मध्यप्रदेश जैसा फैसला नहीं कर सके राजस्थान के विधायक : गजेंद्र

सचिन पायलट से चूक हो गई

मध्यप्रदेश जैसा फैसला नहीं कर सके राजस्थान के विधायक : गजेंद्र

सरकार अब भी ईआरसीपी के प्रस्ताव को संशोधित कर भारत सरकार को भेज दे तो दो महीने में मैं इसे लागू करवा दूंगा। अगर नहीं भेजेंगे तो फिर 2023 में जनता इन्हें भेज देगी।

जयपुर। केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने चौमूं में देर शाम हुई भाजपा की जनाक्रोश रैली में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा है कि 2020 में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट से चूक हो गई और राजस्थान के विधायक तब मध्यप्रदेश जैसा फैसला नहीं ले पाए। अगर मध्यप्रदेश की तरह राजस्थान में हो गया होता तो 13 जिलों में प्यास बुझाने के लिए ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट यानी ईआरसीपी का काम अब तक शुरू हो चुका होता। सरकार अब भी ईआरसीपी के प्रस्ताव को संशोधित कर भारत सरकार को भेज दे तो दो महीने में मैं इसे लागू करवा दूंगा। अगर नहीं भेजेंगे तो फिर 2023 में जनता इन्हें भेज देगी। फिर हमारी सरकार आएगी और हम इसे लागू करेंगे। कांग्रेस के कमलनाथ जब सीएम थे, तब उन्होंने सबसे पहले आपत्ति की थी। कहा था कि राजस्थान में प्रोजेक्ट केन्द्र के नियमों के अनुरूप नहीं है। इसलिए पारित नहीं होने देंगे। इसे लेकर सात बार मैंने मीटिंग बुलाई लेकिन कोई मंत्री नहीं आया। प्रदेश सरकार इसे लेकर राजनीति कर रही है।

ईआरसीपी पर बेनकाब हो चुके भाजपा नेता : पायलट
केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र शेखावत के बयान पर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भाजपा नेताओं को बयान देने और बहानेबाजी छोड़कर वास्तविकता पर बात करने की सलाह दी है। इसके साथ ही उन्होंने ईआरसीपी मुद्दे पर शेखावत पर राजस्थान की जरूरतों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है। पायलट ने कहा कि पीएम मोदी मंच से दो बार ईआरसीपी प्रोजेक्ट पर बोल चुके हैं। सरकार कांग्रेस की आ गई, इसलिए भेदभाव किया जा रहा और कमियां निकाल रहे हैं। शेखावत अपने गृह राज्य के लिए पानी की मांग पूरी नहीं कर पा रहे। ईआरसीपी प्रोजेक्ट की जो परियोजना हुई, उसमें फायदा किसी एक दल के समर्थकों को नहीं मिलेगा। ईआरसीपी मुद्दे पर ये पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। दुनियाभर की बहानेबाजी और बयानबाजी छोड़ वास्तविकता पर ध्यान देने की जरूरत है। भाजपा नेता तीन काले कानून को वापस ले माफी मांग चुके। अग्निपथ योजना का झूठा प्रचार करने लगे हैं। राहुल गांधी ईडी नोटिस मामले में सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है।

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