36 प्रतिशत बढ़ी बिजली की मांग
करीब 1200 मेगावाट बिजली कम उपलब्ध है
भीषण गर्मी और बिजली संकट के बीच शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में इस महीने कुल 36 प्रतिशत मांग बढ़ गई है। प्रदेश में पीक डिमांड 15,749 मेगावाट तक पहुंचने से सप्लाई देने में कम्पनियों के हाथ पैर फूलने लगे हैं, जबकि डिमांड की तुलना में करीब 1200 मेगावाट बिजली कम उपलब्ध है।
जयपुर। भीषण गर्मी और बिजली संकट के बीच शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले साल की तुलना में इस महीने कुल 36 प्रतिशत मांग बढ़ गई है। प्रदेश में पीक डिमांड 15,749 मेगावाट तक पहुंचने से सप्लाई देने में कम्पनियों के हाथ पैर फूलने लगे हैं, जबकि डिमांड की तुलना में करीब 1200 मेगावाट बिजली कम उपलब्ध है। इस महीने खपत साढ़े तीन हजार लाख यूनिट रोजाना तक पहुंच गई है। बिजली उत्पादन इकाइयों को कोयला संकट का अगले एक-दो सप्ताह में हल निकलने के आसार नजर नहीं आ रहे। संकट के बीच ऊर्जा विभाग को एक्सचेंज के तहत महंगे दामों में भी बिजली नहीं मिल पा रही।
कोयला हासिल करने के लिए केन्द्र से लगातार वार्ता की जा रही है। वहीं, करीब छह बिजली उत्पादन इकाइयों में दो से तीन दिन का कोयला ही बचा है। जयपुर शहर में 210 लाख यूनिट प्रतिदिन की बिजली की डिमांड है। हालांकि शहर में एक घंटे की घोषित और दिन में कई कई बार की जाने वाली अघोषित कटौती का आमजन दंश झेल रहा है, लेकिन बावजूद इसके विभाग के अधिकारी सप्लाई में किसी तरह का अंतर होने से इंकार कर रहे हैं।

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