इस बार औसत से अधिक व भारी बारिश बनी बैरन
संभाग में करीब एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान
मकान, सड़क, सरकारी भवन व बिजली के पोल तक हुए क्षतिग्रस्त
कोटा। प्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही इस बार कोटा संभाग में भी मानसून की अच्छी बरसात हुई है। औसत के काफी अधिक व भारी बारिश होने से बांध व जलस्रोत तो लबालब भर गए लेकिन भारी बारिश बैरन भी बन गई। संभाग के सभी जिलों में भारी बारिश से न केवल कच्ची पक्के मकान वरन् सड़क, पुलिया, सरकारी कार्यालय, स्कूल व आंगनबाड़ी तक के भवन क्षतिग्रस्त हुए हैं। बिजली के पोल व जीएसएस तक क्षतिग्रस्त होने से बिजली तंत्र गड़बड़ाया हुआ है। हालांकि सरकार व प्रशासन के स्तर पर बारिश से हुए नुकसान के सर्वे की प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अभी तक के सर्वे के अनुसार संभाग में बारिश से करीब एक हजार करोड़ से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। संभाग में भारी बारिश का एक दौर तो जुलाई तक रहा। उसके बाद 15 अगस्त से हुई दूसरे दौर की भारी बारिश में भी काफी नुकसान हुआ है। बिजली तंत्र को करीब 20 से 25 करोड़ का नुकसान होने व फसलों में खराबा करीब 100 करोड़ से ज्यादा आंका गया है. पशुधन और मकानों को भी करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है।
दर्जनों रास्ते बंद, गांवों का संपर्क टूटा
वर्तमान में कोटा संभाग में करीब एक दर्जन से ज्यादा रास्ते बंद हैं। इसमें मेगा हाईवे, स्टेट हाईवे, मेजर डिस्टिक रोड शामिल हैं. कोटा-दौसा-लालसोट मेगा हाईवे पर बूंदी जिले के बंबोरी के पास सड़क पूरी तरह उखड़ गई है, जिससे यातायात डायवर्ट करना पड़ा है। इसी हाईवे पर मेज नदी की पापड़ी की पुलिया भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई है। बूंदी जिले में मेंडोली-झालीजी का बराना, खटखट-नैनवा, बंबोरी-नंदपुरा और श्यामपुरा-हरिपुरा जैसे कई रास्ते बंद हैं. बारां जिले में जलवाड़ा-बराना और रामगढ़-मांगरोल का रास्ता बंद है।
दूसरे फेज में हुआ अधिक नुकसान
एडीएम सीलिंग कृष्णा शुक्ला ने बताया कि पहले फेज में जुलाई के अंतिम सप्ताह में भारी बारिश से बाढ़ आई थी। इसके बाद दूसरे फेज में 15 से 25 अगस्त के बीच भारी बारिश ने और तबाही मचाई। इस दौरान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे तक पानी पहुंच गया। एनएचएआई, आरएसआरडीसी, रिडकोर, पीडब्ल्यूडी, स्थानीय निकायों और पंचायत राज विभाग की करीब 1000 किलोमीटर सड़कें प्रभावित हुई हैं व दो दर्जन पुलियाएं भी क्षतिग्रस्त हो गईं। एडीएम शुक्ला ने बताया कि दूसरे फेज में निमोदा हरिजी में अधिक नुकसान हुआ है। अभी तक नुकसान के सर्वे की प्रक्रिया चल रही है। नुकसान के जो प्रस्ताव अभी तक प्राप्त हो चुके हैं उन्हें सरकार को भेजा जा चुका है। सर्वे की प्रक्रिया अभी भी जारी है।
25 करोड़ का बिजली तंत्र प्रभावित
इधर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड कोटा के मुख्य अभियंता जी. एस. बैरवा ने बताया कि अतिवृष्टि से करीब 450 से अधिक विद्युत पोल टूट गए। इनमें ्33 केवी व 11 केवी और एलटी लाइन के पोल शामिल हैं। 76 सिंगल फेज, 62 थ्री फेज लाइनें और 2 पावर ट्रांसफार्मर खराब हुए। 8 से अधिक जीएसएस में पानी भरने से सप्लाई ठप है। घाट का बराना, नौताड़ा, गेंडोली, पापड़ी और बड़ा खेड़ा जीएसएस में पानी भरा होने से 15 से 20 हजार आबादी में बिजली सप्लाई बंद है। उनमें से कुछ को तो सही करवा दिया है। शेष को सही करने का काम किया जा रहा है।
मरम्मत के प्रस्ताव हो रहे तैयार
पीडब्ल्यूडी कोटा के अतिरिक्त मुख्य अभियंता निशु गुप्ता ने बताया कि बारिश से संभाग में सड़कों को काफी नुकसान हुआ है। उनकी तत्काल मरम्मत के लिए एसडीआरएफ के तहत प्रस्ताव भेजे गए हैं। पहले 750 करोड़ रुपए के स्थाई मरम्मत प्रस्ताव भेजे गए थे। अब दोबारा आंकलन किया जा रहा है ताकि खराब सड़कों की संख्या जोड़ी जा सके। वहीं हाड़ौती संभाग में करीब कई लोगों की मौत जलजनित हादसों और आकाशीय बिजली से हुई है। 100 से ज्यादा पशुधन की हानि और करीब 1 हजार मकानों को क्षति पहुंची है।

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