पाक को कड़ा संदेश
पाकिस्तान आर्थिक तंगी को लेकर काफी परेशान है और जनता सड़कों पर उतरकर बेकाबू महंगाई का विरोध कर रही है।
पाकिस्तान आर्थिक तंगी को लेकर काफी परेशान है और जनता सड़कों पर उतरकर बेकाबू महंगाई का विरोध कर रही है। इतने बुरे संकट के दौर से गुजरने के बावजूद पाकिस्तान की सरकार एफएटीएफ यानी वित्तीय कार्रवाई बल के निर्देशों की पालना नहीं कर रही है। इस बार भी एफएटीएफ ने पाकिस्तान को कोई राहत न देते हुए उसे एक बार फिर निगरानी सूची में डाल दिया है। इस वित्तीय संगठन ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि जब तक वह आतंकवाद के खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाता, उसे किसी भी प्रकार की राहत नहीं मिलेगी। पाकिस्तान पिछले तीन साल से निगरानी सूची में ही पड़ा है और इसकी वजह से उस पर कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगे हुए हैं। आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए एफएटीएफ ने पाकिस्तान को एक 34 सूत्रीय एजेण्डा दे रखा है, जिसके तहत उसे अपने यहां आतंकवादी संगठनों और उनके सरगनाओं के खिलाफ कदम उठाने हैं। साथ ही उनको वित्तीय मदद पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई के भी निर्देश हैं, लेकिन पाकिस्तान ने इस ओर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया है। जाहिर है कि पाकिस्तान को एफएटीएफ की कार्रवाई की कोई फिक्र ही नहीं है और न ही दुनिया के तमाम देशों के दबाव का उस पर कोई असर पड़ रहा है। पाकिस्तान आज खुलेआम आतंकी संगठनों की मदद कर रहा है और पड़ोसी देशों में आतंकी हमले करवा रहा है। जबकि इन दिनों पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था काफी खराब है और वहां की अवाम काफी त्रस्त है। पाकिस्तान बुरे हालात से निजात ही नहीं पाना चाहता। उसे वित्तीय मदद की सख्त जरूरत है, लेकिन उसके लिए आर्थिक मदद के सारे रास्ते बंद है। एफएटीएफ की निगरानी सूची में होने के कारण अन्तरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक जैसे संगठनों से वित्तीय मदद नहीं मिल रही है। यहां तक कि दशकों से उसकी मदद कर रहा अमेरिका ने भी पाकिस्तान की मदद बंद कर दी है। दरअसल पाकिस्तान में अब आतंकवाद एक संगठित कारोबार बन गया है और वहां की सेना व आईएसआई आतंकवाद को जिंदा रखना चाहती है। पाकिस्तान अब आतंकियों का देश बन गया है और उनसे मुक्ति आसान नहीं रह गई है। फिर वहां की सरकार सेना व आईएसआई आतंकवाद को खत्म करने का कोई इरादा ही नहीं रखती।
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