आयुर्वेद अस्पताल में बनी दीवारें भी टूटी, परिसर में भरा पानी
रोजाना 250 से 300 की ओपीडी, अध्ययनरत विद्यार्थियों को आने-जाने में हो रही परेशानी
जलभराव होेने से मच्छर पनप रहे हैं, संक्रमण होने का खतरा।
कोटा। शहर के तलवटी में स्थित राजकीय आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय के परिसर में जगह-जगह पानी भरा हुआ है तथा जलभराव होने की स्थिति यहां आने वाले मरीजों को भी असुविधा हो रही है। डॉ. नित्यानंद शर्मा ने बताया कि अस्पताल परिसर में बनी दीवारें भी टूटी हुई है। जिसके कारण बरसात का सारा पानी परिसर में जमा हो गया है। वहीं परिसर के पीछे स्थित गेट भी टूटा हुआ जिसके कारण यहां लगाए गए पौधों को नुकसान पहुंच रहा हे।
पुराना भवन जर्जर व क्षतिग्रस्त
उन्होंने बताया कि राजकीय आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सालय एकीकृत महाविद्यालय का पुराना भवन सवा दो लाख मासिक किराए पर लिया हुआ है। इस महाविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों को बारिश में परेशानी बनी रहती हैं। विद्यार्थियों को आने जाने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
महाविद्यालय का नवीन भवन तैयार
महाविद्यालय का नवीन भवन तलवंडी स्थित जिला आयुर्वेद चिकित्सालय परिसर में आरएसआरडीसी ने तैयार किया है। विद्यार्थियों की परेशानी को देखते हुए, अस्पताल संबंद्ध प्राचार्य ने नवीन भवन में शिफ्ट करवाने या नवीन भवन में दस कमरें देने की मांग अजमेर स्थित मुख्यालय को पत्र के माध्यम से अवगत करवाया है।
चिकित्सालय में जगह जगह भरा बारिश का गंदा पानी
उन्होंने बताया कि यहां आने वाले मौसमी बीमारियों के चलते रोजाना सामान्य दिनों की अपेक्षा 250 से 300 लोग आ रहे हैं। बारिश होने से पेट दर्द, खुजली तथा वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ी है। मौसमी बीमारियों के चलते रोजाना सामान्य दिनों की अपेक्षा पेट दर्द, खुजली तथा वायरल फीवर के मरीजों की संख्या बढ़ी है। अस्पताल की मुख्य सड़क पर जगह-जगह जलभराव की स्थिति बनी हुई है। जलभराव होेने की स्थिति में मच्छर भी पनप रहे हैं, संक्रमण होने का भी खतरा बना हुआ है। वहां लगे पेड़-पौधे भी डूब गए है।
इनका कहना है
आयुर्वेद चिकित्सालय परिसर में बने नए भवन के लिए आरएसआरडीसी से बात चल रही हैं। अगले सप्ताह तक शिफ्ट करने का विचार है। इस संबंध में कार्रवाई चल रही है।
- आनंद शर्मा, निदेशक, आयुर्विज्ञान

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