डॉक्टरों की जारी रहेगी हड़ताल, गोविंद डोटासरा से बातचीत के बाद लेंगे निर्णय

मरीजों की परेशानी अभी भी कम नहीं हुई

डॉक्टरों की जारी रहेगी हड़ताल, गोविंद डोटासरा से बातचीत के बाद लेंगे निर्णय

डॉक्टरों के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने उन्हें प्रस्ताव दिया कि गतिरोध को दूर करने के लिए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा डॉक्टर्स और सरकार के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं।

जयपुर। राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में राज्य सरकार और डॉक्टर्स के बीच गतिरोध खत्म नहीं हो रहा है। सीएम अशोक गहलोत से मिलने निजी चिकित्सकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री आवास पहुंचा, जहां निजी डॉक्टरों की ओर से डॉ. वीरेंद्र सिंह ने सीएम गहलोत से मुलाकात की और डॉक्टरों की बात उनके समक्ष रखी। डॉक्टरों के मुताबिक सीएम अशोक गहलोत ने उन्हें प्रस्ताव दिया कि गतिरोध को दूर करने के लिए पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा डॉक्टर्स और सरकार के बीच मध्यस्थता कर सकते हैं। बातचीत में शामिल होने गए डॉ. विजय कपूर ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सीएमआर बुलाकर भी हमसे वार्ता नहीं की और डॉ. वीरेंद्र सिंह के जरिए हम तक मैसेज पहुंचाया गया है। ऐसे में सीएम के निर्देशानुसार अब हम पीसीसी चीफ डोटासरा से वार्ता करने के बाद ही कोई निर्णय लेंगे। जब तक कोई हल नहीं निकलेगा हमारा आंदोलन और हड़ताल जारी रहेगी।

इधर मरीज परेशान  
वहीं निजी अस्पतालों के डॉक्टरों के साथ ही रेजीडेंट्स के भी एक गुट के काम नहीं करने से मरीजों की परेशानी अभी भी कम नहीं हुई है। सरकारी छुट्टी होेने के कारण एसएमएस सहित अन्य अस्पतालों में मरीज परेशान होते रहे। हालांकि सीनियर डॉक्टर्स ने फिर से कमान संभाल ली, लेकिन रेजीडेंट्स के बिखरने से आॅपरेशन लगातार टल रहे हैं। इससे मरीजों को राहत नहीं मिल पा रही है।

डॉक्टरों ने निकाली रैली
आंदोलनकारी डॉक्टरों ने जेएमएस से स्ट्रेचर और व्हीलचेयर रैली निकाली। वहीं जयपुर से सीकर तक मशाल यात्रा निकालने का निर्णय लिया है। इसको डॉक्टरों ने राइट टू हेल्थ पोल खोल यात्रा नाम दिया है।

रेजीडेंट्स हुए दो फाड़
निजी डॉक्टरों की हड़ताल को देर रात उस समय झटका लगा जब जयपुर एसोसिएशन आॅफ  रेजीडेंट डॉक्टर की चिकित्सा विभाग के प्रमुख सचिव टी रविकांत से वार्ता हुई। इसके बाद हड़ताल समाप्त करने का निर्णय लेकर काम पर लौटने का ऐलान किया गया, लेकिन देर रात रेजिडेंट्स डॉक्टर्स दो गुटों में बंट गए। दूसरे गुट जार्ड ज्वॉइंट एक्शन कमेटी ने आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया है। कमेटी से जुड़े डॉ. राजेश कुमावत ने कहा कि जीबीएम में इस संबंध में निर्णय लिया गया है। रेजीडेंट्स आरटीएच बिल की खामियों को लेकर विरोध कर रहे हैं। जार्ड के पदाधिकारियों को सरकार ने अगवा कर आंदोलन को समाप्त करवा दिया है। ये पदाधिकारी हमारे सम्पर्क में नहीं हैं। रेजीडेंट्स वर्तमान जार्ड के निर्णय में उनके साथ नहीं हैं। ऐसे में अब इस मुददे पर नई संघर्ष समिति काम करेगी और वही निर्णय लेगी। पत्र में लिखा है कि सभी आरडीए और रेजीडेंट्स को सूचित किया जाता है, हमारा आंदोलन जारी है।  

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