पीआरएन में सोसायटी पट्टे के मकानों पर बिजली कनेक्शन क्यों नहीं दिया : हाईकोर्ट
सोसायटी पट्टों की जमीन खरीद कर मकान बनाए थे
याचिका में हाईकोर्ट की एकलपीठ के गत उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एकलपीठ ने सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन देने से इनकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी थी।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने पृथ्वीराज नगर योजना (पीआरएन) में सोसायटी पट्टों के मकानों पर बिजली कनेक्शन नहीं देने से जुडे मामले में जेडीए, जेवीवीएनएल और यूडीएच से जवाब तलब किया है। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस भुवन गोयल की खंडपीठ ने यह आदेश शकुंतला व अन्य की ओर से दायर याचिका पर दिए। याचिका में हाईकोर्ट की एकलपीठ के गत उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें एकलपीठ ने सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन देने से इनकार करते हुए याचिकाएं खारिज कर दी थी। अपील में अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने अदालत को बताया की याचिकाकर्ताओं ने पीआरएन में सोसायटी पट्टों की जमीन खरीद कर मकान बनाए थे।
सोसायटी पट्टा होने के कारण वे कब्जाधारी की श्रेणी में आते हैं। वहीं विद्युत अधिनियम की धारा 43 के तहत कब्जाधारी को बिजली कनेक्शन दिया जा सकता है। वहीं पूर्व में एकलपीठ में सुगन सिंह के मामले में अदालत ने कहा था कि याचिकाकर्ताओं को जेडीए का पट्टा जारी करने तक सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन जारी नहीं किए जाए। अब उस याचिका के पक्षकारों को पट्टे जारी हो चुके हैं। ऐसे में एकलपीठ के गत 3 नवंबर के आदेश को रद्द कर याचिकाकर्ताओं को सोसायटी पट्टों पर बिजली कनेक्शन जारी किया जाए। इस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है। गौरतलब है कि एकलपीठ के समक्ष जेवीवीएनएल ने भी प्रार्थना पत्र पेश कर बिजली कनेक्शन जारी करने की छूट मांगी थी, लेकिन एकलपीठ ने जेवीवीएनएल के इस प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया था।
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