पाक को पासपोर्ट रैकिंग में शीर्ष 100 में स्थान मिला : हेनले एंड पार्टनर्स ने जारी किया इंडेक्स, पाक में लगा बधाइयों का तांता, भारत को बड़ा झटका
पाक सरकार के अफसरों ने इसके लिए देशवासियों को बधाई दी है
पाकिस्तान को मौजूदा साल यानी 2025 के हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में 100वां स्थान मिला है
इस्लामाबाद। पाकिस्तान को मौजूदा साल यानी 2025 के हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में 100वां स्थान मिला है। हेनले एंड पार्टनर्स की ओर से जारी नए इंडेक्स में पाकिस्तान युद्धग्रस्त और दुनिया के सबसे गरीब देशों के साथ खड़ा है। इसके बावजूद पाक सरकार के लोगों ने इसे बड़ी कामयाबी कहा है। पाकिस्तानी मीडिया ने कहा है कि चार साल पहले 2021 में उनके देश के पासपोर्ट का 113वां स्थान था, लेकिन इस बार वह शीर्ष 100 में आ गया है, जो बड़ी कामयाबी है। पाक सरकार के अफसरों ने इसके लिए देशवासियों को बधाई दी है। भारत को इस पासपोर्ट इंडेक्स में 82वां स्थान मिला है। भारत को अपनी रैंकिंग में दो बीते साल के मुकाबले दो पायदान का नुकसान उठाना पड़ा है। इस लिस्ट में सबसे ताकतवर पासपोर्ट की बात की जाए तो पहले नंबर पर सिंगापुर है। दूसरे पायदान पर जापान और साउथ कोरिया आते हैं। तीसरे पर डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, आयरलैंड, इटली, स्पेन हैं। चौथें नंबर पर आस्ट्रिया, बेल्जियम, लक्जमबर्ग, नीदरलैंड. नॉर्वे, पुर्तगाल, स्वीडन हैं। इसके बाद पांचवें पोजीशन पर ग्रीस, न्यूजीलैंड, स्विट्डरलैंड का नाम है। यूके छठें, यूएई आठवें और अमेरिका 10वें नंबर पर है। अफगानिस्तान लिस्ट में सबसे नीचे है।
पाकिस्तान की रैंकिंग की सच्चाई
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में पाकिस्तान का पासपोर्ट 100वें स्थान पर है और पाकिस्तानी पासपोर्ट धारकों को 32 देशों में बिना वीजा या वीजा-ऑन-अराइवल की सुविधा मिलेगी। हालांकि इसमें मालदीव और कतर जैसे कुछ गिनेचुने नामों को छोड़ दिया जाए तो दुनिया के प्रभावशाली देश पाकिस्तानियों को वीजा-आॅन-अराइवल नहीं देते हैं। अरब और यूरोप के ज्यादातर देश इसमें नहीं है। ऐसे में खुद को परमाणु संपन्न देश बताकर खुश होने वाला पाकिस्तान इस रैंकिग के जरिए अपनी जनता की आंखों में धूल झोंकने की ही कोशिश कर रहा है।
पाक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक, पाकिस्तान के इमिग्रेशन और पासपोर्ट के डायरेक्टर जनरल मुस्तफा जमाल काजी ने पासपोर्ट रैकिंग में सुधार के लिए देश को बधाई दी है। काजी ने कहा कि पाकिस्तान के पासपोर्ट की रैंकिंग में सुधार का श्रेय ई-पासपोर्ट और इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन के मानकों के अनुसार एनएफसी चिप लगाया जाना है। इन हाई-टेक फीचर्स से पाकिस्तानी पासपोर्ट की विश्वसनीयता और सुरक्षा बढ़ी है।
पाकिस्तान इस पासपोर्ट रैंकिंग पर अपनी पीठ ठोंक रहा है। हालांकि पाकिस्तान 100वें नंबर पर है। इसी पायदान पर सोमालिया और यमन हैं। दोनों ही देश भारी हिंसा और दूसरी समस्याओं से जूझ रहे हैं। पाकिस्तान के ठीक नीचे इराक (101), सीरिया (102) और सबसे नीचे अफगानिस्तान (103) हैं। इराक लंबे समय से अस्थिर है तो सीरिया ने बीते साल के आखिर में तख्तापलट देखा है। वहीं अफगानिस्तान की तालिबान सरकार दुनिया में अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रही है।

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