यूएन में अफगानिस्तान पर प्रस्ताव के मतदान से अलग रहा भारत, कहा- एक स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध निर्माण के प्रयासों में सहयोग के लिए प्रतिबद्ध 

तालिबान शासकों की ओर से गयी निंदा का स्वागत किया

यूएन में अफगानिस्तान पर प्रस्ताव के मतदान से अलग रहा भारत, कहा- एक स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध निर्माण के प्रयासों में सहयोग के लिए प्रतिबद्ध 

राजदूत पी हरीश ने प्रस्ताव पर अपने वक्तव्य में पहलगाम आतंकवादी हमले की अफगानिस्तान के तालिबान शासकों की ओर से गयी निंदा का स्वागत किया। 

संयुक्त राष्ट्र। भारत ने अफगानिस्तान में महिलाओं की दशा और आंतकवाद की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र में एक प्रस्ताव पर मतदान से खुद को अलग रखते हुए कहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने का समन्वित प्रयास करना चाहिए, ताकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से घोषित आतंकवादी संगठन और व्यक्ति अपनी करतूतों के लिए अफगान क्षेत्र का दुरुपयोग न कर सकें। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत पी हरीश ने प्रस्ताव पर अपने वक्तव्य में पहलगाम आतंकवादी हमले की अफगानिस्तान के तालिबान शासकों की ओर से गयी निंदा का स्वागत किया। 

उन्होंने कहा कि भारत एक स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध अफगानिस्तान के निर्माण के प्रयासों में सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। हरीश ने यह कहते हुए कि केवल दंडात्मक कार्रवाई से अफगानिस्तान की स्थिति में बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इसी दृष्टिकोण से भारत ने इस प्रस्ताव पर मतदान से दूर रहने का फैसला किया है। उन्होंने दोहराया कि सभी संबंधित हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव और एक स्थिर, शांतिपूर्ण और समृद्ध अफगानिस्तान की दिशा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों के प्रति भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

भारत के राजदूत ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह सुनिश्चित करने के लिए अपने समन्वित प्रयास इस तरह से करने चाहिए कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से घोषित संस्थायें और व्यक्ति, अलकायदा और उनके सहयोगी, आईएसआईएल और उनके सहयोगी, जिनमें लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद शामिल हैं, अब आतंकवादी गतिविधियों के लिए अफÞगानिस्तान की भूमि का दुरुपयोग न करें। इन समूहों में उनके क्षेत्रीय प्रायोजक भी शामिल हैं, जो उनके संचालन में सहायता करते हैं। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों और उनकी मानवीय और विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने की स्थायी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि भारत सभी प्रासंगिक हितधारकों के साथ निरंतर जुड़ाव के लिए प्रतिबद्ध है और एक स्थिर, शांतिपूर्ण एवं समृद्ध अफÞगानिस्तान की दिशा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का व्यापक रूप से समर्थन करता है। 

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सोमवार को अमेरिका की आपत्तियों पर एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें अफगानिस्तान के तालिबान शासकों से महिलाओं और लड़कियों के उत्पीड़न को वापस लेने और सभी आतंकवादी संगठनों को खत्म करने का आह्वान किया गया। ग्यारह पृष्ठ के प्रस्ताव के पक्ष में 116 मत पड़े और भारत, रूस, चीन और ईरान सहित 12 लोगों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। प्रस्ताव जर्मनी की ओर से प्रायोजित था।

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