मारुति सुजुकी ने शुरू किया यूरोप में ई-विटारा का निर्यात, 2,900 से भी ज्यादा ई-विटारा गाड़ियां यूरोप के 12 देशों को भेजीं
विश्व स्तरीय होना आवश्यक
मारुति सुजुकी ने अगस्त में गुजरात के पिपावाव बंदरगाह से सुजुकी के पहले बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन ई-विटारा का 12 देशों को निर्यात शुरू किया।
पिपावाव (गुजरात)। मारुति सुजुकी ने अगस्त में गुजरात के पिपावाव बंदरगाह से सुजुकी के पहले बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन ई-विटारा का 12 देशों को निर्यात शुरू किया। मारुति सुजुकी ने बताया कि अगस्त में उसने 2,900 से भी ज्यादा ई-विटारा गाड़ियां यूरोप के 12 देशों को भेजीं। इन देशों में ब्रिटेन, जर्मनी, नॉर्वे, फ्रांस, डेनमार्क, स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड्स, स्वीडन, हंगरी, आइसलैंड, ऑस्ट्रिया और बेल्जियम शामिल हैं।
यह उपलब्धि छह दिन में हासिल :
यह उपलब्धि महज छह दिन में हासिल की गयी है। कंपनी के गुजरात स्थित हंसलपुर मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में 26 अगस्त को आयोजित कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-विटारा के उत्पादन का शुभारंभ किया था।
दुनिया का मुख्य उत्पादन केंद्र: सुज़ुकी ने भारत को ई-विटारा के लिए दुनिया का मुख्य उत्पादन केंद्र बनाने का रोडमैप तैयार किया है। निर्यात की शुरुआत सुज़ुकी की इसी योजना से जुड़ा एक महत्वपूर्ण कदम है।
सौ से अधिक देशों में निर्यात :
‘मेड इन इंडिया’ ई-विटारा को 100 से ज्यादा देशों में निर्यात किया जायेगा और घरेलू बाजार में बेचा जायेगा। ई विटारा का प्रीव्यू पहले इटली के मिलान और उसके बाद नयी दिल्ली में भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो में किया गया था।
विश्व स्तरीय होना आवश्यक :
मारुति सुज़ुकी के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिसाशी ताकेउचि ने कहा कि यूरोप में ई-विटारा का निर्यात शुरू होना हमारे लिए वाकई गौरवपूर्ण ऐतिहासिक पल है। एक सौ से अधिक देशों में ग्राहकों का विश्वास अर्जित करने के लिए किसी भी उत्पाद का तकनीक, डिजाइन, सुरक्षा और प्रदर्शन के मामले में विश्व स्तरीय होना आवश्यक है।
मजबूती का उत्कृष्ट संयोजन :
ई-विटारा को नए ईवी प्लेटफॉर्म, हार्टेक-ई पर विकसित किया गया है, जिसकी डिजाइन अत्याधुनिक तकनीक और मजबूती का उत्कृष्ट संयोजन है। हमें विश्वास है कि यह यूरोप के ग्राहकों को एक आनंददायक ड्राइविंग अनुभव प्रदान करेगी।

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