ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब : आठ लाख में तैयार यूक्रेनी ड्रोन हमले से 60 हजार करोड़ के रूसी विमान तबाह
प्लान रूस का-हमला यूक्रेन का, 18 महीने की तैयारी
1 जून, 2025 को यूक्रेन ने रूस के भीतर 8 लाख रुपए खर्च करके तैयार किए 117 ड्रोन से ऐसा हमला किया कि उससे रूस के 60 हजार करोड़ के विमान तबाह हो गए
इंटरनेशनल डेस्क। 1 जून, 2025 को यूक्रेन ने रूस के भीतर 8 लाख रुपए खर्च करके तैयार किए 117 ड्रोन से ऐसा हमला किया कि उससे रूस के 60 हजार करोड़ के विमान तबाह हो गए। ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब ने आधुनिक युद्ध के समीकरणों को झकझोर दिया है। एफपीवी ड्रोन के उपयोग से 41 सैन्य विमानों को ध्वस्त कर दिया गया, जिनमें रूस के रणनीतिक Tu-22M3, Tu-95, और A-50 जैसे प्रारंभिक चेतावनी विमान शामिल हैं। भविष्य के युद्धों की नई इबारत लिखने वाले इस हमले की तैयारी में 18 महीने और 17 दिन लगे थे। इसमें ऑटोहोमिंग तकनीक इस्तेमाल की गई थी। यह हमला पारंपरिक सैन्य वायु शक्ति की कमजोरी, ड्रोन तकनीक की विकेन्द्रीकृत शक्ति और भविष्य में असीमित युद्ध की संभावनाओं की ओर इशारा करता है। ऑपरेशन स्पाइडर्स वेब ने यह साबित कर दिया कि युद्ध का भविष्य मानव नियंत्रण, बड़े युद्धपोतों या लंबी सीमा वाली मिसाइलों से नहीं, बल्कि छोटे, सस्ते, तेज और चतुर तकनीकी माध्यमों से तय होगा। ड्रोन तकनीक का लोकतंत्रीकरण, अक का एकीकरण और स्टेल्थ आधारित हमले, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा रणनीतियों को फिर से लिख रहे हैं। अब समय आ गया है कि परंपरागत सैन्य शक्ति को तकनीकी नवाचार, तत्काल प्रतिक्रिया, और साइबर-सुरक्षा के साथ समन्वित कर नए सैन्य सिद्धांतों की रूपरेखा तैयार की जाए।
प्लान रूस का-हमला यूक्रेन का, 18 महीने की तैयारी
ड्रोन लॉन्चिंग: ड्रोन रूस की सीमा के भीतर ट्रकों में लकड़ी के केबिनों में छिपाकर लाए गए। इन ट्रकों की छतें रिमोट से खुलती थीं जिससे बिना किसी ठिकाने की पहचान के ड्रोन लॉन्च किए जा सके।
लॉन्चिंग तकनीक: ऋढश् ड्रोन लाइव वीडियो फीड के साथ आते हैं, जिससे दूर से बैठा ऑपरेटर लक्ष्य को देख सकता है और एकदम सटीक हमला कर सकता है।
संचार नेटवर्क: संभावनाएँ जताई जा रही हैं कि इन ड्रोन ने रूसी मोबाइल नेटवर्क या उपग्रह-सहायता प्राप्त ॠढर सिस्टम का प्रयोग किया, जिससे दुश्मन की रेडार से बचकर गहराई तक हमला संभव हुआ।
गोपनीयता और भ्रामक रणनीति: ड्रोन हमलों को अंजाम देने की योजना 18 महीने पहले बनाई गई थी, और इसके लिए दुश्मन क्षेत्र में मौजूद नींद में पड़े संपर्कों या एजेंट नेटवर्क का भी प्रयोग किया गया हो सकता है।
भविष्य के युद्धों की इबारत: टीयू-95, टीयू-22 और टीयू-160 विमान नेस्तोनाबूद
01
ड्रोन तकनीक का उदय और विकेंद्रीकरण
व्यापक सुलभता: FPV ड्रोन को Amazon जैसी वेबसाइट्स से खरीदा जा सकता है। छोटे देशों और गैर-राज्य अभिनेता (जैसे आतंकवादी समूह या विद्रोही संगठन) अब कम लागत में उच्च प्रभावी हमले करने की स्थिति में हैं।
लो-टेक, हाई-इम्पैक्ट: एक संशोधित FPV ड्रोन की लागत लगभग $400 झ्र$700 के बीच है, लेकिन यह लाखों डॉलर की रणनीतिक संपत्तियों को नष्ट कर सकता है।
02
वायु शक्ति की संरचनात्मक कमजोरी उजागर
स्थिर आधारों पर निर्भरता: रूस के रणनीतिक विमान बड़े, स्थिर एयरबेस पर खड़े थे, जो अत्यधिक असुरक्षित साबित हुए। भविष्य में विमान तैनाती के विकेंद्रीकरण, हैंगर शील्डिंग, और एंटी-ड्रोन डोम सिस्टम की आवश्यकता होगी।
घातक क्षति: रूस के 100 से कम ळ४-22ट3 और ळ४-95 रणनीतिक बमवर्षकों में से एक तिहाई से अधिक इस हमले में नष्ट हो गए।
03
स्टेल्थ और लॉजिस्टिक छल का युग
“Kerch Bridge Model 2.0”: : यह हमला 2022 के केर्च ब्रिज विस्फोट जैसा ही था, जिसमें विस्फोटकों से भरा ट्रक पुल पर भेजा गया था।
यह रणनीति दर्शाती है कि अब युद्ध सीमाओं के बाहर भी ह्यअंदर सेह्ण लड़ा जा सकता है। बॉर्डर सुरक्षा अब केवल सीमा चौकियों की निगरानी नहीं रह गई।
04
एआई और ऑटोनॉमस तकनीक का एकीकरण
Lyutyi AI drone की सफलता : एआई-संचालित “Lyutyi” ड्रोन, जो रूस की तेल रिफाइनरियों पर हमलों में 80% तक सफलता दे चुके हैं, इस दिशा में तकनीकी बदलाव की पुष्टि करते हैं।
भविष्य में पूर्णत: ऑटोनॉमस ड्रोन, बिना आॅपरेटर के, निर्णय लेने और हमले करने में सक्षम होंगे।
वैश्विक दृष्टिकोण और सुरक्षा संतुलन, मनोवैज्ञानिक युद्ध का नया चेहरा
मॉस्को जैसे भीतरू इलाकों पर हमले से नागरिकों में असुरक्षा की भावना गहराई, जिससे घरेलू समर्थन पर असर पड़ सकता है।
रणनीतिक परिसंपत्तियों का नुकसान युद्ध क्षेत्र में हार से भी अधिक मनोवैज्ञानिक दबाव बना सकता है।

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