खंभों पर झूलते अवैध तारों का जाल बना जंजाल
आए दिन लोडिंग वाहनों में फंस कर टूट रहे तार
एक तरफ करंट से हादसों का डर तो दूसरी ओर बिजली गुल होने से परेशानी
कोटा। शहर के अंदरुनी इलाकों में बिजली के खंभों पर झूलते तार व केबलों का जाल लोगों के लिए अब जी-जंजाल बन गया है। जिम्मेदारों की लापरवाही से क्षेत्रवासियों को दोहरी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गली-मोहल्लों व कॉलोनियों में बिजली के तार व केबलें इतने नीचे की ओर झूल रहे हैं कि आए दिन लोडिंग वाहनों में उलझकर टूट रहे हैं। जिससे करंट का खतरा तो बढ़ ही रहा है, साथ ही बिजली गुल होने से दिनचर्या प्रभावित हो रही है। क्षेत्रवासियों का कहना है, निजी बिजली कम्पनी व जेवीवीएनएल से शिकायत करने के बावजूद समाधान नहीं हो रहा।
बिजली खंभों पर अवैध तारों का जाल
विज्ञान नगर छत्रपुरा तालाब, गांधी नगर, संजय नगर, दोस्तपुरा, सकतपुरा, सब्जीमंडी, छावनी सहित विभिन्न इलाकों में लगे बिजली के खंभों पर विद्युत तारों के अलावा अन्य कम्पनियों के अवैध रूप से केबलें डाल रखी है, जिनकी ऊंचाई जमीन से 6 से 7 फीट तक है, ऐसे में लोडिंग वाहनों के आवागमन के दौरान तार उलझकर टूट जाते हैं। इनमें बिजली के तार भी टूट कर सड़कों पर गिर जाते हैं। जिससे बिजली गुल होने व करंट का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, शिकायत पर निजी बिजली कम्पनी के कर्मचारी मौके पर पहुंच समाधान कर जाते हैं लेकिन अवैध रूप से लगे अन्य कम्पनियों के तारों के जाल से बिजली के खंभे मुक्त नहीं हो पा रहे।
लोडिंग वाहन में फंसकर टूटा तार
विज्ञान नगर स्थित छत्रपुरा तालाब मुख्य मार्ग पर बिजली के खंभों पर विभिन्न तरह के तार लटक रहे हैं। गत सप्ताह शाम के वक्त लोडिंग वाहनों के गुजरने के दौरान तार उलझकर टूट गए। इसके साथ बिजली का तार भी टूट गया। जिससे इलाके की बिजली गुल होने से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
क्या कहते हैं क्षेत्रवासी
संजय नगर निवासी सुलेमान अहमद, मोहम्मद शाहरुख, कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि क्षेत्र में बिजली के तार काफी नीचे तक झूले हुए हैं। इलाके में दुकानों पर माल सप्लाई करने आते लोडिंग वाहनों में उलझकर तार टूट कर सड़क पर पड़े रहते हैं। बिजली गुल होने से सड़क पर अंधेरा रहता है, ऐसे में हादसे का खतरा बना रहता है। छत्रपुरा तालाब व गांधी नगर निवासी रघुवीर सैन, रईस खान, मुख्तार अंसारी का कहना है, खंभों पर बिजली के तार के अलावा बड़ी संख्या में अन्य कम्पनियों के तार अवैध रूप से लगे हुए हैं। जिनका मेंटिनेंस नहीं होता। यह लटके रहते हैं। बरसात के दौरान हादसे का खतरा अधिक रहता है। नगर निगम व जेवीवीएनएल में भी शिकायत की थी लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं है। समस्या जस की तस बनी हुई है।
मामला संज्ञान में आया है। कहीं ऐसे हालात हैं तो टीम भेजकर दिखवाएं और जिन कम्पनियों के तार झूल रहे हैं, उनसे दुरुस्त करवाएंगे।
- शिवचरण सिंह, एसई जेवीवीएनएल
बिजली के खंभों पर विद्युत तारों की नियमित देखरेख की जाती है। यदि, अनुमति प्राप्त कम्पनी के तार लटके हुए मिलते हैं तो उसकी शिकायत जेवीएनएनएल से करते हैं, अन्य कम्पनियों के तारों व केबलों को हम काट देते हैं।
-अनोमित्रो डोली, तकनीकी हैड केईडीएल
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