MP Patwari Exam संदेह के घेरे में, शिवराज ने लगाई नियुक्तियों पर रोक
मुख्यमंत्री ने स्वीकार कर लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ: कमलनाथ
ग्वालियर के एक सेंटर से परीक्षा देने वाले सात बच्चों ने परीक्षा परिणाम में टॉप किया। इनके हस्ताक्षरों पर भी मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाए।
भोपाल। मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम संदेह के घेरे में आने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस परीक्षा के आधार पर होने वाली नियुक्तियों पर रोक लगा दी है।
चौहान ने कल देर रात ट्वीट करते हुए कहा कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परीक्षा परिणाम में एक सेन्टर के परिणाम पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इस परीक्षा के आधार पर की जाने वाली नियुक्तियां अभी रोकी जा रही हैं। सेन्टर के परिणाम का पुन: परीक्षण किया जाएगा।
दरअसल ये पूरा विवाद ग्वालियर के एक सेंटर से जुड़ा है। इस सेंटर से परीक्षा देने वाले सात बच्चों ने परीक्षा परिणाम में टॉप किया। इनके हस्ताक्षरों पर भी मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सवाल उठाए। गुरुवार को इस मामले में कांग्रेस ने समूचे प्रदेश में प्रदर्शन भी किया था।
इससे पहले कांग्रेस के शीर्षस्थ नेतृत्व ने भी इस पर सवाल उठाते हुए ट्वीट किए थे। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा और राहुल गांधी ने इस पर ट्वीट किए थे।
इस मामले में मुख्यमंत्री सीएम चौहान का रोक संबंधित ट्वीट आने के बाद कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने अपने ट्वीट में कहा कि कर्मचारी चयन मंडल द्वारा आयोजित समूह-2, उप समूह-4 एवं पटवारी भर्ती परीक्षा के परिणाम में धांधली के समाचार सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने नियुक्तियां रोकने का फैसला कर, यह स्वीकार कर लिया है कि इन परीक्षाओं में बड़े पैमाने पर धांधली और घोटाला हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री चौहान से कहा कि कोई भी फैसला ऐसा होना चाहिए जिसमें अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं हो। नियुक्तियां रोकना एक बात है और असली दोषियों को पकडऩा दूसरी बात है।
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा मार्च- अप्रैल 2023 में समूह-2, समूह-4 के लिए एवं पटवारी पद के लिये आयोजित संयुक्त भर्ती परीक्षा के परिणाम में आठ हजार 617 पद की मेरिट सूची 30 जून को जारी की गई थी।
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