हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बची

ट्रैक पर 10 मीटर तक बिछाये पत्थर, ट्रैक के बीच गाढ़ दिये थे कीले

हाईस्पीड वंदे भारत ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बची

गनीमत रही कि ट्रेन के पायलेट और सहायक की नजर पत्थरों पर पड़ गई, जिससे बड़ा हादसा टल गया।

भीलवाड़ा। 25 सितंबर से शुरू हुई हाईस्पीड वंदे भारत ट्रैन सोमवार सुबह दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई। घटना, गंगरार और सोनियाणा स्टेशनों के बीच हुई, जहां अज्ञात लोगों ने ट्रैक पर 10 मीटर दूरी तक पत्थर रख दिये और ट्रैक के बीच में दो कीले गाढ़ दिये। गनीमत रही कि ट्रैन के पायलेट और सहायक की नजर पत्थरों पर पड़ गई, जिससे बड़ा हादसा टल गया। ट्रैन पांच मिनिट मौके पर खड़ी रही। इस घटना से रेलकर्मियों में भी खलबली मच गई। रेलवे सूत्रों के अनुसार, हाईस्पीड वंदे भारत ट्रैन सोमवार सुबह उदयपुर से रवाना होकर करीब साढ़े नौ बजे सोनियाणा-गंगरार रेलवे स्टेशनों के बीच इलेक्ट्रिक पोल 158/18-19 से कुछ दूरी पर पहुंची थी कि ट्रेन के पायलेट व सहायक की नजर ट्रैक पर रखे पत्थरों व ट्रैक के बीच गढ़े कीलों पर पड़ गई। चालक ने सतर्कता बरतते हुये ट्रेन को ब्रेक लगाकर इन पत्थरों व कीलों से 5-7 मीटर की दूरी पर रोक लिया। इससे यह ट्रैन दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई। यहां दोनों ट्रैक पर करीब दस मीटर की दुरी तक गिट्टी पत्थर रखे हुये मिले और दो कीलें दोनों पटरियों के बीच गढ़े हुये थे। पायलेट व सहायक ने इंजिन से उतर कर ट्रैक से पत्थर व कीले हटाये और इसकी जानकारी रेलवे अधिकारियों के साथ ही रेलवे सुरक्षा बल को दी। करीब 5 मिनिट खड़ी रहने के बाद वंदे भारत ट्रेन भीलवाड़ा के लिए रवाना हुई। उधर, इस घटनाक्रम के बाद रेलवे अधिकारियों व सुरक्षा एजेंसियों में खलबली मच गई। रेलवे सुरक्षा बल, जीआरपी व रेलवे के अधिकारियों ने मौके पर पहुंच कर छानबीन शुरू की।

शरारती तत्वों का कारनामा
लोको पायलट ने इसकी सूचना अधिकारियों को दी। इसके बाद मौके पर पुलिस के साथ ही रेलवे के तमाम अधिकारी पहुंच गए। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि क्षेत्र में ही रहने वाले कुछ शरारती लोगों ने इस तरीके की हरकत की है। मामले की रेलवे पुलिस जांच कर रही है।

8 दिन में दूसरी घटना
उदयपुर से जयपुर चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के साथ 8 दिन में ये दूसरी घटना है। कुछ दिन पहले ही ट्रेन पर पत्थर मारकर कांच तोड़ दिए थे। घटना गंगरार (भीलवाड़ा) के मेवाड़ कॉलेज के पास हुई थी।

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