भाजपा में मुस्लिम चेहरे दरकिनार धर्मगुरुओं से हिन्दुत्व का कार्ड

तीन मठ-धाम के संतों को अल्पसंख्यक बाहुल्य सीटों पर प्रत्याशी, क्षेत्रीय गणित बदलने की जुगत

भाजपा में मुस्लिम चेहरे दरकिनार धर्मगुरुओं से हिन्दुत्व का कार्ड

2018 के चुनावों में मुस्लिम प्रत्याशी पूर्व मंत्री युनूस खान का डीडवाना से टिकट काटकर उन्हें टोंक से कांग्रेस के चेहरे सचिन पायलट के सामने मैदान में उतारा गया था। हालांकि वे बड़े अंतर से हारे थे। इस बार एक भी प्रत्याशी मैदान में नहीं है।

ब्यूरो/नवज्योति,जयपुर। राजस्थान में भाजपा ने पहली बार प्रदेश में किसी भी मुस्लिम चेहरे को टिकट नहीं दिया है। वहीं हिन्दुत्व कार्ड खेलते हुए तीन अलग-अलग मठ-धामों के धर्मगुरुओं को प्रत्याशी बनाया है। इन दोनों ही निर्णयों से भाजपा प्रदेश में हिन्दुत्व के कार्ड के जरिए अपनी जीत का रास्ता बनाने में लगी है। हालांकि प्रदेश में 40 मुस्लिम बाहुल्य सीटें हैं, लेकिन इन इन तीन चेहरों ने माध्यम से पार्टी वृहद स्तर पर हिन्दू वोटों के धुव्रीकरण करना चाह रही है। अलवर, जयपुर, जैसलमेर के मुस्लिम बाहुल्य इलाको में भाजपा इन तीन सीटों के माध्यम से आसपास की सीटों पर भी माहौल बना रही है। वहीं इनके जरिए पार्टी जाति विशेष को भी साधने का काम कर रही है।  

पिछली बार केवल युनूस को मिला था टिकट
2018 के चुनावों में मुस्लिम प्रत्याशी पूर्व मंत्री युनूस खान का डीडवाना से टिकट काटकर उन्हें टोंक से कांग्रेस के चेहरे सचिन पायलट के सामने मैदान में उतारा गया था। हालांकि वे बड़े अंतर से हारे थे। इस बार एक भी प्रत्याशी मैदान में नहीं है। युनूस बागी हो गए हैं। अपनी परम्परागत सीट डीडवाना से निर्दलीय भाग्य आजमा रहे हैं। मसूदा से इस बार भाजपा ने अंतिम सूची में अभिषेक सिंह को टिकट दिया था, लेकिन उनके मेहरात समाज से होने के चलते कुछ घंटों के बाद ही टिकट काट दिया गया। 

हिन्दुत्व के तीन चेहरे, यादव-ब्राह्मण और राजपूत वर्ग भी साध रहे
बाबा बालकनाथ: वर्तमान में अलवर के सांसद हैं। वे नाथ सम्प्रदाय से आते हैं। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी इसी सम्प्रदाय से हैं। बालकनाथ मस्तनाथ पीठ के महंत हैं। उन्हें तिजारा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। जिले के मेवात क्षेत्र में आधा दर्जन से ज्यादा सीटों पर मुस्लिम वोटर्स जीत-हार में अहम होते हैं। भाजपा यहां एक तीर से कई निशाने साध रही है। बालकनाथ फायर ब्रांड नेता हैं। वे यहां अपने तीखे तेवरों से आसपास की सीटों पर भी चर्चित हैं और माहौल बना रहे हैं। वहीं यादव समाज की उन पर बड़ी आस्था होने से वर्ग के वोटों के धु्रवीकरण का भी प्रयास कर रहे हैं। 

बालमुंकन्दाचार्य: जयपुर में कालवाड़ रोड स्थित हाथोज धाम के महामंडलेश्वर हैं। बरसों पहले हालांकि एबीवीपी से ही जुड़े थे। भगवा चेहरे के रूप में भाजपा ने उन्हें हवामहल विधानसभा सीट से टिकट दिया है। उनके जरिए जयपुर की मुस्लिम बाहुल्य किशनपोल, आदर्शनगर, सिविल लाइन विधासभा सीटों पर वैतरणी पार करने की जुगत है। इसके साथ ही उनके बाह्मण वर्ग से होने के कारण इस वर्ग को भी साधने का प्रयास है। 

प्रतापुरी महाराज: जैसलमेर की मुस्लिम बाहुल्य सीट पोकरण से तारातरा मठ के महंत प्रतापुरी महाराज पिछली बार भी भाजपा के चेहरे थे। काफी कम वोटों से चुनाव हार गए थे। इस बार फिर से पार्टी ने मैदान में उतारकर जैसलमेर में मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास है। राजपूत समाज में भी प्रतापुरी की बड़ी आस्था है। ऐसे में क्षेत्र में चुनावी जीत में महत्वपूर्ण रोल रखने वाले इस वर्ग को भी उनके माध्यम से साधा जा रहा है। 

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