बे मौसम की बारिश अरमानों को धो रही, तमन्ना का गला घोट रही

बारिश के कारण लाखों रुपए के इंतजाम हो रहे बर्बाद, कोई तरीका नजर नहीं आ रहा

बे मौसम की बारिश अरमानों को धो रही, तमन्ना का गला घोट रही

मौसम की स्थिति को देखते हुए वैवाहिक कार्यक्रमों में बाधा पड़ रही है।

कोटा। हर माता पिता की तमन्ना होती  है कि उसके बच्चों की शादी धूमधाम से हों। खासतौर से एक बेटी के पिता का अरमान होता है उसकी बेटी की विदाई धूमधाम से बिना व्यवधान के संपन्न हो जाए। इसके लिए वो अपने जीवन भर कमाता है और एक दिन खर्च करता है। बड़े अरमान होते हैं। इच्छा होती है। ख्वाहिश होती है। इन्तजार  होता है। लेकिन आज कल कभी भी कहीं भी बारिश हो जाती है। यह बारिश सभी के अरमानों पर पानी फैर देती है। करोड़ों रुपए प्रति वर्ष बारिश की भेंट चढ़ जाते हैं। आखिर इससे कैसे बचा जाए। पिछले दो तीन दिनों में शहर में हुई शादियों में करोड़ों के इंतजाम कीचड़ में मिल गए। जिंदगी भर के अरमान पानी में धुल गए। लोग बारिश से बचने को इधर-उधर छिपने की कोशिश करने लगते है, लेकिन मैरिज होम में स्थान कम होने से लोग भीग जाते है। बारात की चढ़ाई भी मौसम का मिजाज देखकर जल्दी करा दी गई। ऐसे में घराती और बाराती दोनों का मजा किरकिरा हो गया। कई मेहमान बिना खाना खाए चले गए। ऐसे ही नजारे शहर में दो दिन से हो रही बारिश के बाद देखने को मिला। इन दिनों शहर में शादियों की धूम चल रही है। शादी विवाह के  मुहूर्त और लग्न शुरू होते ही कोहरा पाला और ठंड से भरा मौसम अपना रंग दिखाने लगा है। जिसे लेकर लोग सहमे हुए है। मौसम की इसी स्थिति को देखते हुए वैवाहिक कार्यक्रमों में बाधा पड़ रही है। 

शादी में 35 लाख रुपए खर्च, थींम बेस शादी पर बारिश ने फेरा पानी
इकलौती बेटी की शादी 27 नवंबर को थी। बेटी की शादी में जिंदगी भर की कमाई लगाई और थींम बेस शादी तैयारियां की रिसोर्ट में थींम के अनुसार ही सजाया गया। लेकिन शाम को सारे अरमान पानी के साथ बह गए। अचानक मौसम बिगड़ गया और बारिश होने लगी। सारी तैयारियों पर पानी फिर गया। महंगा डेकोरेशन, फूलों की सजावट कर स्टेज सजाया सब बेकार हो गया। मैरिज गार्डन में बने हॉल मे सभी मेहमानों ने भागकर शरण ली। मेहमानों से भरे हाल में ही वरमाला का कार्यक्रम निपटाना पड़ा। मेहमानों खाना खिलाने के लिए मशक्शत करनी पड़ी 35 लाख रुपए खर्च किए लेकिन सारा मजा किरकिरा हो गया। टेंट वाले से भी कहा लेकिन उसने कहा अचानक वाटर प्रूफ टेंट की व्यवस्था नहीं होती उसके लिए डेढ दिन का समय लगता है। ऐसे महंगी शादी करने के बाद भी  फजीहत उठानी पड़ी जो अलग।
- एसएन डूंगरवाल, घराती

बासन से लेकर सारे काम ओपन मैरिज गार्डन में किए बारिश से बिगाड़ा गणित
सर्दी में ये सोच कर शादी की बारिश नहीं होगी और  लोग शादी का अच्छे से आनंद लेंगे लेकिन बेमौसम की बारिश ने सारा मजा किरकिरा कर दिया। मैरिज गार्डन में पूरी शादी का इंतजाम किया था गार्डन खुला था टेंट लगाकर बासन से लेकर पूजन और शादी के सारे कार्यक्रम टेंट में अलग अलग ब्लॉक बनाकर किया । लेकिन 27 नवंबर की तेज बारिश हवा ने सारा कार्यक्रम बिगाड दिया। बारिश से बचने के लिए जगह नहीं होने से लोगों की बाते सुननी पड़ी गार्डन में एक ही हॉल था उसी में मेहमान और खाने का कार्यक्रम किया। बारिश के कारण वैवाहिक कार्यक्रमों में भारी फजीहत उठानी पड़ी । 
- डी के सोंलकी,आयोजक कोटा

आए दिन हो रही बारिश वाटर प्रूफ टेंट की व्यवस्था रखें
शहर में करीब 250 से अधिक मैरिज गार्डन और रिसोर्ट है। अधिकांश मैरिज गार्डन ओपन  है। वहां  बारिश में शादी को मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। आनन फानन में वाटर प्रूफ टेंट नहीं लगता । उसको लगाने के लिए डेढ दिन का समय लगता है । तब वाटर प्रूफ टेंट तैयार होता है।  शादी में अचानक मौसम बिगड जाए तो सबसे ज्यादा नुकसान घराती के बाद टेंट वाले का ही होता है।  सारा डेकोरेशन सामान खराब हो जाता है। महंगे सोफे और दुल्हा दुल्हन की कुर्सियां और मंच की गई सजावट सब खराब हो जाती है। दूसरा घराती ये कहता है आपने प्रोपर इंतजाम नहीं किया आपके पैसे काटेगे। वाटर प्रूफ टेंट क्यो नहीं लगाया। सबसे ज्यादा नुकसान थींम वाली शादियों में होता है। बैमौसम बारिश से बचने एक ही समाधान है कि शादी के दो चार दिन पहले ही मौसम खराब होने संभावना हो तो बुकिंग के समय वाटर प्रूफ टेंट के लिए बुकिंग करा लें। शादी वालों को ओपन गार्डन वहीं बुक करना चाहिए जहां हॉल हो, बेकेट हॉल हो तो ये परेशानी से बचा जा सकता है। लोग पैसा बचाने के चक्कर में विकल्प नहीं रखते जिससे बेमौसम बारिश में परेशानी होती है।
- गुरमित सिंह शनि, टेंट व्यवसायी 

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ओपन सेटअप को हॉल में अंदर शिफ्ट करने में भारी नुकसान
शहर में डेढ़ सौ इवेंट कंपनी हैं। बेमौसम बारिश में सबसे ज्यादा परेशानी ओपन सेटअप में आती है। पूरा शादी का सेटिंग खूले में किया होता है, अचानक बारिश आ जाए तो सारा सेटअप हॉल में शिफ्ट करने के लिए आनन फानन में पूरी लेबर नहीं मिलती है। सेट के समय तो खाना परोसने वाले ही होते ऐसे में सारा सेटअप हॉल में लगाने में समय और पैसा दोनों डबल लग जाता है।  हम बुकिंग से पहले ही शादी वालों से एग्रीमेंट करा लेते है कि अचानक बारिश आई और सेटअप बिगड़ा उसकी जिम्मेदारी हमारी नहीं होगी। या तो वाटर प्रूफ टेंट लगाएं या फिर हॉल साथ बुक कराए जिससे बारिश की संभावना होने पर ओपन सेटअप को अंदर शिफ्ट किया जा सकें। 
- नंदलाल, इंवेंट मैनेजर कोटा

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सर्दी में ओपन मैरिज गार्डन ही ज्यादा बुक होते हैं खर्चा कम होता
शहर में करीब 250 से अधिक मैरिज गार्डन है। अधिकांश में हॉल की व्यवस्था नहीं है। ये गार्डन ज्यादातर गर्मी और सर्दी में उपयोग में आते है। हॉल और रूम वाले मैरिज गार्डन करीब 100 के आसपास है। यहां बुकिंग महंगी होने से सदिर्यो में लोग सामुदायिक भवन, खूले मैदान और ओपन मैरिज गार्डन में शादियां करते हैं। आजकल मौसम का मिजाज कभी बिगड़ जाता है। ऐसे में सर्दी में वाटर प्रूफ टेंट और हॉल वाले मैरिज गार्डन ही बुक करने चाहिए। दूसरा टेंट वाले से पहले वाटर प्रूफ टेंट बुकिंग करानी चाहिए जिससे अंतिम समय इंतजाम करने में परेशानी नहीं हो। दूसरा महंगी शादियों वाले तो दो सेटअप में काम कराते उनको कम परेशानी होती है। मध्यम वर्गीय परिवार वाले खर्चा बचाने के चक्कर में टेंट के साथ वाटर प्रूफ वाला टेंट नहीं लेते इससे परेशानी होती है।
- एस के जैन, मैरिज गार्डन संचालक

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