पाकिस्तान के दोनों मददगारों तुर्की और अजरबैजान से भारतीय पर्यटकों ने मोड़ा मुंह, टूरिज्म में भारी गिरावट

अजरबैजान जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में जून 2025 में 66 फीसदी गिरावट आई

पाकिस्तान के दोनों मददगारों तुर्की और अजरबैजान से भारतीय पर्यटकों ने मोड़ा मुंह, टूरिज्म में भारी गिरावट

पाकिस्तान के मददगारों तुर्की और अजरबैजान पर भारतीय पर्यटकों ने सर्किकल स्ट्राइक किए हैं

बाकू। पाकिस्तान के मददगारों तुर्की और अजरबैजान पर भारतीय पर्यटकों ने सर्किकल स्ट्राइक किए हैं। तुर्की के बाद भारतीय पर्यटकों ने अजरबैजान जाना भी काफी कम कर दिया है। आधिकारिक पर्यटन आंकड़ों के मुताबिक, इस साल जून में अजरबैजान जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या पिछले साल के इसी महीने की तुलना में दो-तिहाई से ज्यादा कम हो गई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जून 2025 में अजरबैजान जाने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या में करीब 66% की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट सीधे-सीधे ऑपरेशन सिंदूर और उसके बाद अजरबैजान की तरफ से पाकिस्तान को खुलेआम समर्थन देने के बाद आई है।

इसका मतलब है कि भारतीयों ने पाकिस्तान के दोनों मददगारों को सख्त सबक सिखाया है। रिपोर्ट के मुताबिक जून के महीने में सिर्फ 9,934 भारतीय पर्यटक अजरबैजान पहुंचे थे, जबकि पिछले साल इसी महीने यह संख्या 28,315 थी। यानी सिर्फ एक साल में दो-तिहाई पर्यटक कम हो गए। खास बात यह है कि मई और जून भारतीय पर्यटकों के लिए अजरबैजान यात्रा के चरम महीने माने जाते हैं। इस साल मई में भी 23,326 भारतीय वहां पहुंचे थे, लेकिन जून आते-आते हालात बदल गए और पर्यटकों की संख्या अचानक गिरावट दर्ज हुई।

जून में सब कुछ बदल गया 
साल 2024 में 2 लाख 43 हजार 589 भारतीय पर्यटक अजरबैजान गए थे। लेकिन जून में सब कुछ बदल गया है। अजरबैजान के अलावा तुर्की भी इस बहिष्कार का शिकार हुआ है। मई में जहां 31,659 भारतीय पर्यटक तुर्की गए थे, वहीं जुलाई में यह संख्या घटकर सिर्फ 16,244 रह गई। पिछले साल जुलाई में 28,875 भारतीय वहां पहुंचे थे, यानी पिछले साल के जुलाई के मुकाबले 44% की गिरावट आई है। संघर्ष के दौरान भारत पर हमला करने के लिए तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन देने के साथ साथ खुला समर्थन दिया था। रिपोर्ट के मुताबिक मेक माई ट्रिप और ईज माई ट्रिप जैसे ट्रैवल वेबसाइट भी इन दोनों देशों के ज्यादातर बुकिंग्स नहीं ले रही हैं।

भारतीय पर्यटकों ने दोनों देशों का किया बहिष्कार
मई महीने में संख्या नहीं घटने की बड़ी वजह पहले से की गई बूकिंग होती है। ज्यादातर ट्रैवल कंपनियां बूकिंग कैंसिल करने से मना कर देती हैं। इसीलिए मई महीने के बाद जून में आंकड़े बुरी तरह से गिर गए हैं। भारत के खिलाफ संघर्ष के दौरान अजरबैजान ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था। संघर्ष खत्म होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख असीम मुनीर ने मई में बाकू का दौरा किया था और वहां पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान के बीच त्रिपक्षीय बैठक भी हुई थी। इससे पहले अजरबैजान के टूरिज्म डिपार्टमेंट के प्रमोशनल वीडियो में भारत को टॉप टारगेट मार्केट बताया जाता था।

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