
वंदे भारत ट्रेन को संभावित दुर्घटना से बचाने वाले उत्कृष्ट कर्मचारी पुरस्कार से सम्मानित
लोको पायलट, सहायक लोको पायलट व लोको निरीक्षक का सम्मान
रेल प्रशासन अजमेर मण्डल ने सोमवार को गाड़ी संख्या 20979 उदयपुरसिटी-जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस को अपनी सजगता व सूझबूझ से संभावित दुर्घटना से बचाने वाले लोको पायलट, वरिष्ठ सहायक लोको पायलट तथा मुख्य लोको निरीक्षक को वर्ष 2023-24 के उत्कृष्ट कर्मचारी घोषित करते हुए सम्मानित किया है।
अजमेर। रेल प्रशासन अजमेर मण्डल ने सोमवार को गाड़ी संख्या 20979 उदयपुरसिटी-जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस को अपनी सजगता व सूझबूझ से संभावित दुर्घटना से बचाने वाले लोको पायलट, वरिष्ठ सहायक लोको पायलट तथा मुख्य लोको निरीक्षक को वर्ष 2023-24 के उत्कृष्ट कर्मचारी घोषित करते हुए सम्मानित किया है।
मण्डल कार्यालय में मंगलवार को मण्डल रेल प्रबंधक राजीव धनखड़ ने उत्कृष्ट कार्य के लिए विनोद विल्फ्रेड मुख्य लोको निरीक्षक, मुबारिक हुसैन लोको पायलट मेल/एक्सप्रेस व प्रमेन्द्र सालवी वरिष्ठ सहायक लोको पायलट को 2023-24 के उत्कृष्ट कर्मचारी घोषित करते हुए नकद पुरस्कार व प्रशंसा-पत्र से सम्मानित किया। मण्डल रेल प्रबंधक धनखड़ ने कहा कि इन रेल कर्मचारियों ने एक कर्तव्यनिष्ठ कर्मचारी की भांति अपना कर्तव्य निभाते हुए अति प्रशंसनीय कार्य किया है। इनकी कार्य के प्रति निष्ठा, लगन, पूर्ण सजगता व समर्पण प्रशंसा योग्य है। इस अवसर पर वरिष्ठ मण्डल यांत्रिक इंजीनियर मनमोहन मीना भी उपस्थित थे।
यह है मामला
गत 2 अक्टूबर को गाड़ी संख्या 20979 उदयपुरसिटी-जयपुर वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन उदयपुरसिटी से अजमेर के मध्य लोको पायलट मेल मुबारिक हुसैन एवं वरिष्ठ सहायक लोको पायलट प्रमेन्द्र सालवी कर रहे थे एवं विनोद विल्फ्रेंड मुख्य लोको निरीक्षक उदयपुरसिटी भी पायदान निरीक्षण पर थे। इस दौरान अजमेर मण्डल के चित्तौड़गढ़-अजमेर खण्ड में गंगरार-सोनियाना स्टेशनों के मध्य लोको पायलट ने दोनों लाइनों की पटरियों पर करीब 20-25 मीटर तक छोटे-बड़े पत्थर रखे देखे। साथ ही लाइन पर लगी जोगल प्लेट के दोनों ओर लगभग 1-1 फीट लम्बी लोहे की रोड फंसाई हुई थी जिसे गिट्टियों से ढका हुआ था। यह देखते ही लोको पायलट एवं सहायक लोको पायलट ने तुरन्त इमरजेंसी ब्रेक लगाए एवं उक्त साइट से लगभग 1 फीट पूर्व अपनी गाड़ी सुरक्षित रूप से खड़ी कर ली। उपरोक्त अवरोधों को हटाया एवं हथौड़े की सहायता से लोहे की रोड को निकालकर ट्रैक क्लीयर किया गया। इस प्रकरण में कुल 6 मिनट का अतिरिक्त विलम्ब हुआ। लोको पायलट, सहायक लोको पायलट एवं मुख्य लोको निरीक्षक ने अपनी सूझबूझ व सतर्कता का परिचय देते हुए एक बड़ा रेल हादसा होने से बचाया। साथ ही साथ रेलवे के राजस्व व जन हानि को भी बचाया।
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