दिव्या मदेरणा की नियुक्ति से प्रदेश कांग्रेस की आंतरिक सियासत गरमाई
उनकी कार्यशैली के चलते मुख्यमंत्री के दावेदारों में शामिल मानने लगे हैं
सियासी संकट के दौरान पीसीसी चीफ बने गोविन्द सिंह डोटासरा के समर्थक भी उन्हें उनकी कार्यशैली के चलते मुख्यमंत्री के दावेदारों में शामिल मानने लगे हैं।
जयपुर। कांग्रेस के नियुक्त नए सचिव और संयुक्त सचिवों में राजस्थान के शामिल नेताओं में दिव्या मदेरणा की नियुक्ति ने राजस्थान कांग्रेस संगठन में आंतरिक हलचल मचा दी है। नियुक्ति के बाद समर्थकों के सोशल मीडिया पर मदेरणा को भावी सीएम बताने से यह सियासी हलचल बढ़ी है। राजस्थान कांग्रेस के गलियारों में चर्चा इस बात की है कि राजस्थान कांग्रेस में अभी तक पूर्व सीएम अशोक गहलोत और कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट गुट को सबसे मजबूत माना जाता है। सियासी संकट के दौरान पीसीसी चीफ बने गोविन्द सिंह डोटासरा के समर्थक भी उन्हें उनकी कार्यशैली के चलते मुख्यमंत्री के दावेदारों में शामिल मानने लगे हैं।
अब समर्थकों के मदेरणा को सीएम दावेदार बताने से पूर्व दावेदारों के सामने नई राजनीतिक चुनौती होने लगी है। समर्थकों का दावा है कि दिव्या मदेरणा खुद को गहलोत और पायलट दोनों ही गुटों में नहीं मानती और तीनों नेताओं गहलोत, पायलट और डोटासरा से आशीर्वाद लेकर राहुल गांधी की नीतियों पर काम करने का बयान दे चुकी हैं। वहीं, मदेरणा की दावेदारी से गहलोत समर्थक नेताओं में अंदरखाने खुशी छाई हुई है। राजस्थान में सीएम की कुर्सी को लेकर गहलोत और पायलट सबसे बड़े दावेदार थे। इन दिनों पायलट समर्थकों के बुलंद हौसलों से गहलोत समर्थक बहुत ज्यादा खुश नहीं हैं। सियासी संकट में पायलट की कुर्सी जाने के बाद जाट समाज के गोविन्द डोटासरा को पद पर बिठाया और वे भी जल्दी जाट समाज के बड़े नेताओं में शामिल हो गए। लिहाजा कांग्रेस में तीन सीएम के दावेदार माने जाने लगे।
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