दोनों दलों के ठिकाने के साथ ही सचिवालय में भी हर कोई टोह लेने में व्यस्त हैं। राज का काज करने वालों का काम करने से मन भी उचटा हुआ है। कुछ भाई लोग इसे राज से भी जोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
राज का काज करने वाले लंच केबिनों में बतियाते हैं कि सियासी संकट में लंबे हाथ मार चुके कुछेक नवरत्नों पर एमएलएज भी भारी पड़ रहे हैं, तभी तो पब्लिक में भी रत्नों के अवगुणों की ज्यादा पब्लिसिटी कर रहे हैं।
हर ब्यूरोक्रेट्स की नजर सिर्फ जमीन पर है। अब तो उनका मन भी दूसरी फाइलें निकालने में नहीं लग रहा। राज का काज करने वाले लंच केबिनों में बतियाते हैं कि कहीं यह राज को बदनाम करने की साजिश तो नहीं है।