अब 100 यूनिट तक बिजली फ्री 200 तक के तमाम शुल्क माफ, जानिए कैसे होगी बिल की गणना
मुख्यमंत्री गहलोत ने देर रात की राहत की बड़ी घोषणा
गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि महंगाई राहत शिविरों के अवलोकन व जनता से बात करने पर फीडबैक आया कि बिजली बिलों में मिलने वाली स्लैब छूट में बदलाव किया जाए।
जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजस्थान दौरे के कुछ घंटों बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार देर रात प्रदेश की जनता के लिए बड़ा ऐलान किया है। गहलोत ने 100 यूनिट तक हर महीने बिजली उपभोग शून्य रहने की घोषणा की है, चाहे आपका बिल 100 यूनिट से अधिक आए।
गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि महंगाई राहत शिविरों के अवलोकन व जनता से बात करने पर फीडबैक आया कि बिजली बिलों में मिलने वाली स्लैब छूट में बदलाव किया जाए। मई महीने में बिजली बिलों में आए फ्यूल सरचार्ज को लेकर भी जनता से फीडबैक मिला, जिसके आधार पर बड़ा फैसला किया है। अब 100 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य होगा। उन्हें पूर्ववत कोई बिल नहीं देना होगा। सौ यूनिट प्रतिमाह से ज्यादा उपभोग करने वाले परिवारों को भी पहले 100 यूनिट बिजली फ्री दी जाएगी, यानि कितना भी बिल क्यों ना आए, पहले 100 यूनिट का कोई भी बिजली शुल्क नहीं देना होगा। खासकर मध्यम वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए 200 यूनिट प्रतिमाह तक बिजली उपभोग करने वाले उपभोक्ताओं को पहले 100 यूनिट बिजली फ्री के साथ 200 यूनिट तक स्थायी शुल्क, फ्यूल सरचार्ज और तमाम अन्य शुल्क माफ होंगे और इनका भुगतान राज्य सरकार करेगी।
इस तरह होगी बिल की गणना
- 50 यूनिट तक 4.75 रु. प्रति यूनिट
- 51-100 यूनिट 6.50 रु./ यूनिट
- 151 से 300 यूनिट तक 7.35 रुपए प्रति यूनिट।
- 301 से 500 यूनिट तक 7.65 रुपए प्रति यूनिट।
- 501 या उससे ज्यादा यूनिट पर 7.95 रुपए प्रति यूनिट।
- 300 यूनिट तक खपत पर फिक्स चार्ज 275 रुपए।
- 301 से 500 यूनिट खपत पर फिक्स चार्ज 345 रुपए।
- शहरी उपभोक्ताओं से 15 पैसे प्रति यूनिट अरबन सेस।
- सभी उपभोक्ताओं से 40 पैसे प्रति यूनिट इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी।
बिजली खपत 100 यूनिट तक
स्थाई शुल्क: 230 रुपए
इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी : 40 रु.
अरबन सेस: शून्य
कुल बिल: 832.5 रुपए
सरकारी छूट के बाद: पूरा बिजली बिल माफ।
अलग-अलग स्लैब में मिलेगी सब्सिडी घोषणा के अनुसार 200 यूनिट प्रतिमाह बिजली उपभोग पर 100 यूनिट बिजली फ्री सहित 200 यूनिट तक स्थाई शुल्क, फ्यूल सरचार्ज और तमाम अन्य शुल्क माफ होंगे। इसके बाद अलग-अलग स्लैब में सरकार की सब्सिडी (दो से तीन रुपए) मिलेगी, जिसके बारे में एक दो दिन में बिजली कंपनियां आदेश जारी करेंगी।
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