मिल पा रहा है।
गर्मी के मौसम में मंडी परिसर में पेयजल की उचित व्यवस्था नहीं होने से परेशानी हो रही थी। अब मंडी प्रशासन ने खराब वाटर कूलरों को ठीक करवा कर चालू करवा दिया है। इससे अब राहत मिली है।
- भीमाराम डांगी, श्रमिक
मंडी में दोपहर तक कारोबार चलता है। इसके बावजूद पानी की व्यवस्था नहीं थी। बाहर से पानी लाना पड़ता था। अब सुबह से ठेले पर चलती फिरती प्याऊ चालू हो गई है। जिससे ठंडे पानी के लिए अब भटकना नहीं पड़ता है।
- नितेष सैनी, सब्जी विक्रेता
मंडी परिसर में खराब पड़े वाटर कूलरों को ठीक करवा दिया है और चार प्याऊ भी संचालित कर दी है। इसके अलावा ठेलों में पानी के मटके रखकर परिसर में घुमाया जा रहा है ताकि किसी को पानी की दिक्कत नहीं आए।
- विश्वजीत सिंह, सचिव, थोक फलसब्जी मंडी

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