ब्रिटेन में शरण लेना नहीं होगा आसान, शरणार्थी नीति में बदलाव की तैयारी
ब्रिटेन शरणार्थी नीति में बड़े बदलाव की तैयारी
ब्रिटेन अवैध आव्रजन पर रोक के लिए डेनमार्क जैसी कड़ी शरणार्थी नीति लागू करने जा रहा है। नए प्रावधानों के तहत काम करने में सक्षम शरणार्थियों को आवास व भत्तों जैसी सुविधाएं सीमित की जाएंगी। लेबर सरकार का लक्ष्य तस्करी रोकना और अवैध प्रवासियों की संख्या घटाना है।
लंदन। भारतीयों के लिए पसंदीदा देश माना जाने वाला ब्रिटेन अपनी शरणार्थी नीति में व्यापक बदलाव की तैयारी कर रहा है। इस देश में बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक शरणार्थी के तौर पर बसे हुए हैं। भारत के अलावा पाकिस्तान और दूसरे एशियाई देश, अफ्रीकी देशों के नागरिकों ने भी ब्रिटेन के शरणार्थी कानून का बहुत फायदा उठाया है। इस कारण ब्रिटेन की जनसांख्यिकी में जबरदस्त परिवर्तन देखने को मिला है। इसका व्यापक विरोध भी हो रहा है। ऐसे में मूल निवासियों के दबाव में सत्तारूढ़ लेबर पार्टी प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के नेतृत्व में शरणार्थी नीति में बड़ा बदलाव करने जा रही है।
ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि वह आधुनिक समय में शरण चाहने वालों के लिए अपनी नीति में सबसे बड़ा बदलाव करेगा। माना जा रहा है कि ब्रिटेन का शरणार्थी कानून डेनमार्क की तरह होगा, जिसे यूरोप के सबसे कठोर कानूनों में से एक माना जाता है। हालांकि, मानवाधिकार समूह डेनमार्क के शरणार्थी कानून की व्यापक आलोचना करते हैं। लेबर सरकार अपनी आव्रजन नीतियों को, विशेष रूप से फ्रांस से अवैध रूप से आने वाली छोटी नावों के आवागमन को लेकर सख्ती बरत रही है। इसका प्रमुख कारण रिफॉर्म यूके पार्टी की बढ़ती लोकप्रियता को रोकना है, जो आव्रजन नीतियों को कड़ा करने की वकालत कर रही है।
शरणार्थी कानून में खास क्या होगा
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय (गृह मंत्रालय) ने एक बयान में कहा कि इन बदलावों के तहत, आवास और साप्ताहिक भत्ते सहित कुछ शरणार्थियों को सहायता प्रदान करने का वैधानिक दायित्व समाप्त कर दिया जाएगा। शबाना महमूद के नेतृत्व वाले विभाग ने कहा कि ये उपाय उन शरणार्थियों पर लागू होंगे जो काम कर सकते हैं लेकिन नहीं करना चाहते, और उन पर भी जो कानून तोड़ते हैं। इसमें कहा गया है कि अर्थव्यवस्था और स्थानीय समुदायों में योगदान देने वालों के लिए करदाताओं द्वारा वित्त पोषित सहायता को प्राथमिकता दी जाएगी।
गृह मंत्रालय ने क्या कहा
शबाना महमूद जल्द ही इन बदलावों के बारे में ज्यादा जानकारी साझा कर सकती हैं। हालांकि, इसके बारे में ब्रिटेन के गृह कार्यालय का कहना है कि ये उपाय देश को अवैध प्रवासियों के लिए कम आकर्षक बनाने और उन्हें निकालना आसान बनाने के लिए डिजाइन किए गए हैं। महमूद ने कहा, इस देश में खतरे से भागने वालों का स्वागत करने की एक गौरवशाली परंपरा रही है, लेकिन हमारी उदारता अवैध प्रवासियों को चैनल के पार खींच रही है। उन्होंने कहा, प्रवास की गति और पैमाने समुदायों पर भारी दबाव डाल रहे हैं।
ब्रिटेन के मतदाता अवैध आव्रजन से परेशान
100 से ज्यादा ब्रिटिश चैरिटी संस्थाओं ने महमूद को पत्र लिखकर उनसे प्रवासियों को बलि का बकरा बनाने और केवल नुकसान पहुंचाने वाली नीतियों को समाप्त करने का आग्रह किया, और कहा कि ऐसे कदम नस्लवाद और हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं। सर्वेक्षणों से पता चलता है कि मतदाताओं की शीर्ष चिंता आव्रजन है, जो अर्थव्यवस्था से आगे निकल गया है। मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वर्ष में लगभग 109,343 लोगों ने ब्रिटेन में शरण का दावा किया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 17% अधिक और 2002 के 103,081 के शिखर से 6% अधिक है।

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