भारी हंगामे के बीच हिमाचल प्रदेश विधानसभा में रेरा संशोधन विधेयक पेश, चयन समिति में बदलाव का प्रस्ताव
हिमाचल में RERA चयन प्रक्रिया बदलेगी
हिमाचल सरकार ने रेरा संशोधन विधेयक 2025 पेश कर चयन समिति में बदलाव प्रस्तावित किए। अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नया तीन सदस्यीय पैनल चयन करेगा। रेरा अध्यक्ष के लिए 20 वर्ष और सदस्यों के लिए 15 वर्ष का अनुभव अनिवार्य होगा। कार्यकाल चार वर्ष तय किया गया है।
शिमला। हिमाचल प्रदेश के नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री राजेश धर्मानी ने सोमवार को विधानसभा में रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक, 2025 पेश किया। इस विधेयक से राज्य के रेरा प्राधिकरण की चयन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं।
विधेयक में मौजूदा चयन समिति को बदलने की बात कही गयी है। अभी इस समिति का नेतृत्व उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या उनके मनोनीत व्यक्ति करते हैं। अब प्रस्ताव है कि इसके बजाय, अब मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया जाएगा। इस पैनल में आवास सचिव सदस्य-संयोजक और कानून सचिव शामिल होंगे। हितों के टकराव के मामलों में, कोई अपर मुख्य सचिव या कोई अन्य वरिष्ठ अधिकारी समिति का नेतृत्व कर सकता है।
नए मसौदे में रेरा अध्यक्ष के लिए 20 वर्ष और सदस्यों के लिए 15 वर्ष के पेशेवर अनुभव को अनिवार्य किया गया है। यह तर्जुबा शहरी विकास, आवास, बुनियादी ढाँचा, कानून, अर्थशास्त्र या लोक प्रशासन जैसे क्षेत्रों से संबंधित होना चाहिए। केवल उन्हीं अधिकारियों को अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है, जिन्होंने अपर सचिव या समकक्ष के रूप में कार्य किया हो, जबकि सदस्यों को सचिव-स्तर के पदों पर कार्य करना चाहिए। संशोधन प्राधिकरण के अध्यक्ष और सदस्यों के लिए चार साल का कार्यकाल भी निर्धारित करता है।

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